लखनऊ: एक तरफ राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद चौधरी जयंत सिंह उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने की कोशिशें में लगे हुए हैं, वहीं दूसरी तरफ उनके अपने ही उनके साथ छोड़ते जा रहे हैं. लगातार राष्ट्रीय लोकदल का कुनबा बिखरता जा रहा है. चार पदाधिकारियों ने पार्टी नेताओं पर यह आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है कि पार्टी विचारधारा से भटक रही है. अपने ही लोगों की बात नहीं सुनी जा रही है.
संगठन की मजबूती पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अब लगातार पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफों से राष्ट्रीय लोक दल की चिंता बढ़ती जा रही है. इस्तीफे परेशानी का सबब बनते जा रहे हैं. हालांकि इस्तीफों पर पार्टी नेताओं का कहना है कि पार्टी ने जिन नेताओं को पूरी इज्जत और सम्मान दिया वे पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं, उन्हें पछतावा जरूर होगा. फिलहाल अभी और भी इस्तीफे सामने आने बाकी हैं. कई अन्य नेता भी पार्टी से किनारा करने की तैयारी कर रहे हैं.
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने छोड़ी पार्टीः आरएलडी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष आरिफ महमूद ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपने पद के साथ आरएलडी की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दिया है.आरिफ ने संगठन मंत्री और कार्यालय प्रभारी पर अल्पसंख्यकों को अपमानित करने का आरोप लगाया है. उनके अलावा आरएलडी के कार्यकारी अध्यक्ष मनजीत सिंह ने भी अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेज दिया है. प्रदेश प्रवक्ता वेद प्रकाश शास्त्री ने भी अपना इस्तीफा आरएलडी मुखिया को भेज दिया है.
भेदभाव का लगाया आरोपः सभी नेताओं ने आरोप लगाया है कि पार्टी में पुराने नेताओं की अब कद्र ही नहीं है. पार्टी चौधरी चरण सिंह और चौधरी अजीत सिंह की विचारधारा से भटकने लगी है. अपने ही लोगों की आवाज नहीं सुनी जा रही है. दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है. संगठन की मजबूती की दिशा में कोई काम नहीं किया जा रहा है. इन नेताओं के अलावा युवा राष्ट्रीय लोक दल के सचिव अमित सिंह पटेल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को भेजे गए इस्तीफे में उन्होंने कहा है कि पार्टी के नेता सिर्फ टीवी पर बैठकर डिबेट करते हैं. पार्टी के किसी कार्यकर्ता का कोई काम पड़ जाने पर काम ही नहीं आते हैं. जमीन पर पार्टी के लिए कोई काम हो ही नहीं रहा है.
पार्टी छोड़कर जाने वालों को होगा पछतावाः पार्टी नेताओं के लगातार इस्तीफा देने को लेकर जब राष्ट्रीय लोकदल व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता रोहित अग्रवाल से सवाल पूछा गया तो उनका कहना है कि पार्टी में लोगों का आना-जाना लगा रहता है. यह प्रकृति का नियम है. जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, निश्चित तौर पर उन्हें पछतावा जरूर होगा. पार्टी ने ही उन्हें यहां तक पहुंचाया है, इज्जत और सम्मान दिया है. अब झूठे आरोप लगाकर पार्टी को बदनाम कर रहे हैं. उन्हें इस पर बड़ा पछतावा होगा. एक न एक दिन यही नेता पार्टी में वापस आने के लिए जोर लगाएंगे.
विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने दिया था इस्तीफाः बता दें कि इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी गंभीर आरोप लगाए थे. अपनी पार्टी के मुखिया पर तो उन्होंने पैसे लेकर टिकट बेचने तक का गंभीर आरोप लगा दिया था. फिलहाल राष्ट्रीय लोकदल छोड़ने के बाद मसूद अहमद ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की. वर्तमान में वे कांग्रेस पार्टी के साथ हैं.