लखनऊ : उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह लगातार यह कह रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में अब डग्गामार बसों का संचालन नियंत्रण में है. ओवरलोड ट्रक भी नहीं दौड़ रहे हैं, लेकिन परिवहन विभाग की तरफ से जारी आंकड़े परिवहन मंत्री के बयान को झूठा साबित कर रहे हैं. हाल ही में एक मई से 11 मई तक का परिवहन विभाग ने जो आंकड़ा दिया है उसके मुताबिक धड़ल्ले से ओवरलोड बसें भी चल रही हैं और ट्रकों का भी संचालन हो रहा है. दरअसल इन रूटों पर परिवहन निगम की बसें इतनी कम हो गई हैं कि मजबूरन यात्रियों को डग्गामार बसों का ही सहारा लेना पड़ता है.
लखनऊ में अवध तिराहा, लोक बंधु हॉस्पिटल के पीछे, आलमबाग बस स्टेशन से कुछ दूरी पर टेढ़ी पुलिया, परिवर्तन चौक स्थित शनि मंदिर, चौक में नीबू पार्क के पास, हजरतगंज स्थित नदिया के पार और पालीटेक्निक से डग्गामार बसें संचालित हो रही हैं. इन डग्गामार बस संचालकों पर परिवहन विभाग और परिवहन निगम के अधिकारियों की मेहरबानी बनी हुई है. बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रक में दौड़ रहे हैं. इन पर भी परिवहन विभाग के अधिकारी शिकंजा नहीं कस पा रहे हैं. हालांकि 11 दिन की ही अवधि में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने 96 बसों और 596 ट्रकों का चालान किया है. इसके अलावा 411 और अन्य वाहनों का भी चालान हुआ. यही नहीं 17 डग्गामार बसों, 199 ट्रकों और 266 अन्य वाहनों को बंद भी किया गया है. जो यह साबित करता है कि डग्गामार बसों और ओवरलोड ट्रकों पर नियंत्रण स्थापित नहीं हो पा रहा है.
लखनऊ क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर का कहना है कि लखनऊ परिक्षेत्र के सभी डिपो में डग्गामार बसों का सर्वे कराया गया है. इसमें अन्य वाहन भी शामिल हैं जिनकी संख्या तकरीबन 3028 थी. इसकी पूरी सूची अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन), आरटीओ लखनऊ और परिवहन निगम के अधिकारियों को भेजी गई है कुछ कार्रवाई भी हुई है, लेकिन अभी भी डग्गामार बसें संचालित हो रही है उन पर कार्रवाई होना जरूरी है. समय-समय पर अभियान चलाकर इन्हें बंद कराया जाता है, आगे भी कार्रवाई की जाएगी.
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