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लखनऊ में बन रहे नई टेक्नोलॉजी के स्पीड ब्रेकर्स पर कमिश्नर ने लगाया ब्रेक, हटाने के निर्देश दिए

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 24, 2023, 8:15 AM IST

बुधवार को लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब ने टैक्सचर सरफेसिंग स्पीड ब्रेकर्स (Textured surfacing speed breakers in Lucknow) हटाने के निर्देश दिये. उनका कहना है कि इनकी वजह से ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

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लखनऊ: राजधानी के 23 ब्लैक स्पॉट चौराहों पर आईआईटी दिल्ली और बीएचयू की सिफारिश पर बनाए जा रहे टैक्सचर सरफेसिंग स्पीड ब्रेकर्स पर लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बुधवार को इनके निर्माण पर ब्रेक लगाने के लिए कहा. मंडलायुक्त ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखते हुए कहा है कि, ये सभी टैक्सचर सरफेसिंग और टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर्स का बिना निरीक्षण कर कहीं भी बनवा दिया रहा है. इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब ( Lucknow Divisional Commissioner Roshan Jacob) ने यूपी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखते हुए कहा है कि, "लखनऊ शहर में निरीक्षण के दौरान यह देखने में आ रहा है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा शहर में विभिन्न सड़कों पर टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप का निर्माण कराया जा रहा है. इस प्रकार के गतिरोधक निर्माण के सम्बन्ध में पूर्व में ही इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि स्पीड ब्रेकर्स बनवाये जाने से पहले स्थलीय निरीक्षण कर लिया जाए और आवश्यकता के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ही स्पीड ब्रेकर्स बनवाये जायें.

स्थलीय निरीक्षण के अभाव में जहाँ-तहाँ बनवाये जा रहे स्पीड ब्रेकर्स से जहाँ एक तरफ ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. वहीं दूसरी ओर आम जनमास के सुचारू आवागमन में अवरोध भी उत्पन्न हो रहा है. मंडलायुक्त ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि, टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप बनवाने के पहले उस स्थान की यातायात व्यवस्था का अधिकारी खुद परीक्षण कर लें. दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों और उपयुक्त सड़कों पर ही गतिरोधक भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार हटवाये या बनवाये जायें. जहां अनावश्यक स्पीड ब्रेकर्स बन गये हैं, उनको तत्काल हटाया जाए.


दरअसल, लोक निर्माण विभाग ने सड़क दुर्घटना को लेकर सड़क सुरक्षा के तहत आईआईटी दिल्ली और बीएचयू के विशेषज्ञों से ऑडिट कराया था. इसमें टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप का निर्माण करने को लेकर सिफारिश की गई थी. इसके तहत पीडब्ल्यूडी ने पहले चरण में शहर के 23 दुर्घटना बाहुल्य चौराहों को चिन्हित कर टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप के निर्माण का कार्य शुरू किया था. इसके तहत इन चौराहों पर निर्माण कार्य होने पर सड़क का एक हिस्सा बाधित किया जाता है.

क्या होता है टैक्सचर सरफेसिंग और टेबल टॉप:

  • टेक्सचर सरफेसिंग के तहत सड़क पर उसकी पूरी चौड़ाई में और 6.00 मीटर लम्बाई में कट स्टोन को सीमेंट मसाले में लगाया जाता है.
  • सीमेंट कंक्रीट मसाले से दोनों ओर रैंप बनाया जाता है.
  • टेक्सचर सरफेसिंग से 10 या 20 मीटर दूरी पर चौड़ाई में 5 मीटर, 10 सेमी. ऊॅचा स्पीड टेबिल बनाया जा रहा.
  • दोनों तरफ 1.70 मीटर लम्बाई में रैम्प से जोड़ा जा रहा है.
  • इनके निर्माण से यातायात की गति को नियंत्रित कर ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटना से बचाव किया जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- आरव हत्याकांडः क्राइम पेट्रोल देखकर पड़ोसी ने की थी मासूम की हत्या, ऐसे हुआ खुलासा

लखनऊ: राजधानी के 23 ब्लैक स्पॉट चौराहों पर आईआईटी दिल्ली और बीएचयू की सिफारिश पर बनाए जा रहे टैक्सचर सरफेसिंग स्पीड ब्रेकर्स पर लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने बुधवार को इनके निर्माण पर ब्रेक लगाने के लिए कहा. मंडलायुक्त ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखते हुए कहा है कि, ये सभी टैक्सचर सरफेसिंग और टेबल टॉप स्पीड ब्रेकर्स का बिना निरीक्षण कर कहीं भी बनवा दिया रहा है. इससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है.

लखनऊ मंडलायुक्त रोशन जैकब ( Lucknow Divisional Commissioner Roshan Jacob) ने यूपी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के चीफ इंजीनियर को पत्र लिखते हुए कहा है कि, "लखनऊ शहर में निरीक्षण के दौरान यह देखने में आ रहा है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा शहर में विभिन्न सड़कों पर टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप का निर्माण कराया जा रहा है. इस प्रकार के गतिरोधक निर्माण के सम्बन्ध में पूर्व में ही इस आशय के निर्देश दिये गये थे कि स्पीड ब्रेकर्स बनवाये जाने से पहले स्थलीय निरीक्षण कर लिया जाए और आवश्यकता के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए ही स्पीड ब्रेकर्स बनवाये जायें.

स्थलीय निरीक्षण के अभाव में जहाँ-तहाँ बनवाये जा रहे स्पीड ब्रेकर्स से जहाँ एक तरफ ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है. वहीं दूसरी ओर आम जनमास के सुचारू आवागमन में अवरोध भी उत्पन्न हो रहा है. मंडलायुक्त ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि, टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप बनवाने के पहले उस स्थान की यातायात व्यवस्था का अधिकारी खुद परीक्षण कर लें. दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों और उपयुक्त सड़कों पर ही गतिरोधक भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार हटवाये या बनवाये जायें. जहां अनावश्यक स्पीड ब्रेकर्स बन गये हैं, उनको तत्काल हटाया जाए.


दरअसल, लोक निर्माण विभाग ने सड़क दुर्घटना को लेकर सड़क सुरक्षा के तहत आईआईटी दिल्ली और बीएचयू के विशेषज्ञों से ऑडिट कराया था. इसमें टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप का निर्माण करने को लेकर सिफारिश की गई थी. इसके तहत पीडब्ल्यूडी ने पहले चरण में शहर के 23 दुर्घटना बाहुल्य चौराहों को चिन्हित कर टैक्सचर सरफेसिंग (Textured breaker) और टेबल टॉप के निर्माण का कार्य शुरू किया था. इसके तहत इन चौराहों पर निर्माण कार्य होने पर सड़क का एक हिस्सा बाधित किया जाता है.

क्या होता है टैक्सचर सरफेसिंग और टेबल टॉप:

  • टेक्सचर सरफेसिंग के तहत सड़क पर उसकी पूरी चौड़ाई में और 6.00 मीटर लम्बाई में कट स्टोन को सीमेंट मसाले में लगाया जाता है.
  • सीमेंट कंक्रीट मसाले से दोनों ओर रैंप बनाया जाता है.
  • टेक्सचर सरफेसिंग से 10 या 20 मीटर दूरी पर चौड़ाई में 5 मीटर, 10 सेमी. ऊॅचा स्पीड टेबिल बनाया जा रहा.
  • दोनों तरफ 1.70 मीटर लम्बाई में रैम्प से जोड़ा जा रहा है.
  • इनके निर्माण से यातायात की गति को नियंत्रित कर ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटना से बचाव किया जा सकेगा.

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