लखनऊ: अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले की सुनवाई कर रही सीबीआई की विशेष अदालत में 4 जून से आरोपियों का बयान दर्ज किया जाएगा. कोर्ट में आरोपियों का बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज होगा. इसके तहत आरोपियों को स्पष्टीकरण देने का मौका दिया जाएगा. साथ ही आरोपियों को सीबीआई की गवाही में उनके खिलाफ समाने आए तथ्यों पर भी स्पष्टीकरण देने का मौका दिया जाएगा. इसके लिए विशेष सीबीआई जज एसके यादव ने बचाव पक्ष के वकीलों को 4 जून से आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
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Lucknow: A Special court to record statements of 32 accused including BJP leaders Lal Krishna Advani, Murli Manohar Joshi and Uma Bharti in Babri Masjid demolition case. The trail to commence on June 4.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 28, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Lucknow: A Special court to record statements of 32 accused including BJP leaders Lal Krishna Advani, Murli Manohar Joshi and Uma Bharti in Babri Masjid demolition case. The trail to commence on June 4.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 28, 2020Lucknow: A Special court to record statements of 32 accused including BJP leaders Lal Krishna Advani, Murli Manohar Joshi and Uma Bharti in Babri Masjid demolition case. The trail to commence on June 4.
— ANI UP (@ANINewsUP) May 28, 2020
इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई की ओर से अभियोजन की समस्त कार्यवाही समाप्त कर ली है. उल्लेखनीय है कि न्याय के नैसर्गिक सिद्धांत के तहत सीआरपीसी की धारा 313 के तहत आरोपियों को स्पष्टीकरण देने का मौका दिया जाना अनिवार्य प्रकिया है. एक बार यह अवसर समाप्त हो जाए, तो बचाव पक्ष को अपने बचाव में मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य पेश करने का मौका दिया जाएगा. उसके बाद अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों में बहस होगी. जिसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी.
दरअसल, अभियोजन साक्ष्य की कार्यवाही तो 6 मार्च को ही समाप्त हो गई थी. कोर्ट ने आरोपियों को धारा 313 के तहत बयान के लिए बुलाना प्रारम्भ कर दिया था. सबसे पहले इस मामले में आरोपी चम्पत राय, लल्लू सिंह और प्रकाश शर्मा को 24 मार्च को बुलाया गया था. लेकिन लॉकडाउन के कारण कोर्ट की कार्यवाही संपन्न नहीं हो सकी. 18 मई से केस की कार्यवाही दोबारा प्रारम्भ हुई तो बचाव पक्ष ने तीन गवाहों ने जिरह के लिए अर्जी दे दी. उस अर्जी का निस्तारण कर कोर्ट ने कार्यवाही समाप्त कर ली है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी 8 मई 2020 को एक आदेश जारी कर सीबीआई की विशेष अदालत को इस केस की सुनवाई 31 अगस्त तक पूरी करने का निर्देश दिया है. इसी वजह से विशेष अदालत केस की सुनवाई दिन प्रतिदिन कर रही है. इस केस में आरोपी पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी नेता मुरली मनेाहर जोशी और उमा भारती को केस की कार्यवाही के समय व्यक्तिगत हाजिरी से अग्रिम आदेशों तक छूट मिली है. वहीं अन्य आरोपियों की ओर से लॉकडाउन का हवाला देकर हाजिरी माफी की अर्जी दी गई. जिसे कोर्ट ने गुरुवार के लिए मंजूर कर लिया.
इसके साथ ही कोर्ट ने मुख्य सचिव को बार-बार सूचित करने के बाद भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और इंटरनेट की व्यवस्था के लिए कोई कदम न उठाने पर रोष प्रकट किया है.