ETV Bharat / state

यूपी में कोरोना का कहर जारी, आज सुबह राजधानी में मिले 2200 नए संक्रमित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में कोरोना वायरस के संक्रमित मामलें तेजी से बढ़ रहे हैं. अकेले लखनऊ में सोमवार सुबह 2,200 नये संक्रमित पाए गए है. उधर, अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड की कमी के साथ-साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत बढ़ रही है.

कोरोना संक्रमित मरीज
कोरोना संक्रमित मरीज
author img

By

Published : Apr 19, 2021, 11:20 AM IST

Updated : Apr 19, 2021, 11:39 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना की बेकाबू रफ्तार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. प्रदेश के 12 जनपदों में तो इन दिनों इस महामारी से हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना के कहर से राजधानी लखनऊ के हर मोहल्ले में मातम छाया हुआ है. कोविड अस्पताल अब मरीजों से फुल हो चुके हैं. इस बीच राजधानी में सोमवार सुबह 2,200 नये केस पाए गए. उधर, एक ओर जहां कोरोना मरीज को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दो से तीन गुना कीमत देने के बाद मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहा है.

यूपी में कोरोना महामारी भयावह रूप ले चुकी है. लखनऊ समेत प्रदेश के 12 जनपद कोरोना संक्रमण के मामले में टॉप पर हैं. बीते वर्ष 11 सितंबर को राज्य में सर्वाधिक मरीज 7,103 पाए गए थे, जबकि इस साल अप्रैल के महीने में हर रोज नये रिकॉर्ड बन रहे हैं. 14 अप्रैल को 20,510 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. 16 अप्रैल को 27, 426. वहीं, 17 अप्रैल को 27,357 मरीज मिले. 18 अप्रैल को सबसे अधिक 30,596 कोरोना मरीज मिले और जबकि 129 मरीजों की मौतें सर्वाधिक रहीं. गत वर्ष सितम्बर में सबसे अधिक 113 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी.

करीब 2 लाख सक्रिय मामले, ऑक्सीजन व्यवस्था लड़खड़ाई

मार्च में जहां कोरोना के सक्रिय मामले सिर्फ 2000 के करीब थे, वहीं 18 अप्रैल को बढ़कर एक लाख 91 हजार 458 हो गए हैं. लखनऊ में हालात और बद से बदतर होते जा रहे हैं. यहां मरीजों को जांच रिपोर्ट तीन से चार दिन में मिल रही हैं. होमआईसोलेशन के मरीजों की हालत गड़बड़ाने पर अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं. छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर (बी टाइप) का बाजार में संकट है. सिक्योरिटी मनी समेत 2 से 3 हजार में मिलने वाला सिलेंडर 9 से 10 हजार में मिल रहा है. ऐसे ही जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर पहले जहां सिक्योरिटी मनी समेत 8 से 10 हजार में अप्रैल शुरुआत में मिल रहा था, उसके अब 25 से 30 हजार तक वसूले जा रहे हैं. राजधानी में ऑक्सीजन की व्यवस्था चरमराई हुई है. यहां एक प्रोडक्शन प्लांट और 6 बॉटलिंग यूनिट हैं. यह मांग के अनुसार 80 फीसद ही आपूर्ति कर पा रहे हैं.


ऐसे बढ़ा महामारी का प्रकोप-

माह (अप्रैल)मरीजों की संख्या मौत
4 अप्रैल 4164 31
5 अप्रैल 3,99913
6 अप्रैल5,92830
7 अप्रैल6,02340
8 अप्रैल8,49039
9 अप्रैल9,69537
10 अप्रैल12,78748
11 अप्रैल 15,35367
12 अप्रैल13,68572
13 अप्रैल18,02185
14 अप्रैल20,51068
15 अप्रैल22,429104
16 अप्रैल27,426103
17 अप्रैल 27,357 120
18 अप्रैल30,596 129

