लखनऊ : राजधानी में वाहन चालकों से वसूली और नियमविरुद्ध तरीके से चालान करना ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर और 4 सिपाहियों को भारी पड़ गया है. इन सभी को निलंबित कर दिया गया है. वाहन चालकों को परेशान कर वसूली करने, जबरदस्ती चालान और गाड़ी छोड़ने को लेकर रिश्वत लेने की शिकायतों पर डीसीपी ट्रैफिक ने इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ जांच करवाई थी. जांच में आरोप सही पाए गए. डीसीपी ने इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए हैं.
पहला मामला
डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने बताया कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों का फोटो खींचकर चालान करने का अधिकार सिपाही व होमगार्ड को नहीं दिया गया है. उन्हें शिकायत मिली थी कि कई जगह सिपाही और होमगार्ड चालान कर रहे हैं. इसी तरह की एक शिकायत 1 फरवरी को उनको मिली. शिकायत करने वाले वाहन चालक ने उन्हें कहा कि सुभाष चौराहे के पास सिपाही केशुभानु यादव ने उनकी गाड़ी का फोटो खींच लिया है. फोटो खींचने के बाद अब चालान न करने के लिए 500 रुपये मांग रहा है. इस पर डीसीपी ने जांच बैठाई थी. जांच में आरोप सही मिले हैं. इस पर सिपाही केशुभानु को निलंबित कर दिया गया है. इतना ही नहीं, दोबारा ऐसी शिकायत मिलने पर और सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है.
दूसरा मामला
बता दें कि 4 फरवरी को चिनहट चौराहे पर एक कार और ट्रक के बीच टक्कर हो गई थी. इसमें दोनों पक्ष समझौता करने को तैयार हो गए थे. ट्रक ड्राइवर ने नुकसान की कीमत देने को कहा था. इसी बीच वहां चिनहट चौराहे पर तैनात सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सिपाही गोरखनाथ, सतीश कुमार और अरविंद सिंह पहुंच गए. इन लोगों ने कार मालिक से तकनीकी मुआयना होने की बात कही. फिर उनसे गाड़ी के मूल कागजात लाने को कहा. कार मालिक जब कागज लेकर पहुंचा तो ड्राइवर नहीं मिला. इस बारे में पूछने पर पुलिसकर्मी टालमटोल करने लगे. इसके बाद कार मालिक ने फोन कर डीसीपी ख्याति गर्ग को पूरी जानकारी दी. जांच में सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार, सिपाही गोरखनाथ, सतीश कुमार और अरविंद सिंह की भूमिका संदिग्ध मिली. इसके आधार पर ही चारों को निलंबित कर दिया गया है.