लखनऊ : नए वित्तीय वर्ष में कौशल विकास मिशन के तहत संचालित कार्यक्रमों में कुछ अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं. मिशन निदेशक रमेश रंजन इस संबंध में लगातार प्रयास कर रहे हैं. यही नहीं प्रशिक्षण सहयोगियों के फूड बिल्स के भुगतान भी शुरू हो गए हैं. इससे प्रशिक्षणदाताओं की समस्याओं का समाधान हुआ है और प्रशिक्षण कार्यक्रम के गति पकड़ने की उम्मीद है. इसके साथ ही फ्लैक्सी पार्टनर्स को 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान की समस्या का निदान भी हो गया है.
चेहरे की पहचान करने वाली हाजिरी प्रणाली होगी लागू : कौशल विकास मिशन के निदेशक रमेश रंजन ने बताया कि 'मिशम के प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशिक्षुओं और शिक्षकों की हाजिरी से जुड़ी जो थोड़ी-बहुत समस्याएं या शिकायतें रह गई हैं, उन्हें पूरी तरह से दूर करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष से चेहरे की पहचान करने वाली हाजिरी प्रणाली (Facial recognition system) लागू की जाएगी. वर्तमान समय में प्रशिक्षण केंद्रों पर अंगुलियों के निशान (फिंगर प्रिंट) से हाजिरी लगाई जाती है. वैसे तो इस प्रणाली से हाजिरी लगाने में भी किसी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका काफी कम है, लेकिन नई प्रणाली से प्रशिक्षण केंद्रों में हाजिरी लगाने पर गड़बड़ी की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. मिशन निदेशक ने बताया कि फिलहाल वह देख रहे हैं कि कैसे इस मशीन की कीमत कम हो सके, जिससे प्रशिक्षणदाताओं पर अधिक भार न पड़े. वह चाहते हैं कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी दिखाई दे.'
दस लाख से अधिक युवा पंजीकृत : गौरतलब है कि कौशल विकास मिशन के तहत प्रदेश में नौ सौ से ज्यादा प्रशिक्षण प्रदाता साढ़े आठ हजार से अधिक सेंटर्स पर पौने चार लाख युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं. इस कार्यक्रम के तहत लगभग साढ़े छह लाख युवा नौकरी अथवा स्वरोजगार से जुड़कर जीवन-यापन कर रहे हैं. यही नहीं मिशन के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दस लाख से अधिक युवा पंजीकृत हैं. सरकार की मंशा के अनुरूप मिशन द्वारा संचालित विभिन्न व्यावसायिक कार्यक्रमों के तहत प्रशिक्षण लेकर निकले बड़ी संख्या में रोजगार पा रहे हैं. वहीं तमाम युवा अपना रोजगार भी कर रहे हैं. कौशल विकास मिशन ने हाल ही में एक और उपलब्धि हासिल की है. अब मिशन प्रशिक्षण पूरा करने वाले अभ्यर्थियों का मूल्यांकन खुद कर सकेगा. अभी तक उसे अन्य संस्था के माध्यम से मूल्यांकन कराना पड़ता था, जिसके कारण एक तो मिशन का पैसा अधिक खर्च होता था. साथ ही समय मिलने में विलंब के साथ-साथ अन्य समस्याएं भी होती थी, जो जिनका निदान अब हो जाएगा.
दो बड़े आयोजन कराने की तैयारी : मिशन निदेशक रमेश रंजन ने बताया कि 'वह आगामी माह में दो बड़े आयोजन कराने की तैयारी करा रहे हैं, जिनमें एक लखनऊ और दूसरा नोएडा में हो सकता है. इनमें एक आयोजन इंडस्ट्री मीट का होगा, जिसमें तमाम कंपनियां बुलाई जाएंगी, जो मौके पर ही युवाओं को नौकरी के ऑफर देंगी. इस मेले में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. वहीं एल्युमनाई मीट में उन युवाओं को आमंत्रित किया जाएगा, जो मिशन के प्रशिक्षण कार्यक्रमों से लाभान्वित होकर अच्छी जगहों पर रोजगार पा रहे हैं और अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत बन सकते हैं. निदेशक ने बताया कि वह लगातार प्रयास कर रहे हैं कि सरकार की मंशा के अनुरूप ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले अथवा वह स्वरोजगार कर अन्य लोगों को भी रोजगार देने लायक बनें.'
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