लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में से एक है. यहां हर दिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. उन्हें उम्मीद रहती है कि इलाज के साथ-साथ अस्पताल में अन्य सुविधाएं भी बेहतर मिलेंगी, लेकिन बलरामपुर अस्पताल में ऐसा होता नहीं दिख रहा है. ईटीवी भारत ने यहां मरीजों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की पड़ताल की. देखें यह खास रिपोर्ट-
EXCLUSIVE: राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में मरीजों को पिलाया जा रहा है गंदा पानी - बलरामपुर अस्पताल में पानी की व्यवस्था फेल
राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में इलाज के लिए बड़ी संख्या में मरीज आते हैं. अस्पताल प्रशासन की ओर से मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के तमाम दावे किए जाते हैं. लेकिन ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में इन दावों की पोल खोलकर रख दी है.
बलरामपुर अस्पताल में मरीजों को मिल रहा गंदा पानी.
लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में से एक है. यहां हर दिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं. उन्हें उम्मीद रहती है कि इलाज के साथ-साथ अस्पताल में अन्य सुविधाएं भी बेहतर मिलेंगी, लेकिन बलरामपुर अस्पताल में ऐसा होता नहीं दिख रहा है. ईटीवी भारत ने यहां मरीजों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की पड़ताल की. देखें यह खास रिपोर्ट-
Intro:किसी भी आदर्श समाज के लिए जरूरी है। कि उन्हें चिकित्सा मिल सके। जिससे उनका जीवन सरल शुध्रड हो सके। लेकिन इन सबके लिए जरूरी होता है। की चिकित्सालय में मिलने वाली सेवाएं भी बेहतर हो लेकिन ऐसा होता बलरामपुर अस्पताल में नहीं दिख रहा है। ईटीवी भारत ने अपनी पड़ताल में इस पूरी व्यवस्था का भंडाफोड़ किया है
Body:राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में राजधानी लखनऊ के कोने-कोने से मरीज अच्छे इलाज के लिए यहां पर आते हैं। यहां पर तमाम उन सुविधाओं से यह अस्पताल लैस है। जोकि इस अस्पताल को सभी अस्पतालों से अलग श्रेणी में आता है। इस अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा दिए जाने के दावे किए जाते हैं। इस अस्पताल में सुपर स्पेशलिस्ट वार्ड के साथ साथ उन सभी तमाम संसाधन भी यहां पर उपलब्ध है। जो आधुनिक अस्पतालों में उपलब्ध होते हैं। लेकिन अस्पतालों में आने वाले मरीजों को कितना शुद्ध पानी मिल रहा है। इसकी जब हमने पड़ताल की तो सच्चाई कुछ ऐसी दिखी की हमारी आंखें भी खुली की खुली रह गई।
दरअसल इस चिलचिलाती झुलस थी गर्मी में राजधानी के कोने-कोने से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं। उन्हें काफी मशक्कत के बाद इलाज भी मिलता है। इस गर्मी में जब उनका गला सूख जाता है। तो वे पानी पीने के लिए उन नलों को ढूंढते हैं। जहां पर उन्हें पीने का स्वच्छ पानी मिल सके। और इसी विश्वास के साथ वे इन नलों से आने वाले पानी को स्वक्ष मानकर अपनी प्यास बुझाते हैं। लेकिन बलरामपुर अस्पताल उनके विश्वास को तोड़ने का काम कर रहा है। ऐसा इसलिए कि हमने अपनी पड़ताल में बलरामपुर अस्पताल की छतों पर लगी उन टंकियों की गुणवत्ता देखने के लिए छतों पर जा पहुंचे। जहां पर इन टंकियों में लगी गंदगी को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं। की बलरामपुर अस्पताल में आने वाले मरीजों की सेहत का ध्यान बलरामपुर अस्पताल प्रशासन