लखनऊ: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोमवार को लखनऊ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पार्टी की एक पुस्तिका लॉन्च की. यह पुस्तिका बेरोजगार युवाओं पर आधारित है. इस मौके पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि लगभग 10 साल बाद मैं लखनऊ आया हूं. 2012 में मैं उत्तर प्रदेश प्रभारी था. मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि 2012 में लगभग सभी विधानसभा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी थी. इस बार प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लगभग सभी सीटों पर कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में संगठन को मजबूत किया है. पिछले दो साल में उत्तर प्रदेश में जो भी मुद्दे सामने आए सभी पर केवल कांग्रेस पार्टी ही नजर आई. चाहे महिलाओं पर अत्याचार हो, बलात्कार हो, किसानों की समस्या हो, हर विषय पर प्रियंका गांधी सड़क पर नजर आईं. राहुल गांधी सड़क पर नजर आए. उन्होंने वाकई एक नया मोड़ उत्तर प्रदेश की पॉलिटिक्स को दिया है. यह मैं मानता हूं कि 1989 के बाद से उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं आई है.
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि पिछले 32 साल में उत्तर प्रदेश में केवल जाति और धर्म के नाम पर सरकारें बनती और बिगड़ती रहीं. किसी भी पार्टी ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बात नहीं की. कांग्रेस पार्टी इसी के लिए लड़ाई लड़ती रही है. यही कारण है कि सबसे ज्यादा कुपोषण उत्तर प्रदेश में ही मिलेगा. सबसे ज्यादा बेरोजगार उत्तर प्रदेश में ही मिलेंगे. तमाम पद खाली पड़े हुए हैं. परीक्षा होती है. पेपर आउट हो जाता है और ऑनलाइन एग्जामिनेशन जो चल रहा है उसमें और भी ज्यादा धांधली हो रही है.
प्रियंका गांधी ने चुनौतीपूर्ण निर्णय लिया है कि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों में 40 फीसदी महिलाओं को टिकट देंगे. उन्होंने महिलाओं के लिए अलग से घोषणा पत्र भी जारी किया है. अभी तक 373 सीट डिक्लेअर हुई हैं. उनमें से 155 सीटों पर महिला प्रत्याशी हैं. उन्होंने महिलाओं के लिए विशेषकर लड़कियों के लिए उनका नारा है 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' जिसने पूरे देश में एक नई हवा पैदा कर दी है. बुनियादी तौर पर वे धर्म की बात करती हैं न जात की बात करती हैं. महंगाई की बात करती हैं. शिक्षा के गिरते हुए स्तर की बात करती हैं. गिरते स्वास्थ्य सेवाओं की बात करती हैं. गवर्नेंस की बात करती हैं. जिसकी बात न तो भाजपा करती है, न सपा और न ही बसपा. एक नई दिशा देने के लिए उन्होंने जो चुनाव हाथ में लिया है उसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं.
उन्होंने कहा कि आज हम लोगों ने रोजगार को लेकर यह पुस्तिका लॉन्च की है. अगर आप देखेंगे तो 2014 से 2022 तक केंद्र में मोदी की सरकार है. 2017 से डबल इंजन की सरकार है, लेकिन इस सरकार में कितना लाभ हुआ यह मैं नहीं जानता. डबल इंजन एक पटरी पर एक तरफ मुंह करके चल रहे हैं. एक उत्तर की तरफ खींचता है एक दक्षिण की तरफ. तो उनका क्या हाल होगा. कई बार दोनों सरकारें कॉम्पटीटर के रूप में देखी जाती हैं. पता ही नहीं चलता कि मोदी जी नेतृत्व कर रहे हैं या बाबा जी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 50 दिन में मैं नोटबंदी की समस्या का हल न करूं तो चौराहे पर खड़ा हो जाऊंगा, लेकिन 50 दिन पूरे हो गए वह चौराहा नहीं ढूंढ पाए. उन 50 दिनों की बात छोड़ दीजिए.
