लखनऊ: प्रयागराज से पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे अतीक अहमद को लोक सभा के मानसून सत्र के पहले दिन (गुरुवार को) श्रद्धांजलि (Tribute to Atiq Ahmed in Lok Sabha) दी गई. अतीक के अलावा 11 पूर्व सांसदों को भी श्रद्धांजलि दी गई थी. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि परंपरा के अनुसार आगामी सत्र के दौरान यूपी विधान सभा में भी पूर्व सांसद अतीक अहमद को श्रद्धांजलि (Tribute to Atiq Ahmed in UP Assembly) दी जा सकती है. इसके पीछे आधार विधान सभा अध्यक्ष का वो बयान है, जो उन्होंने अप्रैल माह में दिया था.
संसद का मानसून सत्र गुरुवार से प्रारंभ हो चुका है. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उत्तर प्रदेश से सांसद रहे अतीक अहमद सहित दो वर्तमान और 11 पूर्व सांसदों को श्रद्धांजलि दी. पूरे सदन ने दो मिनट का मौन भी रखा. ओम बिरला ने अतीक अहमद के बारे में कहा कि वह 14वीं लोकसभा में फूलपुर निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुने गए थे. इसके अलावा वह उत्तर प्रदेश विधानसभा के भी सदस्य रहे. वह रेल संबंधी समिति के सदस्य भी रहे. उनका निधन प्रयागराज में 15 मई 2023 को 60 वर्ष की आयु में हुआ था.
11 पूर्व सांसदों के लिए रखा गया मौन: 15 अप्रैल को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस रिमांड के दौरान अस्पताल में तीन शूटर्स ने गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में बाद सवाल उठने लगे थे कि, जिस अतीक अहमद पर यूपी की योगी सरकार कार्रवाई कर रही है, जिसके बेटे का यूपी पुलिस ने एनकाउंटर किया. उसकी हत्या पुलिस रिमांड में कर दी गई.
उस अतीक अहमद को पूर्व विधायक और पूर्व सांसद के चलते क्या विधान सभा में श्रद्धांजलि दी जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि वर्षों से विधानसभा और लोकसभा में पूर्व सांसद या पूर्व विधायक की मौत पर श्रद्धांजलि दी जाती रही है. ऐसे में अतीक अहमद की मौत के बाद पहली बार संसद का सत्र आयोजित हो रहा है, जिसमें उसे श्रद्धांजलि दी गई. इतना ही नहीं संसद में मौजूद गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सांसदों ने दो मिनट का मौन भी रखा.
अध्यक्ष ने लोकसभा के निर्णय के बाद फैसला लेने को कहा था: गुरुवार को लोकसभा में पूर्व सांसद अतीक अहमद को श्रद्धांजलि देने और दो मिनट का मौन रखने के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या यूपी विधान सभा के आगामी सत्र की शुरुआत में परंपरा के अनुसार अतीक अहमद और उसके पूर्व विधायक भाई अशरफ को श्रद्धांजलि दी जाएगी. अतीक अहमद पांच बार और अशरफ एक बार का विधायक रहा था.
ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि, अतीक की मौत के बाद अप्रैल माह में जब विधानसभा अध्यक्ष सतीश महान से इस बाबत सवाल पूछा गया था कि उन्होंने कहा था कि "निकट भविष्य में विधान सभा का सत्र नहीं होना है. अतीक अहमद लोक सभा के सदस्य भी रह चुके हैं. अपने दिवंगत पूर्व सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बारे में लोक सभा क्या निर्णय लेती है, उसको देखने के बाद कुछ निर्णय लिया जाएगा." ऐसे में अब जब संसद में अतीक अहमद को श्रद्धांजलि दी गई है, तो माना जा रहा है कि यूपी विधान सभा में भी इस परंपरा को निभाया जा सकता है.
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