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बसंत पंचमी स्नान के लिए महाकुंभ जा रहे तो किन 10 बातों का रखें ध्यान, कैसे सुरक्षित लगा सकते संगम में डुबकी? - MAHAKUMBH MELA 2025

संगम में स्नान पर जाने से पहले खास बातों पर जरूर गौर कर लें. जानिए क्या है काम के हेल्पलाइन नंबर.

10 tips avoid stampede prayagraj mahakumbh mela 2025 basant panchami snan.
महाकुंभ स्नान के लिए ये बातें रखें ध्यान. (photo credit: etv bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 30, 2025, 7:27 AM IST

Updated : Jan 30, 2025, 7:32 AM IST

प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए. महाकुंभ में हुए इतने बडे हादसे से पूरा देश दुखी है. सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. मौनी अमावस्या पर अब प्रयागराज में चौथा शाही स्नान तीन फरवरी यानी बसंत पंचमी को पड़ रहा है. अब सवाल उठता है कि इन हालातों में क्या बसंत पंचमी स्नान के लिए प्रयागराज जाना चाहिए या नहीं. अगर प्रयागराज जा भी रहे हैं तो आखिर कौन सी सावधानी बरती जाएं जिससे कोई अप्रिय घटना न हो सके.

बता दें कि मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर करोड़ों संख्या पर श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच गए थे. ज्यादातर श्रद्धालु संगम की रेत पर ही रुक गए थे. सुबह करीब एक से दो बजे के बीच अचानक श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई और कई मौतें हो गईं. इस हादसे की जांच के सीएम योगी ने न्यायिक आयोग का गठन किया है. यह आयोग हादसे की वजहों की तलाश करेगा. हालांकि संगम में अब हालात पूरी तरह से सामान्य हैं. एहतियात के तौर पर आप कुछ खास बातें जरूर ध्यान रखें ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे.

महाकुंभ स्नान से पहले यह जरूर जान लें

1. संगम नोज पर स्नान की जिद न पालें: प्रयागराज में मौजूदा समय पर संगम नोज पर सबसे ज्यादा लोड की खबरें आ रहीं हैं. ज्यादातर श्रद्धालु यहां स्नान करने की जिद पर अड़े हैं. इस वजह से यहां कई बार काफी भीड़भाड़ हो रही है. ऐसे में आप यहां जाने से बचें.


2. 15 किमी. के दायरे में कर सकते स्नानः जूना अखाड़ा के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरि कह चुके हैं. अति उत्साह से बचें. उन्होंने कहा कि सभी को उन घाटों पर नहाना चाहिए जहां भीड़ कम होअधिक भीड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए. यहां हर तरफ गंगा, जमुना, सरस्वती का प्रभाव है. श्रद्धालुओं से आग्रह है कि संगम के 15 किलोमीटर दायरे में कही भी स्नान कर सकते हैं. जिन घाटों पर भीड़ कम हो वहां जाएं और स्नान करें वैसा ही पुण्य मिलेगा.


3. धक्कामुक्की से बचेंः महाकुंभ में कल हुए हादसे में सबसे बड़ी वजह आपस में धक्कामुक्की आई है. भारी दबाव के चलते भगदड़ मच गई. धक्कामुक्की से बचने के लिए भारी भीड़ का हिस्सा न बनें. कोशिश करके ऐसे स्थानों की ओर जाएं जहां भीड़ कम हो और परेशानी का सामना न करना पड़े.


4. बीमार बुजुर्गों-बच्चों को लेकर न जाएं: अगर घर में कोई बुजुर्ग बीमार है और बच्चे बेहद छोटे हैं तो कोशिश करके उन्हें संगम स्नान के लिए न ले जाएं. भारी भीड़ में उन्हें काफी परेशानी हो सकती है और आपको भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आप उन्हें घर पर ही संगम से जल लाकर स्नान के लिए दे दें.


5. काफी देर तक घाट पर न डटे रहेंः संगम स्नान के बाद आप घाट पर जमे न रहें. कोशिश करके घाट से जल्द से जल्द निकलें ताकि पीछे से आ रहे श्रद्दालुओं को स्नान में कोई समस्या न आएं. स्नान वाले घाटों से निकलने के बाद आप चाहें तो आश्रम, भंडारे या फिर किसी और स्थान पर आराम कर सकते हैं. घाटों पर जहां ज्यादा भीड़ हो वहां से निकलते रहे.


6. अफवाह पर कतई ध्यान न देंः ध्यान रखिए, भारी भीड़भाड़ के बीच कई बार लोग झूठी अफवाहें भी उड़ाते हैं, इससे हादसे हो सकते हैं. ऐसी अफवाहों पर कतई न ध्यान दें और साथ ही दूसरों से भी अपील करते रहे कि किसी भी तरह की अफवाह पर कोई भी ध्यान न दें ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न बनें.


