लखनऊ: साल 2020 का पहला चंद्र ग्रहण शुक्रवार की रात 10:35 बजे शुरू होगा और 2:45 तक समाप्त होगा. यह चंद्रमा का उपछाया चंद्रग्रहण है इस वजह से भारत में दिखाई नहीं देगा. आज पूर्णिमा भी है और इस दिन का खास महत्व है. भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा.
ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्रा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि आज शाकंभरी जयंती और पूर्णिमा भी है और उपछाया चंद्रग्रहण लग रहा है. आज का दिन बहुत खास विशेष महत्व का है. उन्होंने कहा कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. आम जनमानस पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
खुले रहेंगे मंदिरों के कपाट
ज्योतिषाचार्य उमाशंकर मिश्रा ने कहा कि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. इस वजह से कोई भी सूतक नहीं लगेगा. सभी लोग अपने काम कर सकते हैं और मंदिरों के कपाट बंद नहीं रहेंगे. उन्होंने कहा कि यह उपछाया चंद्रग्रहण है, इस वजह से कोई सूतक काल नहीं होगा. मंदिरों में हर रोज की तरह पूजा-पाठ होंगे.
ग्रहण के दौरान करें यह काम
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहण के समय अगर मन में कोई शंका हो तो भगवान शिव के मंत्रों का जाप कर सकते हैं. जिन जातकों का चंद्रमा खराब है वह लोग चंद्रमा के मंत्रों का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जाप कर सकते हैं. अगले दिन सुबह उठते ही नित्य कर्म से निवृत्त होकर पूजा पाठ करें और उसके बाद जरूरतमंद लोगों को सफेद वस्तुओं का दान करें, इससे अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि यह ग्रहण मिथुन राशि में लग रहा है.
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