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45 साल पुराने हत्या के प्रयास मामले में दो दोषी करार, तीन अभियुक्तों की हो चुकी है मृत्यु - Two convicted

हत्या के प्रयास के एक मामले में 45 साल बाद अभियुक्तों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. अपर सत्र न्यायाधीश लोकेश वरुण (Additional Sessions Judge Lokesh Varun) ने अभियुक्त बृजलाल व पुत्ती लाल को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक को 11 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

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Published : Dec 12, 2022, 9:24 PM IST

लखनऊ : हत्या के प्रयास के एक मामले में 45 साल बाद अभियुक्तों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. अपर सत्र न्यायाधीश लोकेश वरुण (Additional Sessions Judge Lokesh Varun) ने अभियुक्त बृजलाल व पुत्ती लाल को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक को 11 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए एडीजीसी अभय त्रिपाठी का कहना था कि इस मामले की रिपोर्ट 45 साल पहले 21 अगस्त 1977 को वादी राम औतार ने थाना काकोरी में दर्ज कराई थी. वादी ने पुलिस रिपोर्ट में कहा कि घटना वाले दिन रात्रि 8ः30 बजे वह अपने भाई की दवा लेने के लिए दुर्गागंज जा रहा था. तभी गांव के पूरब चौक रोड के पास तालाब पर पहुंचा तो वहां पेड़ के पास संकटा प्रसाद, पुत्ती लाल, छोटे लाल, बृजलाल व लक्ष्मण प्रसाद ने वादी को रोका तथा सभी ने एक राय होकर हमला कर दिया. बहस के दौरान अदालत को बताया गया कि हमला करने के दौरान अभियुक्त संकटा ने तमंचे से वादी पर फायर कर दिया जो उसके दाहिने पैर में लगा. यह भी कहा गया कि घटना के समय अन्य आरोपियों के पास लाठियां थीं. यह घटना संकटा से कुछ दिन पूर्व वादी की जानवरों को लेकर कहासुनी के कारण हुई थी. अदालत ने कहा है कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में सफल रहा है. मामले में निर्णय सुनाए जाने के पूर्व तीन अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी थी. जबकि मौजूदा अभियुक्त भी काफी उम्र के हो चुके हैं.

सीरियल किलर गैंग के सदस्य सलीम को जमानत से इंकार : जेल से फोन कर अवैध वसूली की मांग करने और धमकाने के मामले में सीरियल किलर गैंग के सदस्य सलीम की जमानत अर्जी को एडीजे अजय श्रीवास्तव (ADJ Ajay Srivastava) ने खारिज कर दिया है. कोर्ट में सलीम की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी (Government Advocate Manoj Tripathi) ने तर्क दिया कि वादी अवधेश कुमार (Plaintiff Awadhesh Kumar) ने ठाकुरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक फरवरी को उसके मोबाइल पर लगातार व्हाट्सएप कॉल आ रही थीं. जिसमें सलीम तिहाड़ लिखकर आ रहा था, कहा गया कि जब वादी ने फोन उठाया तो उधर से बोलने वाले ने अपना नाम रुस्तम बताया और धमकी देकर कहा कि बहुत गर्मी चढ़ गई है, तुमने बहुत रुपये कमा लिए हैं. कल हमारे मिलने वाले तौहीद आएंगे, जो काम कहें वो कर देना और प्लाट पर कब्ज़ा करने में मदद कर देना नहीं तो खैर नहीं.

लखनऊ : हत्या के प्रयास के एक मामले में 45 साल बाद अभियुक्तों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है. अपर सत्र न्यायाधीश लोकेश वरुण (Additional Sessions Judge Lokesh Varun) ने अभियुक्त बृजलाल व पुत्ती लाल को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक को 11 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है.

अदालत के समक्ष तर्क प्रस्तुत करते हुए एडीजीसी अभय त्रिपाठी का कहना था कि इस मामले की रिपोर्ट 45 साल पहले 21 अगस्त 1977 को वादी राम औतार ने थाना काकोरी में दर्ज कराई थी. वादी ने पुलिस रिपोर्ट में कहा कि घटना वाले दिन रात्रि 8ः30 बजे वह अपने भाई की दवा लेने के लिए दुर्गागंज जा रहा था. तभी गांव के पूरब चौक रोड के पास तालाब पर पहुंचा तो वहां पेड़ के पास संकटा प्रसाद, पुत्ती लाल, छोटे लाल, बृजलाल व लक्ष्मण प्रसाद ने वादी को रोका तथा सभी ने एक राय होकर हमला कर दिया. बहस के दौरान अदालत को बताया गया कि हमला करने के दौरान अभियुक्त संकटा ने तमंचे से वादी पर फायर कर दिया जो उसके दाहिने पैर में लगा. यह भी कहा गया कि घटना के समय अन्य आरोपियों के पास लाठियां थीं. यह घटना संकटा से कुछ दिन पूर्व वादी की जानवरों को लेकर कहासुनी के कारण हुई थी. अदालत ने कहा है कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में सफल रहा है. मामले में निर्णय सुनाए जाने के पूर्व तीन अभियुक्तों की मृत्यु हो चुकी थी. जबकि मौजूदा अभियुक्त भी काफी उम्र के हो चुके हैं.

सीरियल किलर गैंग के सदस्य सलीम को जमानत से इंकार : जेल से फोन कर अवैध वसूली की मांग करने और धमकाने के मामले में सीरियल किलर गैंग के सदस्य सलीम की जमानत अर्जी को एडीजे अजय श्रीवास्तव (ADJ Ajay Srivastava) ने खारिज कर दिया है. कोर्ट में सलीम की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी (Government Advocate Manoj Tripathi) ने तर्क दिया कि वादी अवधेश कुमार (Plaintiff Awadhesh Kumar) ने ठाकुरगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक फरवरी को उसके मोबाइल पर लगातार व्हाट्सएप कॉल आ रही थीं. जिसमें सलीम तिहाड़ लिखकर आ रहा था, कहा गया कि जब वादी ने फोन उठाया तो उधर से बोलने वाले ने अपना नाम रुस्तम बताया और धमकी देकर कहा कि बहुत गर्मी चढ़ गई है, तुमने बहुत रुपये कमा लिए हैं. कल हमारे मिलने वाले तौहीद आएंगे, जो काम कहें वो कर देना और प्लाट पर कब्ज़ा करने में मदद कर देना नहीं तो खैर नहीं.


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