लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती के चुनावी मैदान में निकलने से पार्टी को क्या फायदा हुआ, यह तो 10 मार्च को ही साफ होगा. मगर, उनकी जनसभाओं से जहां मूल वोट साधने में मदद मिली है. वहीं, कैडर में भी एक नया जोश देखने को मिल रहा है. इस कड़ी में कैडर ने डोर-टू-डोर अभियान शुरू कर दिया. राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, उनके बेटे कपिल मिश्रा व पत्नी कल्पना मिश्रा घर-घर जाकर बसपा के पक्ष में वोट देने की अपील कर रही हैं.
यूपी में 403 विधानसभा सीट हैं. इनमें सभी पर बसपा अकेले दम पर चुनाव लड़ रही है. 2 फरवरी को मायावती ने आगरा में पहली चुनावी जनसभा की. सोमवार को प्रयागराज में करीब 12वीं जनसभा कर पूर्वांचल में समीकरण साधे हैं. वहीं बसपा प्रमुख मायावती 3 मार्च तक मंडलवार जनसभा करेंगी.
एक तरफ जहां बसपा प्रमुख मायावती मंडलवार में जनसभा करेंगी, वहीं पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा विधानसभावार रैली कर रहे हैं. खासकर, वह ब्राह्मणों पर हुए जुल्म का जिक्र कर खुले मंच से सरकार को घेर रहे हैं. ब्राह्मणों को पाले में खींचकर वह 2007 का सोशल इंजीनियरिंग का फार्मूला फिट कर रहे हैं. बसपा भाईचारे का दांव खेलकर नंबर दो की बाजी को पलटकर नम्बर एक पर आने के प्लान पर काम कर रही है.
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यूं तो राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा व बेटे कपिल मिश्रा पार्टी में किसी पद पर नहीं हैं. मगर, मां-बेटे दोनों ही बसपा प्रमुख मायावती को पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लेकर मैदान में उतरे हुए हैं. कल्पना मिश्रा जहां महिलाओं को एकजुट कर रही हैं. वहीं, वे जिलों में घूम-घूमकर सभाएं व डोर-टू-डोर कैंपन कर रही हैं. साथ ही कपिल मिश्रा भी बसपा प्रत्याशी के लिए घर-घर वोट मांग रहे हैं. मायावती की जनसभाओं के बाद बसपा के कैडर में भी जोश भर गया है. वह घर-घर पार्टी के फोल्डर बांट रहे हैं. इस फोल्डर में बसपा सरकार में हुए कार्यों का लेखा-जोखा है.
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