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गायत्री प्रजापति के खिलाफ दर्ज कराई गई FIR, दो इंस्पेक्टर सस्पेंड

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस कमिश्नर ने दो इंस्पेक्टरों को निलंबित कर दिया है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांच पड़ताल किए और सबूतों के गायत्री प्रसाद प्रसाद प्रजापति के ऊपर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के तथाकथित पति राम सिंह को जेल भेज दिया.

गायत्री प्रसाद प्रजापति.
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Published : Sep 10, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 5:18 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. बीते दिनों गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से 2 महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी. अब उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक के वकील दिनेश त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है. यह एफआईआर वकील ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक और उसकी बेटी अनन्या के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी की धाराओं में दर्ज कराई है.

बताते चलें कि सविता पाठक की तहरीर पर गौतमपल्ली में उनके तथाकथित पति राम सिंह के खिलाफ 2 वर्ष पहले एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए गौतमपल्ली इंस्पेक्टर और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत मिलने के बाद राम सिंह को जेल भेज दिया.

राम सिंह को जेल भेजने के मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर गौतमपल्ली और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. दोनों इंस्पेक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांच पड़ताल के और सबूतों के राम सिंह के ऊपर एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा.

सविता पाठक के वकील दिनेश त्रिपाठी ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए हैं. दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बेनामी संपत्ति को सविता पाठक के नाम पर ट्रांसफर कराया है, जिसके बाद ही सविता पाठक ने उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को हटाया है.

बताते चलें कि बीते दिनों सविता पाठक ने गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोपों को गलत बताते हुए उन्हें अपने पिता तुल्य बताया था, जिसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से 2 महीने की अंतरिम जमानत मिली थी. इसी बीच सविता पाठक और उनके वकील के बीच में विवाद हो गया, जिसके बाद सविता पाठक ने वकील को जान से मारने की धमकी दी. वकील की ओर से यह भी आरोप लगाए गए हैं कि जमानत के बाद गायत्री प्रजापति की ओर से भी उन्हें धमकाया गया.

ये भी पढ़ें: भ्रष्टाचार में निलंबित दोनों आईपीएस की होगी विजिलेंस जांच, सीएम ने दिये निर्देश

डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राम सिंह के खिलाफ 2 वर्ष पहले गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद बीते दिनों राम सिंह को जेल भेज दिया गया. इस मामले को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे की ओर से आदेश जारी कर इंस्पेक्टर गौतमपल्ली को निलंबित कर दिया गया.

लखनऊ: समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति की कहानी में एक नया मोड़ आ गया है. बीते दिनों गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से 2 महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी. अब उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक के वकील दिनेश त्रिपाठी ने गाजीपुर थाने में एक एफआईआर दर्ज कराई है. यह एफआईआर वकील ने गायत्री प्रसाद प्रजापति, उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सविता पाठक और उसकी बेटी अनन्या के खिलाफ धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी की धाराओं में दर्ज कराई है.

बताते चलें कि सविता पाठक की तहरीर पर गौतमपल्ली में उनके तथाकथित पति राम सिंह के खिलाफ 2 वर्ष पहले एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए गौतमपल्ली इंस्पेक्टर और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर ने बिना उच्च अधिकारियों को जानकारी दिए गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत मिलने के बाद राम सिंह को जेल भेज दिया.

राम सिंह को जेल भेजने के मामले में लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए इंस्पेक्टर गौतमपल्ली और क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर अजीत सिंह को सस्पेंड कर दिया गया है. दोनों इंस्पेक्टरों पर आरोप है कि उन्होंने बिना जांच पड़ताल के और सबूतों के राम सिंह के ऊपर एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा.

सविता पाठक के वकील दिनेश त्रिपाठी ने इस मामले को लेकर कई खुलासे किए हैं. दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गायत्री प्रसाद प्रजापति ने बेनामी संपत्ति को सविता पाठक के नाम पर ट्रांसफर कराया है, जिसके बाद ही सविता पाठक ने उन पर लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों को हटाया है.

बताते चलें कि बीते दिनों सविता पाठक ने गायत्री प्रजापति पर दुष्कर्म के आरोपों को गलत बताते हुए उन्हें अपने पिता तुल्य बताया था, जिसके बाद गायत्री प्रसाद प्रजापति को हाईकोर्ट से 2 महीने की अंतरिम जमानत मिली थी. इसी बीच सविता पाठक और उनके वकील के बीच में विवाद हो गया, जिसके बाद सविता पाठक ने वकील को जान से मारने की धमकी दी. वकील की ओर से यह भी आरोप लगाए गए हैं कि जमानत के बाद गायत्री प्रजापति की ओर से भी उन्हें धमकाया गया.

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डीसीपी सेंट्रल सोमेन वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राम सिंह के खिलाफ 2 वर्ष पहले गौतमपल्ली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद बीते दिनों राम सिंह को जेल भेज दिया गया. इस मामले को लेकर लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे की ओर से आदेश जारी कर इंस्पेक्टर गौतमपल्ली को निलंबित कर दिया गया.

Last Updated : Sep 10, 2020, 5:18 PM IST
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