लखनऊ: लाॅकडाउन के कारण मंदिर और धार्मिक कार्यक्रम आदि बंद होने के कारण पुरोहितों और पुजारियों की भी आमदनी बंद हो गई है. मंदिर से लेकर लोगों के घरों तक जो पुरोहित पूजा-पाठ कराते हैं, वह अब खाली हैं. वहीं प्रदेश सरकार ने 30 मई तक सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों को प्रतिबंधित कर रखा है.
पंडित उमाशंकर ओझा लखनऊ में पुरोहित का कार्य करते हैं. सामान्य दिनों में उन्हें कभी 500 तो कभी एक हजार रुपए प्रतिदिन मिल जाते थे. लॉकडाउन के दौरान उन्होंने एक भी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न नहीं कराया. ऐसे में उनकी कमाई बंद हो गई है.
लक्ष्मण नगरी में काफी पुरोहित रहते हैं, जो पूजा पाठ कराकर जीवन यापन करते हैं. उमाशंकर ओझा ने बताया कि जब लॉकडाउन शुरू उस समय नवरात्र का दिन चल रहा था. नवरात्र पुरोहितों के जीवन यापन का अच्छा माध्यम होता है. मौजूदा समय में लाॅकडाउन की वजह से पुरोहितों और मंदिरों के पुजारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह पुजारियों और पुरोहितों के जीवन यापन का भी ध्यान दें.