लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के निर्देश दिए हैं. नवंबर तक का समय है. सरकार भले ही आम आदमी को अच्छी सड़कें देना चाहती है लेकिन लखनऊ नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदारों की सांठगांठ से इस पूरे प्रयास पर पलीता लग रहा है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सड़कों के पैच वर्क के नाम पर जनता की गाढ़ी कमाई पर डाका डाला जा रहा है. इसकी एक नजीर राजधानी के साउथ सिटी इलाके में देखने को मिली. ईटीवी भारत की पड़ताल में नगर निगम के अधिकारियों और ठेकेदारों की कारस्तानी खुलकर सामने आई.
साउथ सिटी के जे ब्लॉक में नगर निगम के ठेकेदार की तरफ से सड़क के पैच वर्क का काम किया गया. यह सड़क शहीद पथ साइड लेन को जे ब्लॉक कॉलोनी से जोड़ती है. पैच वर्क के बाद भी सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि चलना मुश्किल है. स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी शिकायत मुख्यमंत्री तक से की है.
स्थानीय नागरिक सौरभ नारायण का कहना है कि ठेकेदार की तरफ से पेचवर्क करा लिया गया है बावजूद इसके पूरी सड़क गड्ढों से भरी है. वाहन चलाना तो दूर की बात पैदल चलना भी मुश्किल है. क्षेत्रीय पार्षद राम नरेश रावत ने बताया कि नगर निगम की ओर से किसी ठेकेदार को इसका काम सौंपा गया है. यह हाल सिर्फ जे ब्लॉक की सड़क का नहीं है बल्कि साउथ सिटी के ए ब्लॉक में एक निजी स्कूल के सामने भी इसी तरीके से सड़क पर पैच वर्क किया गया है.
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जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस मुद्दे पर ईटीवी भारत ने मुख्य अभियंता ( सिविल) महेश वर्मा से बात की. उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से ठेकेदार को निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने के बाद ही भुगतान किया जाता है. इसमें निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच होती है. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और भुगतान मानक युक्त निर्माण के लिए ही किया जाएगा.
405 सड़कों के लिए दिया 80 करोड़ का बजट
राजधानी में करीब 405 सड़कें टूटी पड़ी हैं. इनके सुधार के लिए लखनऊ नगर निगम की ओर से करीब 80 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया. बीते दिनों नगर आयुक्त की अध्यक्षता में हुई 15वें वित्त की बैठक में इसे मंजूरी दी गई. शासन के आदेश पर गड्ढा मुक्त करने के जो निर्देश दिए गए हैं उनके तहत ही यह काम हो रहा है.