लखनऊ: परिवहन विभाग ने अब वीआईपी कल्चर पूरी तरह से खत्म कर दिया है. अब अगर कोई भी वीआईपी आरटीओ कार्यालय में बिना टाइम स्लॉट लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने पहुंच जाता है तो उसका लाइसेंस नहीं बनाया जाएगा. परिवहन विभाग ने टाइम स्लॉट लेने वालों को एक सहूलियत भी दी है. अगर वे अपने लिए गए टाइम स्लॉट पर आरटीओ कार्यालय नहीं पहुंचते हैं तो 3 दिन के अंदर उसी फीस पर अपना लाइसेंस बनवा सकते हैं.
जुगाड़ के सहारे अब ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना बिल्कुल भी आसान नहीं होगा. एआरटीओ अब कभी भी आवंटित स्लॉट टाइम बदलकर लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया नहीं कर पाएगा. अब ऑनलाइन आवेदन पर बायोमेट्रिक प्रक्रिया के लिए जिस दिन बुलाया गया है, उसी दिन यह प्रोसेस पूरा करना पड़ेगा. टाइम स्लॉट से पहले डीएल के लिए बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी नहीं होगी.
7 फरवरी से नियम लागू
एनआईसी ने सारथी सॉफ्टवेयर में यह प्रावधान कर दिया है कि अब टाइम स्लॉट के दिन ही लाइसेंस के लिए आना होगा. एआरटीओ अब इसमें बदलाव नहीं कर पाएंगे. हालांकि टाइम स्लॉट से 2 या 3 दिन बाद भी अगर लाइसेंस बनवाने आएंगे तो लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा. 7 फरवरी से परिवहन विभाग ने यह व्यवस्था लागू कर दी है.
रोजाना 60 से 70 वीआईपी लौट रहे वापस
आरटीओ कार्यालय में रोजाना तकरीबन 400 लाइसेंस जारी होते हैं. नई प्रक्रिया लागू होने के बाद रोजाना 60 से 70 वीआईपी को वापस लौटना पड़ रहा है. अभी तक इमरजेंसी जरूरत पड़ती थी तो टाइम स्लॉट के दिन से पहले भी बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी हो जाती थी, लेकिन अब इसे तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है. अब जिस दिन का टाइम स्लॉट होगा, उसी दिन लाइसेंस बनवाने आना होगा.