लखनऊ: उत्तर प्रदेश की नियुक्ति विभाग की तरफ से डेढ़ दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. चौंकाने वाली बात ये रही कि, नियुक्ति विभाग की तरफ से किए गए तबादलों की सूची ना तो विभाग की वेबसाइट पर अपलोड की गई और ना ही इसकी जानकारी मीडिया को दी गई.
नियुक्ति विभाग के अधिकारियों की मनमानी, छिपाते हैं रूटीन ट्रांसफर
नियुक्ति विभाग के अधिकारी ट्रांसफर की जानकारी पिछले कुछ महीने से छिपा रहे हैं. नियुक्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल का कहना है कि हमें तबादलों की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए ऊपर से मना किया गया है. हालांकि वे यह नहीं बता पा रहे हैं कि, ऊपर से किसने मना किया है. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर राज्य सरकार ट्रांसफर जेएसी रूटीन प्रक्रिया को आखिर छिपाना क्यों रही है. पहले भी प्रदेश में आईएएस या पीसीएस अधिकारियों के तबादले होते रहे हैं. ये एक सामान्य प्रक्रिया है, बावजूद इसके नियुक्ति विभाग के अधिकारी इसमें पारदर्शिता नहीं बरत रहे हैं और यह सूचना लगातार छिपाई जा रही है.
इन्हें यहाँ मिली तैनाती
नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग की तरफ से जिन अधिकारियों को नई तैनाती दी गई है, उनमें एसवीएस रामी रेड्डी को उद्यान विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है, जबकि बीएल मीणा को सहकारिता विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया है. इसी प्रकार सुधीर गर्ग को प्रमुख सचिव दुग्ध विकास के पद पर भेजा गया है, वहीं मनोज सिंह को वन विभाग का नया अपर मुख्य सचिव बनाया गया है. इसी प्रकार रविंद्र नायक को प्रमुख सचिव समाज कल्याण एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी दी गई है.
एनजी रवि कुमार कमिश्नर गोरखपुर बने
एनजी रवि कुमार को गोरखपुर का नया कमिश्नर बनाया गया है. इसके साथ ही मुकेश कुमार मेश्राम को महानिदेशक पर्यटन का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है. अंकित कुमार अग्रवाल को प्रयागराज विकास प्राधिकरण से जिलाधिकारी एटा के पद पर भेजा गया है. राकेश कुमार सिंह को जिलाधिकारी गाजियाबाद, अरविंद चौरसिया को जिलाधिकारी लखीमपुर खीरी, बालकृष्ण त्रिपाठी को जिलाधिकारी अमरोहा, शैलेंद्र सिंह को जिलाधिकारी मुरादाबाद व अजय शंकर पांडे को कमिश्नर झांसी मंडल के पद पर नई तैनाती प्रदान की गई है.
सूत्रों का कहना है कि कुछ और भी आईएएस अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है. लेकिन नियुक्ति विभाग इसकी जानकारी नहीं दे रहा है. इस तबादले की जानकारी भी सूत्रों से मिली है. नियुक्ति विभाग इस जानकारी को लगातार छिपा रहा है.
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