लखनऊ: धरना प्रदर्शन हो या रैली राजधानी की सड़कों पर लगने वाला जाम अब बीते जमाने की बात होता नजर आ रहा है. लखनऊ पुलिस ने राजधानी की सड़कों पर लगने वाले जाम से निजात पाने के लिए बीते कुछ महीनों में ऐसे प्रयोग और योजनाओं की शुरुआत की है, जिसका नतीजा आज राजधानी की सड़कों पर साफ दिखाई दे रहा है.
बीते कुछ महीनों में राजधानी लखनऊ की पुलिसिंग में जहां तमाम कोशिशें और नए प्रयोग किए गए. वहीं शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने का भी जिम्मा उठाया गया. बेहतर ट्रैफिक किसी भी शहर की पुलिसिंग और सरकारी व्यवस्था का आइना माना जाता है. यही वजह है कि राजधानी की पुलिसिंग में बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था अफसरों की पहली प्राथमिकता बनी.
शहर के हर चौराहे का एसएसपी से लेकर तमाम बड़े अफसरों ने निरीक्षण किया. अफसरों ने आम आदमी से लेकर अफसर तक के लोगों से ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर करने की सलाह ली. हजरतगंज, गोमती नगर, विजयपुर अंडरपास, पॉलिटेक्निक चौराहा, 1090 चौराहा, महानगर का गोल मार्केट चौराहा इन सभी चौराहों पर अतिक्रमण के चलते जाम की समस्या थी. अधिकारियों ने सबसे पहले शहर के प्रमुख चौराहों पर लगने वाले अतिक्रमण को हटवाया और फिर उसके बाद ऐसे चौराहों पर लिफ्ट फ्री योजना शुरू की.
लिफ्ट फ्री योजना के तहत चौराहे पर दाहिने जाने वाले ट्रैफिक को रोकने की जरूरत नहीं पड़ती और वह आसानी से दाहिनी ओर बिना रुके जाने लगता है. आज लिफ्ट फ्री योजना शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर लागू कर दी गई है. इतना ही नहीं शहर के लोगों को ट्रैफिक नियमों के पालन के लिए ई-चालान की सुविधा भी शुरू की गई है.
चौराहे पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते ही लगे सीसीटीवी से गाड़ी की नंबर प्लेट और नंबर प्लेट से गाड़ी मालिक के पते पर ई-चालान भेजने की योजना शुरू की गई है. अफसर भी बीते महीनों में की गई कोशिशों को सफल मान रहे हैं. हालांकि दृष्टि योजना के तहत शहर के 70 चौराहों पर लगे सीसीटीवी का रख-रखाव करने वाली नई कंपनी टेकयोन ने काम करना शुरू नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है जल्द ही कंपनी इन कैमरों को दुरुस्त करेगी.