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विधानसभा के सामने धरने पर बैठे बेरोजगार युवक, कर रहे ये मांग - मानसून सत्र के दौरान धरना

बुधवार को सरकारी प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर बेरोजगार युवक विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए. धरना दे रहे युवकों ने नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

विधानसभा के सामने धरने पर बैठे बेरोजगार युवक
विधानसभा के सामने धरने पर बैठे बेरोजगार युवक
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Published : Aug 18, 2021, 9:00 PM IST

लखनऊ : मानसून सत्र के दौरान बुधवार को सरकारी प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर बेरोजगार युवकों ने विधासभा के सामने मोर्चा खोल दिया. शिक्षकों के 22,000 पदों पर भर्ती की मांग को लेकर युवक विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए. ऐसे में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बेरोजगार युवकों के धरने पर बैठने से सुरक्षाबलों के हाथ-पैर फूल गए. प्रदेश भर से आए बेरोजगार युवक बेसिक शिक्षा विभाग में खाली पदों पर भर्ती करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाबलों ने हिरासत में ले लिया.

बता दें, कि प्रदेश भर के B.Ed, बीटीसी कॉलेजों में पढ़ कर निकले हजारों युवक बेरोजगार हैं. लगभग बीते 60 दिनों से इनकी तरफ से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. एक हफ्ता पहले ही इनमें से कुछ युवक एससीईआरटी कार्यालय के पास पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. जिसके बाद प्रशासन के दबाव में उन्हें टंकी से उतरना पड़ा था. इसी क्रम में आज बेरोजगार युवक भर्ती की मांग को लेकर विधानसभा के सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.

विधानसभा के सामने धरने पर बैठे बेरोजगार युवक

कौन सी मांगो को लेकर युवक कर रहे प्रदर्शन ?

  • प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने पहली भर्ती 68,500 पदों के लिए की थी, जिस भर्ती में उचित संख्या में योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण लगभग 23,000 से अधिक पद रिक्त रह गए थे.
  • बेसिक शिक्षा भर्ती की नियमावली और उच्च न्यायलय के “बचे हुए पदों के अग्रिम भर्ती में समायोजन के नियमानुसार” वो सभी रिक्त पद अगली भर्ती में स्वतः ही जोड़ देने चाहिए थे लेकिन सरकार ने अगली भर्ती मात्र 69,000 हजार पदों पर ही जारी कर दी.
  • इस 69,000 भर्ती में कट ऑफ परीक्षा के बाद लगाने के कारण ये मामला 2 साल तक न्यायालय में लंबित रहा और उसके बाद उच्च न्यायलय द्वारा कट ऑफ 90 व 97 निर्धारित की गई. जिसमे 69,000 पदों के सापेक्ष लगभग 1.46 लाख अभ्यर्थी पास हुए.
  • 1.37 लाख पदों को भरने के लिए सरकार ने नियमावली में संसोधन करते हुए यह निर्धारित किया, कि चयन प्रक्रिया गुणांक आधारित होगी. जिसका निर्धारण लिखित परीक्षा का 60% और एकेडमिक (दसवीं + बारहवीं + स्नातक+बीएड/बीटीसी प्रत्येक का 10%) का 40% के आधार पर होगा.
  • इस प्रक्रिया की वजह से 2010 या इससे पूर्व के कई योग्य अभ्यर्थी गुणांक के आधार पर चयन से बाहर हो गए.
  • प्रदर्शनकारियों का कहना है, कि सभी को मौका दिया जाए. रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए.

इसे पढ़ें- योगी सरकार ने पेश किया 7301.5 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट

लखनऊ : मानसून सत्र के दौरान बुधवार को सरकारी प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर बेरोजगार युवकों ने विधासभा के सामने मोर्चा खोल दिया. शिक्षकों के 22,000 पदों पर भर्ती की मांग को लेकर युवक विधानसभा के सामने धरने पर बैठ गए. ऐसे में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बेरोजगार युवकों के धरने पर बैठने से सुरक्षाबलों के हाथ-पैर फूल गए. प्रदेश भर से आए बेरोजगार युवक बेसिक शिक्षा विभाग में खाली पदों पर भर्ती करने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाबलों ने हिरासत में ले लिया.

बता दें, कि प्रदेश भर के B.Ed, बीटीसी कॉलेजों में पढ़ कर निकले हजारों युवक बेरोजगार हैं. लगभग बीते 60 दिनों से इनकी तरफ से धरना प्रदर्शन किया जा रहा है. एक हफ्ता पहले ही इनमें से कुछ युवक एससीईआरटी कार्यालय के पास पानी की टंकी पर चढ़ गए थे. जिसके बाद प्रशासन के दबाव में उन्हें टंकी से उतरना पड़ा था. इसी क्रम में आज बेरोजगार युवक भर्ती की मांग को लेकर विधानसभा के सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.

विधानसभा के सामने धरने पर बैठे बेरोजगार युवक

कौन सी मांगो को लेकर युवक कर रहे प्रदर्शन ?

  • प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने पहली भर्ती 68,500 पदों के लिए की थी, जिस भर्ती में उचित संख्या में योग्य अभ्यर्थी न मिलने के कारण लगभग 23,000 से अधिक पद रिक्त रह गए थे.
  • बेसिक शिक्षा भर्ती की नियमावली और उच्च न्यायलय के “बचे हुए पदों के अग्रिम भर्ती में समायोजन के नियमानुसार” वो सभी रिक्त पद अगली भर्ती में स्वतः ही जोड़ देने चाहिए थे लेकिन सरकार ने अगली भर्ती मात्र 69,000 हजार पदों पर ही जारी कर दी.
  • इस 69,000 भर्ती में कट ऑफ परीक्षा के बाद लगाने के कारण ये मामला 2 साल तक न्यायालय में लंबित रहा और उसके बाद उच्च न्यायलय द्वारा कट ऑफ 90 व 97 निर्धारित की गई. जिसमे 69,000 पदों के सापेक्ष लगभग 1.46 लाख अभ्यर्थी पास हुए.
  • 1.37 लाख पदों को भरने के लिए सरकार ने नियमावली में संसोधन करते हुए यह निर्धारित किया, कि चयन प्रक्रिया गुणांक आधारित होगी. जिसका निर्धारण लिखित परीक्षा का 60% और एकेडमिक (दसवीं + बारहवीं + स्नातक+बीएड/बीटीसी प्रत्येक का 10%) का 40% के आधार पर होगा.
  • इस प्रक्रिया की वजह से 2010 या इससे पूर्व के कई योग्य अभ्यर्थी गुणांक के आधार पर चयन से बाहर हो गए.
  • प्रदर्शनकारियों का कहना है, कि सभी को मौका दिया जाए. रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाए.

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