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राजधानी लखनऊ में ठगों का मकड़जाल - lucknow news

राजधानी लखनऊ में लगातार ठगी को रोकने में पुलिस तंत्र नाकाम साबित हो रहा है. जानकीपुरम, विराटखंड और महानगर में ऐसी घटनाओं पर लोगों में आक्रोश हैं. पुलिस ने लोगों को ठगों और जालसाजों से सतर्क रहने की सलाह दी है.

लखनऊ में ठगों का मकड़जाल
लखनऊ में ठगों का मकड़जाल
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Published : Jul 26, 2021, 3:40 AM IST

लखनऊ: पुलिस तंत्र ठगी को रोकने के लिए लगातार मुहिम चला रहा है. समय-समय पर जागरुकता अभियान के साथ ही सतर्क रहने की सलाह देता रहता है, मगर फिरभी जालसाज जालसाजी करने से बाज नहीं आ रहे. ताजा मामला राजधानी लखनऊ से है, जहां जानकीपुरम सेक्टर-एच में जालसाजों ने जेल में बंद एक महिला की दुकान व मकान हड़पने के लिए उसके बेटे को धमकाया, फिर उसकी मां के स्थान पर दूसरी महिला को खड़ा कर बैनामा करा लिया. यहां तक कि आरोपियों ने महिला के मकान पर 98 लाख रुपये का ऋण ले लिया और फिर इसे एक करोड़ 29 लाख रुपये में बेच भी दिया. पीड़ित महिला जब जेल से बाहर आई तो उसे फर्जीवाड़े का पता चला. उसने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की. जांच में आरोप सही मिलने पर वजीरगंज पुलिस ने ब्रोकर, दम्पत्ति, गवाह व पीड़ित के नाम से कचहरी गई महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली.


वजीरगंज इंस्पेक्टर धनंजय कुमार पाण्डेय के मुताबिक जानकीपुरम सेक्टर-एच निवासी मंजूलता के पति का देहान्त हो चुका है. वह घर में ही एक दुकान को किराए पर देकर जीविका चला रही हैं. वर्ष 2017 में दुकान को किराए पर लेने के लिए ब्रोकर विवेक मिश्रा ने मंजूलता से सम्पर्क किया. उसने कहा कि वह किरायेदारी अनुबंध के साथ दुकान लेंगे. इस बीच बाराबंकी पुलिस ने उसे एक अपराधिक मामले में जेल भेज दिया. जेल में रहने के दौरान सात नवम्बर, 2017 को उसकी अनुपस्थिति में विवेक मिश्रा ने बेटे आकाश दीप उर्फ शिवम को धमकाया. फिर उसे उपनिबंधक के कार्यालय में चलकर एग्रीमेंट करने की बात कही. विवेक ने वहां एक दूसरी महिला नाजिया को मंजूलता बताकर आकाश के साथ खड़ा किया. यहां आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से मो. मुसाफिर अंसारी के नाम बैनामा करा दिया. इस बैनामे में विवेक मिश्र और साबिर अली गवाह बने. जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित महिला ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की और जांच में तथ्य सही मिलने पर एफआईआर दर्ज करवा दी गई. इंस्पेक्टर का कहना है कि इस मामले में कुछ बिन्दुओं पर जांच की जा रही है.



दूसरी ओर विराटखंड निवासी प्रमोद मिश्र ने गोमतीनगर थाने में तहरीर दी कि उनके स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के खाते से सम्बन्धित एक कॉल आई. उसने खाते को अपडेट के नाम पर कई जानकारियां ले ली. कुछ देर बाद ही उनके खाते से 45 हजार रुपये निकल जाने का मैसेज आ गया. इसके बाद ही उन्होंने एफआईआर करायी. इसी तरह विश्वासखंड निवासी राजीव की पत्नी अपर्णा ने पुलिस को सूचना दी कि वह मानस्टर इंडिया ओआरजी पर नौकरी के लिये आवेदन की थी. इसी दौरान उनके पास एक कॉल आयी और आवेदन शुल्क 25 रुपये जमा करने को कहा. अपर्णा ने जैसे ही रुपये ट्रांसफर किये, उनके खाते से 34 हजार 725 निकल गये.


तीसरी घटना महानगर रेलवे क्रासिंग स्थित चौधरी स्क्वॉयर में रहने वाली बुजुर्ग प्रिया रस्तोगी के साथ हुयी. उन्होंने पुलिस को बताया कि सोमवार को उनके पास एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को एक रेस्त्रां का कर्मचारी बताया. उसने कई स्कीम बतायी और एक थाली के आर्डर पर दो थाली देने की बात भी कही. उन्होंने दो थाली भेजने को कहा तो जालसाज ने सिर्फ 10 रुपये भेजने को कहा और इसके लिये एक लिंक भेज दिया. उन्होंने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया, उनके खाते से 49,990 रुपये निकल गये. महानगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हो गई है.

