लखनऊ : बारह रबी-उल-अव्वल यानी पैगम्बर मोहम्मद की इस दुनिया में आमद का दिन इस वर्ष 19 अक्टूबर को पूरे देश में मनाया जाएगा. इस दिन देशभर में मुसलमान बड़े पैमाने पर जलसे, मिलाद व जुलूस निकालते है. हालांकि कोरोना के मरीज़ों की संख्या एक बार फिर से बढ़ते हुए उलमा ने इस वर्ष जुलूस नहीं निकालने का फैसला किया है.
राजधानी लखनऊ में जुलूस-ए-मदहे साहब व जुलूस-ए-मोहम्मदी में लाखों लोग शामिल होते है. दोनों ही जुलूसों के जिम्मेदारों ने इस वर्ष मुसलमानों से जुलूस नहीं निकालने के फैसले पर अमल करने की अपील जारी की है.
इस्लामिक सेंटर में बड़ी बैठक
लखनऊ स्थित इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की मुस्लिम धर्मगुरु, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली साथ बैठक हुई. बुधवार रात हुई इस बैठक में मुस्लिम समाज के सभ्रांत लोग शामिल हुए. सभी ने इस वर्ष जुलूस न निकालने के उलमा के फैसले पर अमल करने का निर्णय लिया. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर पीयूष मोर्डिया ने आगामी त्योहारों पर राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था के चाकचौबंद बंदोबस्त रखने का आश्वासन दिया. साथ ही मुस्लिम समुदाय के फैसले का स्वागत किया. इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग, लेसा, नगर निगम के भी अधिकरी मौजूद रहे जिन्होंने बारह रबी-उल-अव्वल के इस पर्व पर व्यापक इंतज़ाम करने की बात कही.
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जलसों में 100 लोग के शामिल होने की अपील
मुस्लिम धर्मगुरु और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि इस खास मौके पर लखनऊ शहर में भी बड़े पैमाने पर जलसों और महफिलों का आयोजन होता है. हालांकि कोविड गाइडलाइन लागू होने के चलते उलमा ने यही अपील की है कि पिछले दो वर्षों में जिस तरह ईद, बकरीद, रमज़ान और शबे बरात के मौके पर मुसलमानों ने ज़िम्मेदार नागरिक होने का परिचय दिया है. वह इस वर्ष बारह रबी-उल-अव्वल के मौके पर भी करें.
मौलाना ने कहा कि कोई भी बड़ा आयोजन न किया जाए और सिर्फ 100 लोग ही एक जगह शामिल हों. फरंगी महली ने कहा कि मौलाना अलीम फारूकी ने एलान कर दिया है कि जुलूस इस वर्ष नहीं निकाला जाएगा. अगर हालात सुधरे तो अगले वर्ष बड़ा आयोजन किया जाएगा.
ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन मनाएगा ईद मिलादुन्नबी
देर रात आस्ताना हमीदिया फिरंगी महल में ऑल इंडिया मोहम्मदी मिशन के पदाधिकारियों साथ हुई. अहम बैठक में 19 अक्टूबर को दरगाह शाह मीना शाह से निकलने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी को स्थगित करने का फैसला लिया गया. साथ ही कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए अपने घरों व मस्जिदों में ही ईद मिलादुन्नबी मनाने की अपील की गई. मुफ़्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली ने सबसे इस मौके पर पैगंबर मोहम्मद साहब की शिक्षाओं को लोगों के बीच आम करने की अपील की.