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केजीएमयू में जल्द होगी प्लाज्मा थेरेपी, डोनेट के लिए आगे आए 2 कोरोना सर्वाइवर

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जल्द ही प्लाज्मा सेल थेरेपी के माध्यम से कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की शुरुआत कर दी जाएगी. शनिवार को केजीएमयू में ही कोरोना संक्रमण से ठीक हुए दो व्यक्तियों ने प्लाज्मा और एंटीबॉडी डोनेट किया है.

plasma donation
प्लाज्मा डोनेशन
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Published : Apr 25, 2020, 9:48 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 11:50 AM IST

लखनऊः किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में शनिवार को कोरोना संक्रमण से ठीक हुए दो व्यक्तियों ने प्लाज्मा डोनेशन किया. इनमें से एक केजीएमयू के ही रेजिडेंट डॉक्टर तौसीफ, जबकि दूसरे लखीमपुर खीरी से उमाशंकर मिश्रा हैं. ये दोनों ही कोरोना संक्रमित होने के बाद केजीएमयू में भर्ती थे, अब इलाज के बाद दोनों लोग ठीक हो चुके हैं.

केजीएमयू में जल्द होगी प्लाज्मा थेरेपी


कोरोना इलाज में कारगर हो सकती हैं एंटीबॉडी
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि 25 अप्रैल को दो कोरोना संक्रमित मरीजों के पूर्ण स्वस्थ हो जाने के बाद उन्होंने प्लाज्मा डोनेट किया है. इस प्लाज्मा से कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों का इलाज किया जा सकेगा. प्लाज्मा डोनेशन से मिले एंटीबॉडी, कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करने में काफी मददगार साबित हो सकती है. प्लाज्मा डोनेशन की इस पूरी प्रक्रिया को प्लाज्माफेरेसिस कहा जाता है.

गंभीर मरीजों का किया जाएगा इलाज
प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से कोरोना संक्रमित उन व्यक्तियों का इलाज किया जाएगा, जिन पर सामान्य इलाज और दवाइयां बेअसर साबित हो रही हैं. इसके अलावा वह मरीज जो कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीर अवस्था में पहुंच चुके हैं, वे भी प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया में शामिल होंगे.

प्लाज्माफेरेसिस की टीम में ये चिकित्सक कर रहे हैं काम
प्लाज्माफेरेसिस की टीम में संस्थान के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. एसपी वर्मा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. सुरुचि, डॉ. सूर्यकांत, मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र आतम, डॉ. केके सावलानी और पैथोलॉजी विभाग से डॉ. वाहिद शामिल हैं.

लखनऊः किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग में शनिवार को कोरोना संक्रमण से ठीक हुए दो व्यक्तियों ने प्लाज्मा डोनेशन किया. इनमें से एक केजीएमयू के ही रेजिडेंट डॉक्टर तौसीफ, जबकि दूसरे लखीमपुर खीरी से उमाशंकर मिश्रा हैं. ये दोनों ही कोरोना संक्रमित होने के बाद केजीएमयू में भर्ती थे, अब इलाज के बाद दोनों लोग ठीक हो चुके हैं.

केजीएमयू में जल्द होगी प्लाज्मा थेरेपी


कोरोना इलाज में कारगर हो सकती हैं एंटीबॉडी
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता ने बताया कि 25 अप्रैल को दो कोरोना संक्रमित मरीजों के पूर्ण स्वस्थ हो जाने के बाद उन्होंने प्लाज्मा डोनेट किया है. इस प्लाज्मा से कोरोना संक्रमित गंभीर रोगियों का इलाज किया जा सकेगा. प्लाज्मा डोनेशन से मिले एंटीबॉडी, कोरोना संक्रमित मरीजों को ठीक करने में काफी मददगार साबित हो सकती है. प्लाज्मा डोनेशन की इस पूरी प्रक्रिया को प्लाज्माफेरेसिस कहा जाता है.

गंभीर मरीजों का किया जाएगा इलाज
प्लाज्मा थेरेपी के माध्यम से कोरोना संक्रमित उन व्यक्तियों का इलाज किया जाएगा, जिन पर सामान्य इलाज और दवाइयां बेअसर साबित हो रही हैं. इसके अलावा वह मरीज जो कोरोना वायरस के संक्रमण की गंभीर अवस्था में पहुंच चुके हैं, वे भी प्लाज्मा थेरेपी की प्रक्रिया में शामिल होंगे.

प्लाज्माफेरेसिस की टीम में ये चिकित्सक कर रहे हैं काम
प्लाज्माफेरेसिस की टीम में संस्थान के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. एसपी वर्मा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. सुरुचि, डॉ. सूर्यकांत, मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वीरेंद्र आतम, डॉ. केके सावलानी और पैथोलॉजी विभाग से डॉ. वाहिद शामिल हैं.

Last Updated : Apr 26, 2020, 11:50 AM IST
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