लखनऊ: पिछले दिनों डीजल चोरी के मामले में रोडवेज अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उपनगरीय डिपो के दो चालकों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जांच रिपोर्ट में इन दोनों ड्राइवरों को डीजल चोरी के लिए जिम्मेदार माना गया, जबकि वीडियो बनाने वाले कंडक्टर को बरी कर दिया गया. लखनऊ परिक्षेत्र के उपनगरीय डिपो के अंतर्गत हैदरगढ़ डिपो की बस से डीजल चोरी का मामला सामने आया था.
बीती दो अक्टूबर को रोडवेज बस से डीजल निकालने का वीडियो सामने आया था. बस दिल्ली से लखनऊ आ रही थी. इस दौरान बरेली में एक ढाबे पर बस से डीजल चोरी का प्रयास किया गया था. इस मामले की इंक्वायरी अवध बस स्टेशन के एआरएम प्रशांत दीक्षित को दी गई थी. उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में डीजल निकालते हुए वीडियो बनाने वाले बस कंडक्टर मनोज कुमार यादव को निर्दोष माना. वहीं संविदा के चालक सरोज कुमार यादव और राजेश कुमार यादव को दोषी पाया गया. उपनगरीय डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक काशी प्रसाद ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है.
सीएम पोर्टल पर हुई फिर से जांच की मांग
रोडवेज बसों से डीजल चोरी मामले में रोडवेज अधिकारियों ने जिम्मेदार ड्राइवरों पर कार्रवाई कर कंडक्टर को माफ कर दिया. अब इस मामले की दोबारा जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री के सीएम पोर्टल पर की गई है. शाहजहांपुर निवासी तरबेज आलम ने पूरे मामले में बस कंडक्टर की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं.
यूनियन के दबाव में कंडक्टर को किया गया बरी
रोडवेज के ड्राइवर और कंडक्टर भी मानते हैं कि इस डीजल चोरी में कंडक्टर भी बराबर का भागीदार था. कार्रवाई कंडक्टर पर भी होनी चाहिए थी, लेकिन यूनियन के दबाव में उसे बचाया जा रहा है. अधिकारियों पर दबाव पड़ा है, इसलिए ड्राइवरों पर कार्रवाई की गई है. कंडक्टर पर नहीं.