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लखनऊ: टेंपो-टैक्सी चालकों के सामने कोरोना काल में संकट का पहाड़

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लॉकडाउन ने टेंपो-टैक्सी चालकों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. टेंपो-टैक्सी की रफ्तार थम गई है, जिससे टेंपो चालकों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

लखनऊ न्यूज
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Published : May 24, 2020, 5:48 PM IST

लखनऊ: देश में करीब दो माह से लॉकडाउन जारी है. प्रदेश सरकार ने शर्तों के अनुसार बाजारों को खोलने की अनुमति भी दे दी है. वहीं ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है. लॉकडाउन के शुरुआती दौर से ही टैक्सी ऑटो का संचालन बंद है, जिसकी शुरुआत अभी तक नहीं हुई है. ऐसे में चालकों के सामने संकट का पहाड़ खड़ा हो गया है.

स्पेशल स्टोरी.

ऑटो-टेंपो चालकों की कमाई का एक मात्र साधन था, जो काफी समय से बंद चल रहा है, जिसके चलते अब रोटियों के लाले पड़ गए हैं. वहीं चालकों की समस्या का समाधान करने के लिए टेंपो टैक्सी महासंघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को बैठक की. इस बैठक में महासंघ की अध्यक्षा अर्चना रस्तोगी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश राज, उपाध्यक्ष राजन सिंह, महामंत्री चंदा मियां, संगठन मंत्री सतनाम सिंह, सुधाकर, आशीष चौहान मन्नान खान, शशिकांत दुबे, विजय बाजपेई, बबुआ समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

चालकों का कहना है कि यूनियन की तरफ से मदद मिली. राशन मिला और एक हजार रुपये भी मिले, उसी से काम चलता रहा. बाकी इधर उधर से उधार लेकर काम चल रहा है. राशन भी पड़ोस की दुकान से उधार ही आ रहा है, जब लॉकडाउन खुलेगा और गाड़ी चलने की शुरुआत होगी तभी सब का पैसा चुका पाएंगे. अभी तो कुछ उम्मीद ही नहीं नजर आ रही है. इस समय हमारी स्थिति बहुत खराब है.

टेंपो टैक्सी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश राज ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि जिस तरीके से सबको छूट दी गई है. ऑफिस खुल चुके हैं, ट्रेन चल रही हैं. अगर हमारी टेंपो को भी संचालन के अनुमति मिल जाए तो थोड़े बहुत आंसू पुंछ जाएंगे. प्रशासन से जो भी गाइडलाइन जारी होगी हम उसी तरीके से टैक्सियों का संचालन करवाएंगे.

लखनऊ: देश में करीब दो माह से लॉकडाउन जारी है. प्रदेश सरकार ने शर्तों के अनुसार बाजारों को खोलने की अनुमति भी दे दी है. वहीं ट्रेनों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो गई है. लॉकडाउन के शुरुआती दौर से ही टैक्सी ऑटो का संचालन बंद है, जिसकी शुरुआत अभी तक नहीं हुई है. ऐसे में चालकों के सामने संकट का पहाड़ खड़ा हो गया है.

स्पेशल स्टोरी.

ऑटो-टेंपो चालकों की कमाई का एक मात्र साधन था, जो काफी समय से बंद चल रहा है, जिसके चलते अब रोटियों के लाले पड़ गए हैं. वहीं चालकों की समस्या का समाधान करने के लिए टेंपो टैक्सी महासंघ के पदाधिकारियों ने शनिवार को बैठक की. इस बैठक में महासंघ की अध्यक्षा अर्चना रस्तोगी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश राज, उपाध्यक्ष राजन सिंह, महामंत्री चंदा मियां, संगठन मंत्री सतनाम सिंह, सुधाकर, आशीष चौहान मन्नान खान, शशिकांत दुबे, विजय बाजपेई, बबुआ समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे.

चालकों का कहना है कि यूनियन की तरफ से मदद मिली. राशन मिला और एक हजार रुपये भी मिले, उसी से काम चलता रहा. बाकी इधर उधर से उधार लेकर काम चल रहा है. राशन भी पड़ोस की दुकान से उधार ही आ रहा है, जब लॉकडाउन खुलेगा और गाड़ी चलने की शुरुआत होगी तभी सब का पैसा चुका पाएंगे. अभी तो कुछ उम्मीद ही नहीं नजर आ रही है. इस समय हमारी स्थिति बहुत खराब है.

टेंपो टैक्सी महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश राज ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि जिस तरीके से सबको छूट दी गई है. ऑफिस खुल चुके हैं, ट्रेन चल रही हैं. अगर हमारी टेंपो को भी संचालन के अनुमति मिल जाए तो थोड़े बहुत आंसू पुंछ जाएंगे. प्रशासन से जो भी गाइडलाइन जारी होगी हम उसी तरीके से टैक्सियों का संचालन करवाएंगे.

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