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गैंगस्टर्स को दस-दस साल का कारावास, जुर्माना - Lucknow court news

गिरोह बंद अधिनियम की विशेष न्यायाधीश ने दो गैंगस्टर्स को दस-दस साल कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है.

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गैंगस्टर्स को दस-दस साल का कारावास
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Published : May 20, 2022, 8:59 PM IST

लखनऊ: गिरोह बंद अधिनियम की विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने अभियुक्तगण सुनील सिंह उर्फ नन्हे सिंह तथा लाल सिंह उर्फ महेंद्र सिंह को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक पर बीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. दोनों अभियुक्त हत्या कर लूट की वारदात को अंजाम देने जैसे जघन्य अपराधों में शामिल रहे हैं.


अभियोजन की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश कुमार सिंह व अभियोजन अधिकारी सौम्या का तर्क था कि दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध 2/3 उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत 24 सितंबर 2010 को थानाध्यक्ष सरोजनी नगर अरुण कुमार द्विवेदी ने अपने थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

अभियोजन के अनुसार दोनों आरोपी गैंग लीडर व गैंग के सदस्यों के रूप में अपने-अपने गैंग के सदस्यों व परिवार वालों के आर्थिक व भौतिक लाभ के लिए हत्या व लूट जैसे जघन्य अपराध करते थे. कहा गया है कि इन लोगों के द्वारा किए गए आपराधिक कृत्यों की सूचना लोग डर से न तो थाने पर देते थे और न ही कोई गवाही देने के लिए तैयार होता था.


बहस के दौरान यह भी तथ्य सामने आया कि इन आरोपियों ने मोहल्ला हाइडल कॉलोनी सरोजनी नगर लखनऊ में दिन-दहाड़े कमल कुमार सिंह की पत्नी श्रीमती शशि सिंह की निर्ममतापूर्वक गला काटकर हत्या करके उनके जेवर लूट लिए थे. यह मामला सरोजनी नगर थाने में दर्ज हुआ था तथा पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. अदालत ने कहा है कि अभियुक्तों को शशि सिंह की हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है तथा दोनों अभियुक्तों का भय व आतंक समाज में व्याप्त है और इनके भय व आतंक से कोई व्यक्ति इनके विरुद्ध गवाही देने से घबराता है.

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लखनऊ: गिरोह बंद अधिनियम की विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने अभियुक्तगण सुनील सिंह उर्फ नन्हे सिंह तथा लाल सिंह उर्फ महेंद्र सिंह को दस-दस वर्ष के कठोर कारावास व प्रत्येक पर बीस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. दोनों अभियुक्त हत्या कर लूट की वारदात को अंजाम देने जैसे जघन्य अपराधों में शामिल रहे हैं.


अभियोजन की ओर से वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अवधेश कुमार सिंह व अभियोजन अधिकारी सौम्या का तर्क था कि दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध 2/3 उत्तर प्रदेश गिरोह बंद व समाज विरोधी क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत 24 सितंबर 2010 को थानाध्यक्ष सरोजनी नगर अरुण कुमार द्विवेदी ने अपने थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

अभियोजन के अनुसार दोनों आरोपी गैंग लीडर व गैंग के सदस्यों के रूप में अपने-अपने गैंग के सदस्यों व परिवार वालों के आर्थिक व भौतिक लाभ के लिए हत्या व लूट जैसे जघन्य अपराध करते थे. कहा गया है कि इन लोगों के द्वारा किए गए आपराधिक कृत्यों की सूचना लोग डर से न तो थाने पर देते थे और न ही कोई गवाही देने के लिए तैयार होता था.


बहस के दौरान यह भी तथ्य सामने आया कि इन आरोपियों ने मोहल्ला हाइडल कॉलोनी सरोजनी नगर लखनऊ में दिन-दहाड़े कमल कुमार सिंह की पत्नी श्रीमती शशि सिंह की निर्ममतापूर्वक गला काटकर हत्या करके उनके जेवर लूट लिए थे. यह मामला सरोजनी नगर थाने में दर्ज हुआ था तथा पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. अदालत ने कहा है कि अभियुक्तों को शशि सिंह की हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा भी हो चुकी है तथा दोनों अभियुक्तों का भय व आतंक समाज में व्याप्त है और इनके भय व आतंक से कोई व्यक्ति इनके विरुद्ध गवाही देने से घबराता है.

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