प्रयागराजः गैंगस्टर मामले में जेल में बंद माफिया रहे मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सोमवार को सुनवाई टल गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार का जवाबी हलफनामा रिकार्ड पर न पाए जाने पर 28 नवंबर की तारीख़ लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि कार्यालय अगली तारीख तक इसका पता लगाए और रिकॉर्ड में रखे. यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी पर दिया.
बता दें कि अब्बास अंसारी पर चित्रकूट के कर्वी कोतवाली नगर में 31 अगस्त 2024 को दर्ज मुकदमे के आधार पर गैंगस्टर लगाया गया था. सोमवार को हाईकोर्ट में जमानत याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने 23 नवंबर 2024 को कार्यालय में जवाबी हलफनामा दायर किया है, लेकिन वह रिकार्ड में नहीं है. जबकि याची का प्रत्युत्तर हलफनामा रिकॉर्ड में है. कोर्ट ने कार्यालय को इसका पता लगाने का निर्देश दियाय
इससे पूर्व 18 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में विधायक अब्बास की याचिका खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. साथ ही कहा था कि जमानत याचिका पर चार सप्ताह में सुनवाई पूरी करने का प्रयास किया जाए.
गौरतलब है कि अब्बास अंसारी को प्रयागराज में हुए मनी लॉड्रिंग केस में सजा हुई थी. अब्बास चित्रकूट जेल में बंद था. यहां चोरी-छिपे उसने पत्नी निकहत से मुलाकात की थी. अफसरों ने छापेमारी कर दोनों को रंगे हाथ पकड़ा था. पुलिस को निकहत के पास से विदेशी करेंसी के साथ मोबाइल भी मिला था. इस घटना के बाद पत्नी को भी जेल भेज दिया गया था. बाद में अब्बास को कासगंज जेल में शिफ्ट कर दिया गया था.
बता दें कि बांदा जेल में बंद अब्बास के पिता मुख्तार अंसारी का स्वास्थ्य 28 मार्च को खराब हो गया था. इसके बाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां मौत हो गई थी. परिवार के लोग जहर दिए जाने का आरोप लगाया था. 29 मार्च को शव पैतृक घर ले जाया गया था. 30 मार्च को शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण हार्ट अटैक आया था.