7. भारी सामान लेकर न चलेंः अगर महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो भारी सामान लेकर न चलें. यह सामान कई बार परेशानी का सबब बन जाता हैं. कोशिश करके स्नान के लिए जरूरी कपड़े इत्यादि लेकर ही संगम आएं ताकि आपको काफी परेशान न होना पड़ा.


8. महाकुंभ की रेती पर सोएं न: मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में यह सामने आया है कि मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर ही करोड़ों लोग संगम आ गए और रेती पर ही सो गए. इसके बाद सुबह उठते ही स्नान के लिए चलने लगे, इस दौरान भगदड़ मच गई. आप कतई ऐसा न करें. इस वक्त करोड़ों की संख्या में भक्त आ रहे हैं, रेती पर सोना खतरे को दावत देने जैसा है. कोशिश करके ऐसा स्थान तलाशें जहां भीड़भाड़ न हो. रेती पर सोने की जिद न पालें. इसके लिए आप संगम के आश्रमों, भंडार और बाहरी स्थलों में शरण ले सकते हैं.


9. कीमती सामान न ले जाएं: संगम स्नान के दौरान सोने-चांदी के आभूषण, महंगे मोबाइल आदि ले जाने से बचें. कई बार भीड़भाड़ का फायदा उठाकर चोर-उच्चके इन पर अपना हाथ साफ कर देते हैं.


10. हेल्पलाइन नंबर की जानकारी रखेंः मेला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई तरह की हेल्पलाइन जारी की गई है. ये हेल्पलाइन आपको ऑनलाइन और मेले में मिल जाएगी. आप इसकी जानकारी जरूर रखें ताकि कोई परेशानी होने पर आप तुरंत इन हेल्पलाइन नंबर के जरिए मदद मांग सकें.



हेल्पलाइन नंबर पर एक नजर

  • मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर-1076
  • वीमेन पॉवर लाइन –1090
  • पुलिस आपातकालीन सेवा -112
  • अग्निशमन सेवा-101
  • प्रयागराज नगर हेल्पलाइन –1920
  • एंबुलेंस सेवा–108
  • महिला और बाल हेल्पलाइन-1098
  • कुंभ हेल्पलाइन नंबर
  • मेला पुलिस 1944
  • गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर–102
  • यूपी रोडवेड का हेल्पलाइन नंबर: 18001802877 और व्हाट्सएप नंबर 9415049606

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ 2025, यूटिलिटी न्यूज; फोन-डायरी में नोट कर लें ये जरूरी हेल्पलाइन नंबर्स, एक कॉल पर मिलेगी मदद

प्रयागराज: प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हो गए. महाकुंभ में हुए इतने बडे हादसे से पूरा देश दुखी है. सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का ऐलान किया है. मौनी अमावस्या पर अब प्रयागराज में चौथा शाही स्नान तीन फरवरी यानी बसंत पंचमी को पड़ रहा है. अब सवाल उठता है कि इन हालातों में क्या बसंत पंचमी स्नान के लिए प्रयागराज जाना चाहिए या नहीं. अगर प्रयागराज जा भी रहे हैं तो आखिर कौन सी सावधानी बरती जाएं जिससे कोई अप्रिय घटना न हो सके.

बता दें कि मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर करोड़ों संख्या पर श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच गए थे. ज्यादातर श्रद्धालु संगम की रेत पर ही रुक गए थे. सुबह करीब एक से दो बजे के बीच अचानक श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई और कई मौतें हो गईं. इस हादसे की जांच के सीएम योगी ने न्यायिक आयोग का गठन किया है. यह आयोग हादसे की वजहों की तलाश करेगा. हालांकि संगम में अब हालात पूरी तरह से सामान्य हैं. एहतियात के तौर पर आप कुछ खास बातें जरूर ध्यान रखें ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रहे.

महाकुंभ स्नान से पहले यह जरूर जान लें

1. संगम नोज पर स्नान की जिद न पालें: प्रयागराज में मौजूदा समय पर संगम नोज पर सबसे ज्यादा लोड की खबरें आ रहीं हैं. ज्यादातर श्रद्धालु यहां स्नान करने की जिद पर अड़े हैं. इस वजह से यहां कई बार काफी भीड़भाड़ हो रही है. ऐसे में आप यहां जाने से बचें.


2. 15 किमी. के दायरे में कर सकते स्नानः जूना अखाड़ा के प्रमुख स्वामी अवधेशानंद गिरि कह चुके हैं. अति उत्साह से बचें. उन्होंने कहा कि सभी को उन घाटों पर नहाना चाहिए जहां भीड़ कम होअधिक भीड़ वाली जगह पर नहीं जाना चाहिए. यहां हर तरफ गंगा, जमुना, सरस्वती का प्रभाव है. श्रद्धालुओं से आग्रह है कि संगम के 15 किलोमीटर दायरे में कही भी स्नान कर सकते हैं. जिन घाटों पर भीड़ कम हो वहां जाएं और स्नान करें वैसा ही पुण्य मिलेगा.


