लखनऊः अयोध्या में प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है. इस मंदिर के साथ ही अब राजधानी लखनऊ में उनके छोटे भाई लक्ष्मण जी के मंदिर का भी मार्ग प्रशस्त हो गया है. राजधानी के गोहना कला में लक्ष्मण मंदिर बनाने के लिए करीब 1 एकड़ जमीन प्रस्तावित की गयी है. जिसको लेकर आज भूमि पूजन किया गया. वहीं भूमि पर 81 फीट ऊंचाई की भव्य लक्ष्मण मंदिर का निर्माण किया जायेगा. जो राजधानी सहित पूरे भारत के लिए आस्था का केंद्र होगा. वहीं मंदिर के निर्माण में पूरी तरह से खाका तैयार कर उसको मूर्त रूप देने में करीब 5 साल लगेंगे.
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक अयोध्या के राजा भगवान श्रीराम ने अपने छोटे भाई लक्ष्मण को ये क्षेत्र सौंप दिया था. लक्ष्मण ने गोमती नगर के तट पर एक नगर बसाया. जिसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना गया. यही नाम बाद में बदल कर लखनऊ हो गया.
लखनऊ के बख्शी तालाब के तहत आज भूमि पूजन सुबह 8 बजे से दोपहर करीब 1 बजे तक वैदिक आचार्य मंत्र का पाठ किया गया. सेवा न्यास का गठन साल 2020 में संपन्न हुआ. पूरे देश में भिक्षाटन करके पिछले साल 2021 में श्री लक्ष्मण मंदिर बनाने को लेकर भूमि खरीदी गई. जिसको लेकर लक्ष्मण मंदिर के निर्माण को लेकर आज नींव रखी गई. मंदिर निर्माण का दायरा 1 एकड़ में किया जाएगा. वहीं लक्ष्मण मंदिर की ऊंचाई 81 फुट होगी. मंदिर के निर्माण में करीब 5 साल लगेंगे. जिसको लेकर आज भूमि
पूजन और अनुष्ठान के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू किया गया.
लक्ष्मण मंदिर को करीब 5 वर्ष में तैयार किया जाएगा. मंदिर के नक्शा और रुपरेखा मीनाक्षी तिवारी और सुनील श्रीवास्तव द्वारा तैयार किया गया है. मंदिर के मुख्य द्वार के सामने लक्ष्मण उर्मिला के साथ पूरे परिवार की मूर्ति स्थापना की जायेगी. सेवा न्यास की ओर से माता उर्मिला के नाम से 45 कमरों का एक वृद्धाश्रम भी बनवाया जायेगा. जिसको लेकर भूमि पूजन और मंत्रों का उच्चारण कर लक्ष्मण मंदिर निर्माण के कार्य की शुरुआत की गई.
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पंडित धीरेंद्र वशिष्ठ महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि आज भव्य लक्ष्मण मंदिर बनाने को लेकर भूमि पूजन अनुष्ठान किया जा रहा है. आज से करीब 5 सालों में मंदिर अपने भव्य रूप में तैयार हो जायेगा. लक्ष्मण मंदिर की ऊंचाई 81 फुट होगी. जिसके बाद श्रद्धालु लक्ष्मण मंदिर में दर्शन कर सकेंगे. वहीं बताया कि लक्ष्मण मंदिर में उर्मिला के साथ शिव परिवार और राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की जायेगी. खास बात ये है कि मंदिर परिसर के अंदर सेवा न्यास की ओर से उर्मिला के नाम पर 45 कमरों का वृद्धा आश्रम भी बनवाया जाएगा. जिस वृद्धा आश्रम में वृद्ध लोगों को रहने के लिए उचित प्रबंधन किया जायेगा.
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