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लखनऊ: मानसून में हो वायरल इन्फेक्शन तो रक्तदान से पहले जाने ये जरूरी बातें - केजीएमयू

मानसून के सीजन में वायरल इन्फेक्शन की वजह से कई बीमारियां हो जाती हैं. ऐसे में रक्तदान करते समय ब्लड बैंक में स्थित डॉक्टर को हाल-फिलहाल में हुए अपने अंदर सभी तरह के इन्फेक्शन और बीमारियों की जानकारी अवश्य देनी चाहिए, ताकि इससे किसी अन्य मरीज को भी नुकसान न पहुंचे.

लखनऊ.
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Published : Jul 13, 2019, 1:14 PM IST

लखनऊ: अक्सर मानसून के सीजन में बारिश में भीगने या नमी की वजह से तमाम तरह के वायरल इन्फेक्शन शरीर में दस्तक देते हैं. यह वायरल इन्फेक्शन खून में भी समाहित होते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो उस रक्त से किसी अन्य मरीज में वायरल इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा काफी अधिक हो जाता है.

जानकारी देतीं डॉ. तूलिका चंद्रा.
  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा का कहना है कि मानसून के सीजन में वायरल इन्फेक्शन के चलते कई बीमारियां हो जाती हैं.
  • उन्होंने कहा इस समय बहुत सारी बीमारियां हाइजीन का ख्याल न रखने, नमी, उमस और गंदगी आदि की वजह से हो जाती हैं.
  • इसमें खासतौर पर वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन काफी ज्यादा हो जाते हैं.
  • इसके अलावा कुछ एलर्जी इन्फेक्शन भी मानसून में होना आम बात हो जाती है.
  • डॉ. ने बताया कि आप इस मौसम में किसी भी तरह की इन्फेक्शन या बीमारी की चपेट में हैं और रक्तदान करते हैं तो यह किसी अन्य व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है.

पांच बीमारियों की होती है स्क्रीनिंग

  • डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि ब्लड बैंक में पांच तरह की बीमारियों की स्क्रीनिंग की जाती है.
  • इसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, मलेरिया और सिफलिस जैसी बीमारियां शामिल हैं.
  • इन बीमारियों के वायरस काफी समय तक रक्तदाता के खून में होते हैं और उनकी स्क्रीनिंग आसान होती है.
  • इसके अलावा किसी भी तरह की कोई भी स्क्रीनिंग ब्लड बैंक में नहीं होती है.
  • ब्लड में इन्फेक्शन की स्क्रीनिंग नहीं की जाती है.
  • मानसून में मच्छर जनित बीमारियों में डेंगू जैसी बीमारियों का ब्लड टेस्ट किया जाता है.
  • उसकी स्क्रीनिंग किसी भी ब्लड बैंक में संभव नहीं है.

लखनऊ: अक्सर मानसून के सीजन में बारिश में भीगने या नमी की वजह से तमाम तरह के वायरल इन्फेक्शन शरीर में दस्तक देते हैं. यह वायरल इन्फेक्शन खून में भी समाहित होते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो उस रक्त से किसी अन्य मरीज में वायरल इन्फेक्शन बढ़ने का खतरा काफी अधिक हो जाता है.

जानकारी देतीं डॉ. तूलिका चंद्रा.
  • किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. तूलिका चंद्रा का कहना है कि मानसून के सीजन में वायरल इन्फेक्शन के चलते कई बीमारियां हो जाती हैं.
  • उन्होंने कहा इस समय बहुत सारी बीमारियां हाइजीन का ख्याल न रखने, नमी, उमस और गंदगी आदि की वजह से हो जाती हैं.
  • इसमें खासतौर पर वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन काफी ज्यादा हो जाते हैं.
  • इसके अलावा कुछ एलर्जी इन्फेक्शन भी मानसून में होना आम बात हो जाती है.
  • डॉ. ने बताया कि आप इस मौसम में किसी भी तरह की इन्फेक्शन या बीमारी की चपेट में हैं और रक्तदान करते हैं तो यह किसी अन्य व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है.

