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'उम्मीद' संस्था निस्वार्थ भाव से करेगी कोरोना शवों का अंतिम संस्कार

लखनऊ गुरुद्वारा कमेटी और उम्मीद संस्था के संयुक्त तत्वाधान में निशुल्क शव वाहन चलाने की शुरुआत की गई है. साथ ही दोनों संस्था के सदस्य कोविड से मृत्यु के पश्चात शवों को घर से उठाने से लेकर अंतिम क्रिया की जिम्मेदरी निभाएंगे.

'उम्मीद' संस्था करेगी कोरोना शवों का अंतिम संस्कार
'उम्मीद' संस्था करेगी कोरोना शवों का अंतिम संस्कार
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Published : May 7, 2021, 7:02 AM IST

लखनऊः कोरोना महामारी की इस आपदा में जहां लोगों की जाने जा रही हैं. वहीं संक्रमण के डर से अर्थियों को कंधा देने से भी लोग कतरा रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी और इलाज न मिल पाने के कारण भारी संख्या में मौतें हो रही हैं. ऐसे हालात में अस्पताल और घरों से शवों को श्मशान घाट ले जाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी वाहनों की कमी हो गई है. जिन परिवारों में सभी लोग संक्रमित हैं और उनमें से किसी एक सदस्य की मौत हो जा रही है तो उसे श्मशान घाट ले जाने वाला या उनकी अंत्येष्टि करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में राजधानी लखनऊ की गुरुद्वारा कमेटी और उम्मीद संस्था के संयुक्त तत्वाधान में शव वाहन चलाने की शुरुआत की गई है.

कोरोना से मृत्यु होने पर शवों को पहुंचाएंगे श्मशान घाट
शव वाहन सेवा के अंतर्गत यदि किसी भी समुदाय के व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होती है तो उसके शव को अंत्येष्टि स्थान पर निशुल्क शव वाहन से पहुंचाया जाएगा. साथ ही संस्था के वॉलिंटियर शव वाहन के साथ अस्पताल या घरों से शवों को लेकर अंत्येष्टि तक की जिम्मेदारी निभाएंगे. बीते 5 मई से शुरू हुई इस सेवा से कई परिवारों को राहत मिल रही है.

इसे भी पढ़ें-जूना अखाड़ा के महंत प्रज्ञानंद गिरी का कोरोना से निधन

कोरोना संक्रमित शवों से संक्रमण फैलने से डर रहे लोग
लखनऊ गुरुद्वारा कमेटी के महामंत्री हरपाल सिंह जग्गी का कहना है कि कुछ दिन पहले उनकी भाभी का कोरोना से निधन हो गया था. परिवार के सभी लोग संक्रमित होने के कारण शव वाहन से लेकर उनकी अंत्येष्टि क्रिया में काफी दिक्कतें हुई थी. आस-पड़ोस के लोग भी संक्रमण के खतरे के कारण मदद नहीं कर पाए थे. तभी से मन में इस तरह से सेवा भाव का विचार आया था.

आपदा में अवसर तलाश रहे लोग
उम्मीद संस्था के बलवीर सिंह मान का कहना है कई लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. शव वाहन की कमी होने के कारण शवों को ले जाने के लिए इस दुख की घड़ी में भी मोटी रकम वसूल रहे हैं. इसीलिए उम्मीद संस्था ने निस्वार्थ और निशुल्क लोगों की सेवा करने का प्रण लिया है.

लखनऊः कोरोना महामारी की इस आपदा में जहां लोगों की जाने जा रही हैं. वहीं संक्रमण के डर से अर्थियों को कंधा देने से भी लोग कतरा रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी और इलाज न मिल पाने के कारण भारी संख्या में मौतें हो रही हैं. ऐसे हालात में अस्पताल और घरों से शवों को श्मशान घाट ले जाने के लिए सरकारी और गैर सरकारी वाहनों की कमी हो गई है. जिन परिवारों में सभी लोग संक्रमित हैं और उनमें से किसी एक सदस्य की मौत हो जा रही है तो उसे श्मशान घाट ले जाने वाला या उनकी अंत्येष्टि करने वाला कोई नहीं है. ऐसे में राजधानी लखनऊ की गुरुद्वारा कमेटी और उम्मीद संस्था के संयुक्त तत्वाधान में शव वाहन चलाने की शुरुआत की गई है.

कोरोना से मृत्यु होने पर शवों को पहुंचाएंगे श्मशान घाट
शव वाहन सेवा के अंतर्गत यदि किसी भी समुदाय के व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मृत्यु होती है तो उसके शव को अंत्येष्टि स्थान पर निशुल्क शव वाहन से पहुंचाया जाएगा. साथ ही संस्था के वॉलिंटियर शव वाहन के साथ अस्पताल या घरों से शवों को लेकर अंत्येष्टि तक की जिम्मेदारी निभाएंगे. बीते 5 मई से शुरू हुई इस सेवा से कई परिवारों को राहत मिल रही है.

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कोरोना संक्रमित शवों से संक्रमण फैलने से डर रहे लोग
लखनऊ गुरुद्वारा कमेटी के महामंत्री हरपाल सिंह जग्गी का कहना है कि कुछ दिन पहले उनकी भाभी का कोरोना से निधन हो गया था. परिवार के सभी लोग संक्रमित होने के कारण शव वाहन से लेकर उनकी अंत्येष्टि क्रिया में काफी दिक्कतें हुई थी. आस-पड़ोस के लोग भी संक्रमण के खतरे के कारण मदद नहीं कर पाए थे. तभी से मन में इस तरह से सेवा भाव का विचार आया था.

आपदा में अवसर तलाश रहे लोग
उम्मीद संस्था के बलवीर सिंह मान का कहना है कई लोग आपदा में अवसर तलाश रहे हैं. शव वाहन की कमी होने के कारण शवों को ले जाने के लिए इस दुख की घड़ी में भी मोटी रकम वसूल रहे हैं. इसीलिए उम्मीद संस्था ने निस्वार्थ और निशुल्क लोगों की सेवा करने का प्रण लिया है.

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