लखनऊ: पुलिस तंत्र ठगी को रोकने के लिए लगातार मुहिम चला रहा है. समय-समय पर जागरुकता अभियान के साथ ही सतर्क रहने की सलाह देता रहता है, मगर फिरभी जालसाज जालसाजी करने से बाज नहीं आ रहे. ताजा मामला राजधानी लखनऊ से है, जहां जानकीपुरम सेक्टर-एच में जालसाजों ने जेल में बंद एक महिला की दुकान व मकान हड़पने के लिए उसके बेटे को धमकाया, फिर उसकी मां के स्थान पर दूसरी महिला को खड़ा कर बैनामा करा लिया. यहां तक कि आरोपियों ने महिला के मकान पर 98 लाख रुपये का ऋण ले लिया और फिर इसे एक करोड़ 29 लाख रुपये में बेच भी दिया. पीड़ित महिला जब जेल से बाहर आई तो उसे फर्जीवाड़े का पता चला. उसने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की. जांच में आरोप सही मिलने पर वजीरगंज पुलिस ने ब्रोकर, दम्पत्ति, गवाह व पीड़ित के नाम से कचहरी गई महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली.


वजीरगंज इंस्पेक्टर धनंजय कुमार पाण्डेय के मुताबिक जानकीपुरम सेक्टर-एच निवासी मंजूलता के पति का देहान्त हो चुका है. वह घर में ही एक दुकान को किराए पर देकर जीविका चला रही हैं. वर्ष 2017 में दुकान को किराए पर लेने के लिए ब्रोकर विवेक मिश्रा ने मंजूलता से सम्पर्क किया. उसने कहा कि वह किरायेदारी अनुबंध के साथ दुकान लेंगे. इस बीच बाराबंकी पुलिस ने उसे एक अपराधिक मामले में जेल भेज दिया. जेल में रहने के दौरान सात नवम्बर, 2017 को उसकी अनुपस्थिति में विवेक मिश्रा ने बेटे आकाश दीप उर्फ शिवम को धमकाया. फिर उसे उपनिबंधक के कार्यालय में चलकर एग्रीमेंट करने की बात कही. विवेक ने वहां एक दूसरी महिला नाजिया को मंजूलता बताकर आकाश के साथ खड़ा किया. यहां आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों से मो. मुसाफिर अंसारी के नाम बैनामा करा दिया. इस बैनामे में विवेक मिश्र और साबिर अली गवाह बने. जेल से बाहर आने के बाद पीड़ित महिला ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की और जांच में तथ्य सही मिलने पर एफआईआर दर्ज करवा दी गई. इंस्पेक्टर का कहना है कि इस मामले में कुछ बिन्दुओं पर जांच की जा रही है.



दूसरी ओर विराटखंड निवासी प्रमोद मिश्र ने गोमतीनगर थाने में तहरीर दी कि उनके स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के खाते से सम्बन्धित एक कॉल आई. उसने खाते को अपडेट के नाम पर कई जानकारियां ले ली. कुछ देर बाद ही उनके खाते से 45 हजार रुपये निकल जाने का मैसेज आ गया. इसके बाद ही उन्होंने एफआईआर करायी. इसी तरह विश्वासखंड निवासी राजीव की पत्नी अपर्णा ने पुलिस को सूचना दी कि वह मानस्टर इंडिया ओआरजी पर नौकरी के लिये आवेदन की थी. इसी दौरान उनके पास एक कॉल आयी और आवेदन शुल्क 25 रुपये जमा करने को कहा. अपर्णा ने जैसे ही रुपये ट्रांसफर किये, उनके खाते से 34 हजार 725 निकल गये.


तीसरी घटना महानगर रेलवे क्रासिंग स्थित चौधरी स्क्वॉयर में रहने वाली बुजुर्ग प्रिया रस्तोगी के साथ हुयी. उन्होंने पुलिस को बताया कि सोमवार को उनके पास एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को एक रेस्त्रां का कर्मचारी बताया. उसने कई स्कीम बतायी और एक थाली के आर्डर पर दो थाली देने की बात भी कही. उन्होंने दो थाली भेजने को कहा तो जालसाज ने सिर्फ 10 रुपये भेजने को कहा और इसके लिये एक लिंक भेज दिया. उन्होंने जैसे ही लिंक पर क्लिक किया, उनके खाते से 49,990 रुपये निकल गये. महानगर कोतवाली में एफआईआर दर्ज हो गई है.

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