डॉ मनमोहन सिंह ने कहा था कि नोटबंदी बहुत बड़ा स्कैम है इससे जीडीपी में 2 प्रतिशत गिरावट आएगी. यह वाकई बड़ा स्कैम था. ऐसे कई प्रमाण सामने आए. भारतीय जनता पार्टी गुजरात के पूर्व विधायक यतीन्द्र ओझा ने पत्र लिखकर मोदी को कहा था कि अमित शाह के कई लोग एक करोड़ पुराने नोट लेकर साढ़े 67 लाख तक के नोट वापस कर रहे हैं. गिर रहा है शिक्षा का स्तर, बेरोजगार हो रहे युवा. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है. जहां एक तरफ मोदी जी कहते हैं कि हर साल दो करोड़ रोजगार दूंगा, लेकिन धीरे-धीरे रोजगार 2016 के बाद कम ही होता चला गया है. बेरोजगारी बढ़ती चली गई.
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उन्होंने कहा कि बेरोजगारी प्रतिशत कोविड-19 से पहले 6.25 फीसदी पहुंच गया था. लगातार बेरोजगारी बढ़ती जा रही है. सरकार ने यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन का भी बजट काट दिया है. शिक्षा के मामले में लगातार सरकार बजट काम कर रही है. युवा जब नौकरी मांगने जाते हैं तो आपने देखा किस तरह प्रयागराज में छात्रों की पिटाई की गई. महिलाओं पर लगातार अत्याचार बढ़ रहा है. हाथरस की घटना हो चाहे उन्नाव की घटना. महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही लड़ती रही है.
'रिसर्च इंस्टिट्यूट में अब आरएसएस की डिग्री होना जरूरी'
उन्होंने कहा कि रिसर्च इंस्टीट्यूटशन में देखा जाता है कि पढ़ा-लिखा भले न हो, लेकिन आरएसएस का मेंबर होना चाहिए. अब इन रिसर्च संस्थानों में यही सब देखा जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी की जो मानसिकता है वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मानसिकता है. उसी से भाजपा की नीतियां बनती हैं.
भाजपा और आरएसएस के नेता करते हैं महिलाओं का अपमान
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के महिलाओं के बारे में जो उनके बयान हैं वे काफी चिंताजनक हैं. महिलाओं में अगर पुरुषों के गुण आ जाते हैं तो वे राक्षस बन जाती हैं. योगी आदित्यनाथ का ये बयान है. उन्होंने कहा कि नाथ संप्रदाय से हमारे पूर्वज भी जुड़ गए थे. मैं जब भी गोरखपुर गया हूं गोरखनाथ मठ में जरूर गया हूं, लेकिन गुरु गोरखनाथ ने जो सामाजिक समरसता का एक उदाहरण पेश किया था वह सामाजिक समरसता के सारे मुद्दे थे. योगी आदित्यनाथ ने इन्हें भुलाकर केवल 80 फीसदी की बात करनी शुरू कर दी. केवल हिंदू-मुसलमान, कब्रिस्तान-श्मशान, चाचा जान, पाकिस्तान को ले आए हैं. हम उसकी निंदा करते हैं.
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कोई लड़की शिष्ट कपड़े पहनती है तो उसे कोई नहीं छेड़ता तो क्या इस तरह के बयान मुख्यमंत्रियों को देना शोभा देता है? गलती उनकी नहीं गलती विचारधारा की है. मोहन भागवत मनुस्मृति से ही भारतीय संविधान का संचालक कराना चाहते थे, इसलिए उन्होंने बाबा साहेब का विरोध किया. भारतीय संविधान को जलाया, तिरंगे को जलाया. मोहन भागवत का बयान है कि शादी एक अनुबंध होता है. मोहन भागवत ने शादी नहीं की. नरेंद्र मोदी ने शादी नहीं की और न ही योगी आदित्यनाथ ने. महिलाओं के लिए अपमान की बात है.
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