लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में उजागर हुए 4000 करोड़ से अधिक के घोटाले में मंगलवार को आर्थिक अपराध शाखा ने एक और गिरफ्तारी करते हुए यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद एपी मिश्रा को किसी गोपनीय स्थान पर रखा गया है. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के दो पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें पूर्व वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, पूर्व ट्रस्ट सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता शामिल हैं.
यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं. पहले यूपीपीसीएल में हुए घोटाले को लेकर अखिलेश प्रदेश की योगी सरकार को घेर चुके हैं. अखिलेश यादव ने अपने बयान में कहा था कि भाजपा को 20 करोड़ इस घोटाले के बदले चंदा मिला है. भाजपा पूंजी वालों को संरक्षण देने वाली सरकार है.
पूर्व एमडी एपी मिश्रा की गिरफ्तारी से पहले सोमवार को आर्थिक अपराध शाखा की एक 11 सदस्य टीम ने शक्ति भवन स्थित भविष्य निधि संघ कार्यालय पहुंची और वहां पर तमाम दस्तावेज जब्त किए गए. शक्ति भवन पहुंचे डीआईजी हीरालाल ने बताया कि आर्थिक अपराध शाखा के 11 सदस्यों की टीम ने छापेमारी की है और भविष्य निधि में हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए फाइलें जब्त की है. डीजे ईओडब्ल्यू आरपी सिंह का कहना है कि गड़बड़ियों में शामिल होने वाले सभी बेनकाब होंगे, जिनका नाम सामने आया है उनको जांच में शामिल किया जाएगा. वहीं गिरफ्तार किए गए यूपीपीसीएल के दो पूर्व अधिकारियों की रिमांड के लिए आवेदन किया गया है.
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बताते चलें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराने के लिए संस्तुति कर चुके हैं. जब तक सीबीआई इस मामले में सक्रिय नहीं होती, तब तक आर्थिक अपराध अनुसंधान ईओडब्ल्यू इस मामले की जांच करेगा. जांच करते हुए अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पूर्व वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, पूर्व ट्रस्ट सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता, यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है.
इसके पहले पीएफ घोटाले के मामले में पॉवर कॉर्पोरेशन की MD अपर्णा यू को इस पद से हटा दिया गया है. एम देवराज पॉवर कॉर्पोरेशन के नए एमडी बनाए गए हैं. अपर्णा जलशक्ति में सचिव बनाई गईं हैं.