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राजधानी लखनऊ के यातायात व्यवस्था में सुधार, सड़कों पर दिख रहा असर - lucknow police commissionerate system

राजधानी लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद यहां की यातायात व्यवस्था में काफी सुधार भी देखने को मिल रहा है. इसकी एक बड़ी वजह से नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई. बीते सालों के मुकाबले इस साल यातायात माह के दौरान लखनऊ में बीते सालों के मुकाबले काफी अधिक संख्या में कार्रवाई हुई है. जिसकी वजह से अब लोग ट्रैफिक नियम तोड़ने से डर रहे हैं. जिससे राजधानी की यातायात व्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिल रहा है.

traffic system improved in lucknow
लखनऊ के यातायात व्यवस्था में सुधार
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Published : Dec 3, 2020, 8:23 PM IST

लखनऊ: राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है. इस सिस्टम के अंतर्गत राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था में काफी सुधार भी देखने को मिला है. पिछले सालों की अपेक्षा इस साल यातायात व्यवस्था में काफी परिवर्तन भी हुआ है. जिसके चलते इस साल कार्रवाई अभी ज्यादा हुई है और सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से भी लोगों को छुटकारा मिला है. पिछले साल यातायात माह के दौरान निर्धारित गति सीमा से तेज वाहन चलाने पर कोई भी चालान नही हुआ था. जबकि इस वर्ष चालान किए गए हैं. वहीं पिछले साल जहां 2,748 लोगों का हेलमेट नहीं पहनने पर चालान किया गया था, जो कि इस साल यह 2,1618 लोगों का चालान किया गया है. इसके साथ ही बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर बीते साल 1,028 लोगों का चालान हुआ था, जबकि इस वर्ष 4,465 लोगों का चालान किया गया है. चालान कि इन आंकड़ों से समझा जा सकता है की नई तकनीकी से लैस होकर अब लखनऊ पुलिस यातायात सुधार की दिशा में पहले से काफी बेहतर हुई है.

राजधानी लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद जहां पुलिस और ट्रैफिक दोनों में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है. पहले की अपेक्षा अब सड़कों पर जाम ही कम दिखाई देते हैं .वही कार्रवाई भी अब पहले के मुकाबले दोगुने से ज्यादा हो गई है. जिससे यातायात विभाग के राजस्व में काफी वृद्धि हुई है.


यातायात माह के दौरान एमवी एक्ट के तहत हुई कार्रवाई के आंकड़े

कारणवर्ष 2019 वर्ष 2020
तेज गति पर गाड़ी चलाने पर चलान01,333
बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने पर चलान2,748 2,1618
बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर चलान1,0284,465
गलत दिशा में वाहन चलाने पर चालान2483,023
बिना प्रदूषण जांच के गाड़ी चलाने पर चालान3321,139
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर चालान1,137 2,343
बिना बीमा के गाड़ी चलाने पर चालान217 2,624
कुल राजस्व1,26,61,712 रु.1,32,01750 रु.


यातायात विभाग के एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया की पहले की अपेक्षा इस वर्ष के यातायात माह के दौरान बड़ी संख्या में चालान हुए हैं. वहीं यातायात विभाग में लगातार सुधार हो रहा है क्योंकि सुधार एक निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा भी है.

लखनऊ: राजधानी लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू किया गया है. इस सिस्टम के अंतर्गत राजधानी लखनऊ में यातायात व्यवस्था में काफी सुधार भी देखने को मिला है. पिछले सालों की अपेक्षा इस साल यातायात व्यवस्था में काफी परिवर्तन भी हुआ है. जिसके चलते इस साल कार्रवाई अभी ज्यादा हुई है और सड़कों पर लगने वाले ट्रैफिक जाम से भी लोगों को छुटकारा मिला है. पिछले साल यातायात माह के दौरान निर्धारित गति सीमा से तेज वाहन चलाने पर कोई भी चालान नही हुआ था. जबकि इस वर्ष चालान किए गए हैं. वहीं पिछले साल जहां 2,748 लोगों का हेलमेट नहीं पहनने पर चालान किया गया था, जो कि इस साल यह 2,1618 लोगों का चालान किया गया है. इसके साथ ही बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर बीते साल 1,028 लोगों का चालान हुआ था, जबकि इस वर्ष 4,465 लोगों का चालान किया गया है. चालान कि इन आंकड़ों से समझा जा सकता है की नई तकनीकी से लैस होकर अब लखनऊ पुलिस यातायात सुधार की दिशा में पहले से काफी बेहतर हुई है.

राजधानी लखनऊ में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम लागू होने के बाद जहां पुलिस और ट्रैफिक दोनों में बड़ा सुधार देखने को मिल रहा है. पहले की अपेक्षा अब सड़कों पर जाम ही कम दिखाई देते हैं .वही कार्रवाई भी अब पहले के मुकाबले दोगुने से ज्यादा हो गई है. जिससे यातायात विभाग के राजस्व में काफी वृद्धि हुई है.


यातायात माह के दौरान एमवी एक्ट के तहत हुई कार्रवाई के आंकड़े

कारणवर्ष 2019 वर्ष 2020
तेज गति पर गाड़ी चलाने पर चलान01,333
बिना हेलमेट के गाड़ी चलाने पर चलान2,748 2,1618
बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर चलान1,0284,465
गलत दिशा में वाहन चलाने पर चालान2483,023
बिना प्रदूषण जांच के गाड़ी चलाने पर चालान3321,139
बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाने पर चालान1,137 2,343
बिना बीमा के गाड़ी चलाने पर चालान217 2,624
कुल राजस्व1,26,61,712 रु.1,32,01750 रु.


यातायात विभाग के एडीसीपी पूर्णेन्दु सिंह ने बताया की पहले की अपेक्षा इस वर्ष के यातायात माह के दौरान बड़ी संख्या में चालान हुए हैं. वहीं यातायात विभाग में लगातार सुधार हो रहा है क्योंकि सुधार एक निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा भी है.

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