लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रखी है. इसी के तहत यूपी के आईएएस और पीसीएस अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग में अवैध वसूली को लेकर नियुक्ति विभाग के दो अधिकारियों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है. हालांकि सीएम ने इन अफसरों के खिलाफ विजलेंस जांच के निर्देश भी दे दिए हैं.
बता दें कि एक दिन पूर्व जांच में भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने पर यूपी के बेसिक शिक्षा के रिटायर निदेशक साक्षरता, वैकल्पिक शिक्षा, उर्दू एवं प्राच्य भाषाएं संजय सिन्हा की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी.
नियुक्ति विभाग के दो अफसरों के खिलाफ शासन को भेजी गई शिकायत में नियुक्ति विभाग के अनुभाग अधिकारी शशिकांत मिश्रा व अमित सिंह पर भ्रष्टाचार और ट्रांसफर-पोस्टिंग में वसूली कर अवैध संपत्ति बनाने के आरोप लगाए गए हैं.
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लंबे समय से तैनात दोनों असफरों पर IAS व PCS के ट्रांसफर का काम देखने की जिम्मेदारी हैं. विजलेंस की जांच के आदेश के बाद भी अभी तक दोनों अफसरों को उनके अनुभाग से हटाया नहीं गया है.
लखनऊ के सीतापुर रोड निवासी वकील संत कुमार ने यूपी के नियुक्ति विभाग के अनुभाग 5 में तैनात शशिकांत मिश्रा व अनुभाग 3 में तैनात अमित सिंह के खिलाफ प्रशासन से भ्रष्टाचार और ट्रांसफर-पोस्टिंग अवैध वसूली की शिकायत की थी. संत कुमार ने शिकायत में अनुशासनिक कार्रवाई खत्म करने के एवज में 5 से 10 लाख लेने का आरोप लगाया है.
साथ ही दोनों अनुभाग अधिकारियों पर लगभग 24 अफसरों की अनुशासनिक कार्रवाई खत्म करने की एवज में लाखों लेने का आरोप भी हैं. शासन को भेजे गए शिकायत पत्र में 9 बिंदुओं के साथ कई गंभीर आरोप दोनों अफसरों पर लगाए गए हैं.