कितना रखा है। ऐसा इसलिए क्योंकि टंकी में जमा गंदगी और कई उन सभी तमाम दावो की पोल खोल दी है। जिनमे कहा जाता है। कि मरीज हमारी प्राथमिकता है। पर सवाल आखिर कैसी प्राथमिकता? जब उन्हें साफ जल तक ना दे पाए। यह हालात उस अस्पताल के हैं जहां पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी कुछ महीने पहले ही सुपर स्पेशलिटी विभाग का उद्घाटन किया था। लेकिन मई का आधा महीना गुजर चुका है। बलरामपुर अस्पताल की छतों पर लगी टंकियों की सफाई अभी तक नहीं हो पाई और यह जल पूरे अस्पताल में मरीजों व तीमारदारों द्वारा ग्रहण किया जा रहा है। जो कि एक बीमारी का घर इन टंकियों में बस रहा है और इस टंकियों का पानी रोगियों वाह तीमारदार सब ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन बलरामपुर प्रशासन अपनी आंखें मूंदे बैठा है।
बाइट-डॉ.राजीव लोचन , निदेशक, बलरामपुर अस्पताल
Conclusion:
शुभम पाण्डेय
7054605976
Body:राजधानी लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में राजधानी लखनऊ के कोने-कोने से मरीज अच्छे इलाज के लिए यहां पर आते हैं। यहां पर तमाम उन सुविधाओं से यह अस्पताल लैस है। जोकि इस अस्पताल को सभी अस्पतालों से अलग श्रेणी में आता है। इस अस्पताल में मरीजों को बेहतर सेवा दिए जाने के दावे किए जाते हैं। इस अस्पताल में सुपर स्पेशलिस्ट वार्ड के साथ साथ उन सभी तमाम संसाधन भी यहां पर उपलब्ध है। जो आधुनिक अस्पतालों में उपलब्ध होते हैं। लेकिन अस्पतालों में आने वाले मरीजों को कितना शुद्ध पानी मिल रहा है। इसकी जब हमने पड़ताल की तो सच्चाई कुछ ऐसी दिखी की हमारी आंखें भी खुली की खुली रह गई।
दरअसल इस चिलचिलाती झुलस थी गर्मी में राजधानी के कोने-कोने से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं। उन्हें काफी मशक्कत के बाद इलाज भी मिलता है। इस गर्मी में जब उनका गला सूख जाता है। तो वे पानी पीने के लिए उन नलों को ढूंढते हैं। जहां पर उन्हें पीने का स्वच्छ पानी मिल सके। और इसी विश्वास के साथ वे इन नलों से आने वाले पानी को स्वक्ष मानकर अपनी प्यास बुझाते हैं। लेकिन बलरामपुर अस्पताल उनके विश्वास को तोड़ने का काम कर रहा है। ऐसा इसलिए कि हमने अपनी पड़ताल में बलरामपुर अस्पताल की छतों पर लगी उन टंकियों की गुणवत्ता देखने के लिए छतों पर जा पहुंचे। जहां पर इन टंकियों में लगी गंदगी को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं। की बलरामपुर अस्पताल में आने वाले मरीजों की सेहत का ध्यान बलरामपुर अस्पताल प्रशासन कितना रखा है। ऐसा इसलिए क्योंकि टंकी में जमा गंदगी और कई उन सभी तमाम दावो की पोल खोल दी है। जिनमे कहा जाता है। कि मरीज हमारी प्राथमिकता है। पर सवाल आखिर कैसी प्राथमिकता? जब उन्हें साफ जल तक ना दे पाए। यह हालात उस अस्पताल के हैं जहां पर स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अभी कुछ महीने पहले ही सुपर स्पेशलिटी विभाग का उद्घाटन किया था। लेकिन मई का आधा महीना गुजर चुका है। बलरामपुर अस्पताल की छतों पर लगी टंकियों की सफाई अभी तक नहीं हो पाई और यह जल पूरे अस्पताल में मरीजों व तीमारदारों द्वारा ग्रहण किया जा रहा है। जो कि एक बीमारी का घर इन टंकियों में बस रहा है और इस टंकियों का पानी रोगियों वाह तीमारदार सब ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन बलरामपुर प्रशासन अपनी आंखें मूंदे बैठा है।
बाइट-डॉ.राजीव लोचन , निदेशक, बलरामपुर अस्पताल
Conclusion:
शुभम पाण्डेय
7054605976