पांच बीमारियों की होती है स्क्रीनिंग

  • डॉ. तूलिका चंद्रा ने बताया कि ब्लड बैंक में पांच तरह की बीमारियों की स्क्रीनिंग की जाती है.
  • इसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस-बी, हेपेटाइटिस-सी, मलेरिया और सिफलिस जैसी बीमारियां शामिल हैं.
  • इन बीमारियों के वायरस काफी समय तक रक्तदाता के खून में होते हैं और उनकी स्क्रीनिंग आसान होती है.
  • इसके अलावा किसी भी तरह की कोई भी स्क्रीनिंग ब्लड बैंक में नहीं होती है.
  • ब्लड में इन्फेक्शन की स्क्रीनिंग नहीं की जाती है.
  • मानसून में मच्छर जनित बीमारियों में डेंगू जैसी बीमारियों का ब्लड टेस्ट किया जाता है.
  • उसकी स्क्रीनिंग किसी भी ब्लड बैंक में संभव नहीं है.
Intro:लखनऊ। अक्सर मानसून के सीजन में बारिश में भीगने या नमी की वजह से तमाम तरह के वायरल इन्फेक्शन शरीर में दस्तक देते हैं। यह वायरल इनफेक्शन खून में भी समाहित होते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो उस रक्त से किसी अन्य मरीज में वायरल इनफेक्शंस बढ़ने का खतरा काफी अधिक हो जाता है। ऐसे में डॉक्टर्स मानसून में रक्तदान करने से पहले कुछ बातें बता रही हैं।


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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ तूलिका चंद्रा कहती है कि मानसून के सीजन में कई ऐसी बीमारियां हो जाती है जो वायरल इनफेक्शन के चलते शरीर में दस्तक देती है।
इस समय बहुत सारी बीमारियां हाइजीन का ख्याल न रखने, नमी उमस और गंदगी आदि की वजह से हो जाती है। इसमें खासतौर पर वायरल, बैक्टीरियल और फंगल इनफेक्शन काफी ज्यादा हो जाते हैं।
इसके अलावा कुछ एलर्जी इनफेक्शन भी मानसून में होना आम बात हो जाती है।
यदि आप इस मौसम में किसी भी तरह की इन्फेक्शन या बीमारी की चपेट में है और रक्तदान करते हैं तो यह किसी अन्य व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है।
डॉक्टर तूलिका कहती हैं कि ब्लड बैंक से ब्लड यूनिट उसी व्यक्ति को दी जाती है जो अस्पताल में भर्ती हो तो जाहिर है कि उसकी इम्यूनिटी कमजोर होगी। ऐसे में यदि किसी भी तरह से इनफेक्टेड ब्लड उस मरीज को दे दिया जाएगा तो इससे उस मरीज पर और अधिक बुरा असर पड़ सकता है या उसकी तबियत और ज्यादा खराब हो सकती है।

पांच बीमारियों की होती है स्क्रीनिंग
डॉ तूलिका कहती है कि ब्लड बैंक में 5 तरह की बीमारियों की स्क्रीनिंग की जाती है।
इसमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, मलेरिया और सिफलिस जैसी बीमारियां शामिल है क्योंकि इन बीमारियों के वायरस काफी समय तक रक्तदाता के खून में होते हैं और उनकी स्क्रीनिंग आसान होती है।
इसके अलावा किसी भी तरह की कोई भी स्क्रीनिंग ब्लड बैंक में नहीं होती है।
ब्लड में इन्फेक्शन की स्क्रीनिंग नहीं की जाती है।
मानसून में मच्छर जनित बीमारियों में डेंगू जैसी बीमारियों का ब्लड टेस्ट किया जाता है। उसकी स्क्रीनिंग किसी भी ब्लड बैंक में संभव नहीं है।


Conclusion:डॉ तूलिका कहती हैं कि यदि कोई व्यक्ति मानसून में किसी भी तरह की बीमारी से ग्रसित है तो बेहतरी इसी बात में है कि वह रक्तदान न करे क्योंकि वह उस व्यक्ति के स्वास्थ्य के साथ-साथ किसी अन्य मरीज को भी नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा रक्तदान करने से पहले ब्लड बैंक में स्थित डॉक्टर को हाल फिलहाल में हुई अपने सभी तरह के इन्फेक्शन और बीमारी की जानकारी अवश्य दें।

बाइट- डॉ तूलिका चन्द्रा, विभागाध्यक्ष ट्रांसलेशन मेडिसिन विभाग केजीएमयू

रामांशी मिश्रा
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