सीएमओ से नहीं संभला, अपर निदेशक को दी गई कमान

लखनऊ में कोरोना की बेकाबू रफ्तार सीएमओ डॉ. संजय भटनागर से नहीं सम्भल रही है. ऐसे में शासन ने अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. जीएस वाजपेयी को कोविड प्रबंधन की जिम्मेदारी सौपी है. इसके अलावा संयुक्त निदेशक डॉ. वाईके पाठक, डॉ. विकास सिंघल, डॉ. सुनील पांडेय को कोविड प्रबंधन के लिए चुने गए हैं.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना की बेकाबू रफ्तार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. प्रदेश के 12 जनपदों में तो इन दिनों इस महामारी से हाहाकार मचा हुआ है. कोरोना के कहर से राजधानी लखनऊ के हर मोहल्ले में मातम छाया हुआ है. कोविड अस्पताल अब मरीजों से फुल हो चुके हैं. इस बीच राजधानी में सोमवार सुबह 2,200 नये केस पाए गए. उधर, एक ओर जहां कोरोना मरीज को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं. दो से तीन गुना कीमत देने के बाद मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर मिल रहा है.

यूपी में कोरोना महामारी भयावह रूप ले चुकी है. लखनऊ समेत प्रदेश के 12 जनपद कोरोना संक्रमण के मामले में टॉप पर हैं. बीते वर्ष 11 सितंबर को राज्य में सर्वाधिक मरीज 7,103 पाए गए थे, जबकि इस साल अप्रैल के महीने में हर रोज नये रिकॉर्ड बन रहे हैं. 14 अप्रैल को 20,510 कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. 16 अप्रैल को 27, 426. वहीं, 17 अप्रैल को 27,357 मरीज मिले. 18 अप्रैल को सबसे अधिक 30,596 कोरोना मरीज मिले और जबकि 129 मरीजों की मौतें सर्वाधिक रहीं. गत वर्ष सितम्बर में सबसे अधिक 113 लोगों की कोरोना से मौत हुई थी.

करीब 2 लाख सक्रिय मामले, ऑक्सीजन व्यवस्था लड़खड़ाई

मार्च में जहां कोरोना के सक्रिय मामले सिर्फ 2000 के करीब थे, वहीं 18 अप्रैल को बढ़कर एक लाख 91 हजार 458 हो गए हैं. लखनऊ में हालात और बद से बदतर होते जा रहे हैं. यहां मरीजों को जांच रिपोर्ट तीन से चार दिन में मिल रही हैं. होमआईसोलेशन के मरीजों की हालत गड़बड़ाने पर अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं. छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर (बी टाइप) का बाजार में संकट है. सिक्योरिटी मनी समेत 2 से 3 हजार में मिलने वाला सिलेंडर 9 से 10 हजार में मिल रहा है. ऐसे ही जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर पहले जहां सिक्योरिटी मनी समेत 8 से 10 हजार में अप्रैल शुरुआत में मिल रहा था, उसके अब 25 से 30 हजार तक वसूले जा रहे हैं. राजधानी में ऑक्सीजन की व्यवस्था चरमराई हुई है. यहां एक प्रोडक्शन प्लांट और 6 बॉटलिंग यूनिट हैं. यह मांग के अनुसार 80 फीसद ही आपूर्ति कर पा रहे हैं.


ऐसे बढ़ा महामारी का प्रकोप-

माह (अप्रैल)मरीजों की संख्या मौत
4 अप्रैल 4164 31
5 अप्रैल 3,99913
6 अप्रैल5,92830
7 अप्रैल6,02340
8 अप्रैल8,49039
9 अप्रैल9,69537
10 अप्रैल12,78748
11 अप्रैल 15,35367
12 अप्रैल13,68572
13 अप्रैल18,02185
14 अप्रैल20,51068
15 अप्रैल22,429104
16 अप्रैल27,426103
17 अप्रैल 27,357 120
18 अप्रैल30,596 129

सीएमओ से नहीं संभला, अपर निदेशक को दी गई कमान

लखनऊ में कोरोना की बेकाबू रफ्तार सीएमओ डॉ. संजय भटनागर से नहीं सम्भल रही है. ऐसे में शासन ने अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. जीएस वाजपेयी को कोविड प्रबंधन की जिम्मेदारी सौपी है. इसके अलावा संयुक्त निदेशक डॉ. वाईके पाठक, डॉ. विकास सिंघल, डॉ. सुनील पांडेय को कोविड प्रबंधन के लिए चुने गए हैं.

Last Updated : Apr 19, 2021, 11:39 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.