नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बुधवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक काफी हंगामेदार रहीं. सदन में कुछ प्रस्ताव पास हो चुके थे, लेकिन पार्षद सुनील यादव द्वारा अधिकारियों के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करने पर नगर आयुक्त समेत तमाम अधिकारी बैठक छोड़ बाहर निकल गए.
अधिकारी बैठक से निकले बाहर
गाजियाबाद में बुधवार को हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक काफी हंगामेदार रही. इस बैठक में सफाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव समेत कई प्रस्ताव पास हो गए थे, लेकिन महापौर आशा शर्मा ने बुधवार बैठक की तमाम कार्रवाई निरस्त कर दी.
दरअसल, निगम पार्षद सुनील यादव द्वारा निगम के किसी अधिकारी के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया, जिस पर नगर आयुक्त समेत तमाम अधिकारी बैठक से बाहर निकल गए.
अधिकारियों ने बोर्ड बैठक का किया बायकाट
पार्षद राजेंद्र त्यागी ने सदन के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा निगम की बोर्ड बैठक का बायकाट करने पर जो स्तिथि उत्पन्न हुई है. यह सम्मानित सदन और महापौर की अवमानना है.
उन्होंने कहा कि बुधवार को सदन की जो भी कार्रवाई हुई हैं, उसे निरस्त किया जाए तथा जब तक तमाम अधिकारियों द्वारा सदन के सामने खेद व्यक्त नहीं किया जाता है. तब तक निगम के अधिकारियों की फाइनेंसियल पावर सीज़ की जानी चाहिए. जिस पर सदन में मौजूद तमाम पार्षदों ने सहमति जताई.
शासन को भेजी जाएगी सदन में घटित जानकारी
नगर निगम की महापौर आशा शर्मा ने पार्षदों की मांग पर सहमति जताते हुए कहा कि आज पूरे सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा है. समस्त सदन इससे आहत है और भविष्य में ऐसा कभी न दोहराया जाए इसलिए मैं आज सदन की तमाम कार्रवाई को निरस्त करती हूं. उन्होंने कहा कि सदन में जो घटना घटी है उसकी जानकारी शासन को भेजी जाएगी.
दोबारा बुलाई गई थी बैठक
बता दें गाजियाबाद नगर निगम की 13 सितंबर को हुई गाजियाबाद नगर निगम की बोर्ड बैठक काफी हंगामेदार रहीं थी, जिसके कारण 18 सितंबर को दोबारा बोर्ड की बैठक बुलाई गई थी.