लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक और मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए कार्यवाही कर रही है वहीं दूसरी ओर जेलों में अपराधियों को मिलने वाली रियायत व मनमानी पर लगाम लगाने के लिए जेल प्रशासन सख्त नजर आ रहा है. डीजी जेल ने 12 जेलों के निरीक्षण की जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारियों को सौंपी है. 12 जिलों की जेलों के निरीक्षण के लिए 5 आईपीएस अधिकारियों की खास टीम तैयार की गई है. यह टीम 12 अप्रैल तक जांच कर रिपोर्ट डीजी जेल को देगी.
जेलों में माफियाओं की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए 5 आईपीएस अधिकारियों की टीम बनाई गई हैं जो केंद्रीय कारागार वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट,जौनपुर, आजमगढ़, वाराणसी, सोनभद्र, बलिया, मऊ, फतेहपुर और बांदा जेल का निरीक्षण करेगी. यह टीम डीजी जेल के सामने रिपोर्ट पेश करेगी.
डीजी जेल एनएस साबत ने जहां एक ओर जेलो के निरीक्षण के लिए 5 आईपीएस अधिकारियों की टीम बनाई है तो वहीं दूसरी ओर जेल अधीक्षक के साथ-साथ जिला पुलिस के सहयोग वह मॉनिटरिंग करने के लिए भी कहा है. डीजी जेल ने 12 अप्रैल तक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
जेलों में अपराधियों की मनमानी को लेकर प्रशासन सख्त
उत्तर प्रदेश की जेलों में अपराधियों को मिलने वाली रियायत व माफियाओं के नेटवर्क को समाप्त करने के लिए जेल प्रशासन सख्त नजर आ रहा है, जहां एक ओर जेलों के निरीक्षण के लिए 5 आईपीएस अधिकारियों की टीम बनाई गई है. वहीं, इससे पहले जिन जिलों में अनियमितताएं की शिकायतें मिली थी उन जिलों के जेल अधीक्षकों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए पिछले दिनों उन्हें निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के माध्यम से सरकार ने जेलों में अपराधियों की मनमानी व माफिया को मिलने वाली रियायत को न बर्दाश्त करने का सीधा संदेश दिया है.