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यूपी में ट्रांसजेंडर्स को मिलेगा विशिष्ट पहचान पत्र, समाज कल्याण विभाग ने शुरू की तैयारी

प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडरों के लिए खास पहल शुरू (unique identity card in UP) की है. यूपी में इसके लिए एक नई योजना की शुरूआत होने जा रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 13, 2023, 8:18 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रह रहे ट्रांसजेंडर के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही एक नई योजना की शुरुआत करने जा रही है. इसके तहत प्रदेश के सभी ट्रांसजेंडरों को समाज में सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें एक अलग से पहचान बनाने का मौका दिया जाएगा. इसके लिए समाज कल्याण विभाग सभी ट्रांसजेंडरों को एक विशिष्ट पहचान पत्र मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए विभाग ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं.

ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का हुआ था गठन : समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 'ट्रांसजेंडर को प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ आर्थिक सहायता भी प्रदान करने की तैयारी चल रही है. ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन 9 जून 2021 को किया था. बोर्ड के अध्यक्ष समाज कल्याण मंत्री हैं और उपाध्यक्ष के तौर पर ट्रांसजेंडर समुदाय के एक से सदस्य नामित किया गया था, जबकि क्षेत्रीय प्रतिदिन के आधार पर ट्रांसजेंडर समुदाय के पांच सदस्यों को अलग से इसमें शामिल किया गया है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक को सदस्य सचिव के तौर पर इसमें रखा गया है. अब इसी कल्याण बोर्ड ने प्रदेश के ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके साथ हो रहे भेदभाव और आर्थिक विषमताओं को दूर करने के लिए उन्हें एक अलग से पहचान पत्र मुहैया कराने के साथ ही प्रतिमाह पेंशन देने की योजना शुरू करने जा रहा है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में करीब 136000 ट्रांसजेंडर की गिनती हुई है. इन सभी ट्रांसजेंडरों को प्रतिमाह पेंशन देने पर विभाग की ओर से विचार किया जा रहा है.'

कम से कम ₹1000 प्रतिमाह हो सकती है पेंशन की राशि : समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'विशिष्ट पहचान पत्र और पेंशन की राशि निर्धारित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. शासन को भेजे गए प्रस्ताव में सभी ट्रांसजेंडर को प्रतिमा एक हजार से लेकर डेढ़ हजार रुपए की पेंशन राशि दिए जाने का प्रस्ताव है, हालांकि यह शासन स्तर से ही तय होगा कि ट्रांसजेंडरों को प्रतिमाह कितनी पेंशन दी जाए. समाज कल्याण विभाग में इन ट्रांसजेंडरों को पेंशन की राशि निर्धारित करने के लिए उनके आर्थिक और सामाजिक स्थितियों का भी आकलन किया है. समाज कल्याण विभाग की ओर से ट्रांसजेंडर्स को पंजीकृत करने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू कराया है. इस पोर्टल पर अब तक एक हजार से अधिक ट्रांसजेंडरों ने फॉर्म भरा है, जबकि 514 को विभाग की तरफ से प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है जो शेष रह गए हैं. उनके प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया चल रही है.'

ट्रांसजेंडर को विभाग की ओर से दी जानी है पेंशन : निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत ने बताया कि 'ट्रांसजेंडर को विभाग की ओर से पेंशन दी जानी है. इस दिशा में काम शुरू हो गया है. प्रतिमाह कितनी पेंशन दी जानी है इसका निर्णय शासन को करना है. पेंशन राशि के निर्धारण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. ट्रांसजेंडर के विवरण को जुटाया जा रहा है, साथ ही पोर्टल पर जिलेवार इनके पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

यह भी पढ़ें : अगले वर्ष से निजी विद्यालयों में भी लागू होगी 'जीरो बैलेंस' पर दाखिले की व्यवस्था : असीम अरुण

यह भी पढ़ें : राज्यमंत्री असीम अरुण बोले, उत्तर प्रदेश में जल्द ही चप्पल चुराने वाले भी पकड़े जाएंगे

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में रह रहे ट्रांसजेंडर के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही एक नई योजना की शुरुआत करने जा रही है. इसके तहत प्रदेश के सभी ट्रांसजेंडरों को समाज में सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से उन्हें एक अलग से पहचान बनाने का मौका दिया जाएगा. इसके लिए समाज कल्याण विभाग सभी ट्रांसजेंडरों को एक विशिष्ट पहचान पत्र मुहैया कराने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए विभाग ने तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं.

ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का हुआ था गठन : समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 'ट्रांसजेंडर को प्रदेश सरकार की तरफ से कुछ आर्थिक सहायता भी प्रदान करने की तैयारी चल रही है. ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड का गठन 9 जून 2021 को किया था. बोर्ड के अध्यक्ष समाज कल्याण मंत्री हैं और उपाध्यक्ष के तौर पर ट्रांसजेंडर समुदाय के एक से सदस्य नामित किया गया था, जबकि क्षेत्रीय प्रतिदिन के आधार पर ट्रांसजेंडर समुदाय के पांच सदस्यों को अलग से इसमें शामिल किया गया है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक को सदस्य सचिव के तौर पर इसमें रखा गया है. अब इसी कल्याण बोर्ड ने प्रदेश के ट्रांसजेंडरों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने और उनके साथ हो रहे भेदभाव और आर्थिक विषमताओं को दूर करने के लिए उन्हें एक अलग से पहचान पत्र मुहैया कराने के साथ ही प्रतिमाह पेंशन देने की योजना शुरू करने जा रहा है. समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार, उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में करीब 136000 ट्रांसजेंडर की गिनती हुई है. इन सभी ट्रांसजेंडरों को प्रतिमाह पेंशन देने पर विभाग की ओर से विचार किया जा रहा है.'

कम से कम ₹1000 प्रतिमाह हो सकती है पेंशन की राशि : समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'विशिष्ट पहचान पत्र और पेंशन की राशि निर्धारित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है. शासन को भेजे गए प्रस्ताव में सभी ट्रांसजेंडर को प्रतिमा एक हजार से लेकर डेढ़ हजार रुपए की पेंशन राशि दिए जाने का प्रस्ताव है, हालांकि यह शासन स्तर से ही तय होगा कि ट्रांसजेंडरों को प्रतिमाह कितनी पेंशन दी जाए. समाज कल्याण विभाग में इन ट्रांसजेंडरों को पेंशन की राशि निर्धारित करने के लिए उनके आर्थिक और सामाजिक स्थितियों का भी आकलन किया है. समाज कल्याण विभाग की ओर से ट्रांसजेंडर्स को पंजीकृत करने के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन शुरू कराया है. इस पोर्टल पर अब तक एक हजार से अधिक ट्रांसजेंडरों ने फॉर्म भरा है, जबकि 514 को विभाग की तरफ से प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया है जो शेष रह गए हैं. उनके प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया चल रही है.'

ट्रांसजेंडर को विभाग की ओर से दी जानी है पेंशन : निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत ने बताया कि 'ट्रांसजेंडर को विभाग की ओर से पेंशन दी जानी है. इस दिशा में काम शुरू हो गया है. प्रतिमाह कितनी पेंशन दी जानी है इसका निर्णय शासन को करना है. पेंशन राशि के निर्धारण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. ट्रांसजेंडर के विवरण को जुटाया जा रहा है, साथ ही पोर्टल पर जिलेवार इनके पंजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.

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