लखनऊ: कांग्रेस पार्टी की तरफ से राजधानी लखनऊ में 26 दिसंबर को मैराथन आयोजित होनी थी, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी. इसे लेकर शनिवार शाम को बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने पुलिस कमिश्नर के आवास का घेराव भी किया था. कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैराथन में हिस्सा लेने के लिए पंजीकरण कराने वाली लड़कियों को मैराथन कैंसिल होने की सूचना भी दी गई. लेकिन रविवार को लखनऊ के 1090 चौराहे पर कांग्रेस के मैराथन में शामिल होने दूर-दूर से लड़कियां पहुंचीं. मैराथन रोकने को लेकर सरकार से लड़कियां नाराज हैं.
मेरठ के बाद रविवार को लखनऊ और झांसी में भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैराथन का आयोजन किया गया था. 10,000 से ज्यादा लड़कियों के मैराथन में हिस्सा लेने के लिए जुटने की संभावना थी. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तमाम स्कूल और कॉलेजों की लड़कियों के रजिस्ट्रेशन भी कराए थे.
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इसकी बढ़-चढ़कर तैयारी भी चल रही थी, लेकिन पार्टी नेताओं की मेहनत पर सरकार की अनुमति ने पानी फेर दिया . सरकार की तरफ से कोरोना हवाला देकर मैराथन की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद रविवार को होने वाली मैराथन प्रतियोगिता निरस्त करनी पड़ गई.
हालांकि दूरदराज से बड़ी संख्या में रविवार को लड़कियां मैराथन आयोजित होने वाले स्तर पर पहुंच गई. यहां पर कांग्रेस नेता भी मौजूद रहे. उन्होंने लड़कियों को सरकार की तरफ से मैराथन के लिए अनुमति न देने की जानकारी दी. इसके बाद तमाम लड़कियों ने सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा भी जाहिर किया.
झांसी के मैराथन का आयोजन हो रहा है और बड़ी संख्या में लडकियां हिस्सा भी ले रही है. बता दे कि लखनऊ में आयोजित होने वाली मैराथन के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी, जिसमें बताया गया था कि 1090 चौराहा से 5 किलोमीटर की दौड़ होगी. मैराथन को मशहूर फिल्म अभिनेत्री मंदिरा बेदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला हरी झंडी दिखाने वाले थे.
साथ ही इसमें जीतने वाली पहली तीन विजेताओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी, 25 विजेताओं को स्मार्टफोन, 100 विजेताओं को घड़ी और रिस्ट बैंड दिए जाने की घोषणा की गई थी. लेकिन सरकार ने जब अनुमति नहीं दी तो यह सारा प्रोग्राम रद्द करना पड़ गया.
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