3. धक्कामुक्की से बचेंः महाकुंभ में कल हुए हादसे में सबसे बड़ी वजह आपस में धक्कामुक्की आई है. भारी दबाव के चलते भगदड़ मच गई. धक्कामुक्की से बचने के लिए भारी भीड़ का हिस्सा न बनें. कोशिश करके ऐसे स्थानों की ओर जाएं जहां भीड़ कम हो और परेशानी का सामना न करना पड़े.


4. बीमार बुजुर्गों-बच्चों को लेकर न जाएं: अगर घर में कोई बुजुर्ग बीमार है और बच्चे बेहद छोटे हैं तो कोशिश करके उन्हें संगम स्नान के लिए न ले जाएं. भारी भीड़ में उन्हें काफी परेशानी हो सकती है और आपको भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आप उन्हें घर पर ही संगम से जल लाकर स्नान के लिए दे दें.


5. काफी देर तक घाट पर न डटे रहेंः संगम स्नान के बाद आप घाट पर जमे न रहें. कोशिश करके घाट से जल्द से जल्द निकलें ताकि पीछे से आ रहे श्रद्दालुओं को स्नान में कोई समस्या न आएं. स्नान वाले घाटों से निकलने के बाद आप चाहें तो आश्रम, भंडारे या फिर किसी और स्थान पर आराम कर सकते हैं. घाटों पर जहां ज्यादा भीड़ हो वहां से निकलते रहे.


6. अफवाह पर कतई ध्यान न देंः ध्यान रखिए, भारी भीड़भाड़ के बीच कई बार लोग झूठी अफवाहें भी उड़ाते हैं, इससे हादसे हो सकते हैं. ऐसी अफवाहों पर कतई न ध्यान दें और साथ ही दूसरों से भी अपील करते रहे कि किसी भी तरह की अफवाह पर कोई भी ध्यान न दें ताकि भगदड़ जैसी स्थिति न बनें.


7. भारी सामान लेकर न चलेंः अगर महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं तो भारी सामान लेकर न चलें. यह सामान कई बार परेशानी का सबब बन जाता हैं. कोशिश करके स्नान के लिए जरूरी कपड़े इत्यादि लेकर ही संगम आएं ताकि आपको काफी परेशान न होना पड़ा.


8. महाकुंभ की रेती पर सोएं न: मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में यह सामने आया है कि मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर ही करोड़ों लोग संगम आ गए और रेती पर ही सो गए. इसके बाद सुबह उठते ही स्नान के लिए चलने लगे, इस दौरान भगदड़ मच गई. आप कतई ऐसा न करें. इस वक्त करोड़ों की संख्या में भक्त आ रहे हैं, रेती पर सोना खतरे को दावत देने जैसा है. कोशिश करके ऐसा स्थान तलाशें जहां भीड़भाड़ न हो. रेती पर सोने की जिद न पालें. इसके लिए आप संगम के आश्रमों, भंडार और बाहरी स्थलों में शरण ले सकते हैं.


9. कीमती सामान न ले जाएं: संगम स्नान के दौरान सोने-चांदी के आभूषण, महंगे मोबाइल आदि ले जाने से बचें. कई बार भीड़भाड़ का फायदा उठाकर चोर-उच्चके इन पर अपना हाथ साफ कर देते हैं.


10. हेल्पलाइन नंबर की जानकारी रखेंः मेला प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई तरह की हेल्पलाइन जारी की गई है. ये हेल्पलाइन आपको ऑनलाइन और मेले में मिल जाएगी. आप इसकी जानकारी जरूर रखें ताकि कोई परेशानी होने पर आप तुरंत इन हेल्पलाइन नंबर के जरिए मदद मांग सकें.



हेल्पलाइन नंबर पर एक नजर

  • मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर-1076
  • वीमेन पॉवर लाइन –1090
  • पुलिस आपातकालीन सेवा -112
  • अग्निशमन सेवा-101
  • प्रयागराज नगर हेल्पलाइन –1920
  • एंबुलेंस सेवा–108
  • महिला और बाल हेल्पलाइन-1098
  • कुंभ हेल्पलाइन नंबर
  • मेला पुलिस 1944
  • गर्भवती महिलाओं व नवजात शिशुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर–102
  • यूपी रोडवेड का हेल्पलाइन नंबर: 18001802877 और व्हाट्सएप नंबर 9415049606

ये भी पढ़ेंः महाकुंभ 2025, यूटिलिटी न्यूज; फोन-डायरी में नोट कर लें ये जरूरी हेल्पलाइन नंबर्स, एक कॉल पर मिलेगी मदद

Last Updated : Jan 30, 2025, 7:32 AM IST
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