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स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए बुलाए जा सकेंगे शिक्षक, प्रोटोकॉल का करना होगा पालन

राजधानी में सोमवार से शिक्षकों को स्कूल में जाकर ऑनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी. जिला प्रशासन की ओर से स्कूलों को इसकी छूट दे दी गई है. इतना ही नहीं प्रशासनिक कार्यों के लिए स्टाफ को भी बुलाने की छूट दी गई है.

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Published : Apr 11, 2021, 4:01 AM IST

लखनऊ: राजधानी में सोमवार से शिक्षकों को स्कूल में जाकर ऑनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी. जिला प्रशासन की ओर से स्कूलों को इसकी छूट दे दी गई है. इतना ही नहीं प्रशासनिक कार्यों के लिए स्टाफ को भी बुलाने की छूट दी गई है.

देर रात जारी हुआ आदेश

बता दें कि निजी स्कूलों की ओर से लगातार शिक्षकों और कर्मचारियों को बुलाने की छूट दिए जाने की मांग की गई थी. स्कूल प्रशासन की ओर से की गई मांगों पर जिलाधिकारी ने अपनी सहमति दे दी है. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार देर रात यह आदेश जारी किया. हालांकि इन आदेशों में साफ किया गया है कि विद्यालय में कोविड-19 प्रोटोकॉल से संबंधित शासनादेशों एवं एसओपी का अक्षरश: अनुपालन किया जाएगा.

सरकार ने 50-50 का दिया है फार्मूला

बीते दिनों कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. इसमें साफ कहा गया है कि सरकारी और निजी संस्थानों में 50% स्टाफ को ही बुलाया जाएगा. बाकी का 50% स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था लागू की जाएगी. यह आदेश राजधानी के इन निजी स्कूलों में लागू होगा या नहीं, इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.


निजी स्कूलों की ओर से था दबाव

पूर्व में जिलाधिकारी की ओर से स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए गए थे. इसमें सिर्फ परीक्षाएं या प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने की छूट दी गई थी. इसको लेकर निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से लगातार आपत्तियां जताई जा रही थीं. असल में मार्च-अप्रैल का समय स्कूलों में नेडा खेलों का समय होता है. इस दौरान स्कूल बंद होने से प्रबंधन को काफी आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ सकता है. इसलिए उनकी ओर से लगातार स्टाफ को स्कूल में बुलाने की अनुमति देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था.

इसे भी पढ़ें - BBAU ने छात्रों से हॉस्टल खाली करने का सुनाया फरमान

लखनऊ: राजधानी में सोमवार से शिक्षकों को स्कूल में जाकर ऑनलाइन कक्षाएं लेनी होंगी. जिला प्रशासन की ओर से स्कूलों को इसकी छूट दे दी गई है. इतना ही नहीं प्रशासनिक कार्यों के लिए स्टाफ को भी बुलाने की छूट दी गई है.

देर रात जारी हुआ आदेश

बता दें कि निजी स्कूलों की ओर से लगातार शिक्षकों और कर्मचारियों को बुलाने की छूट दिए जाने की मांग की गई थी. स्कूल प्रशासन की ओर से की गई मांगों पर जिलाधिकारी ने अपनी सहमति दे दी है. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने शनिवार देर रात यह आदेश जारी किया. हालांकि इन आदेशों में साफ किया गया है कि विद्यालय में कोविड-19 प्रोटोकॉल से संबंधित शासनादेशों एवं एसओपी का अक्षरश: अनुपालन किया जाएगा.

सरकार ने 50-50 का दिया है फार्मूला

बीते दिनों कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए थे. इसमें साफ कहा गया है कि सरकारी और निजी संस्थानों में 50% स्टाफ को ही बुलाया जाएगा. बाकी का 50% स्टाफ के लिए वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था लागू की जाएगी. यह आदेश राजधानी के इन निजी स्कूलों में लागू होगा या नहीं, इसको लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है.


निजी स्कूलों की ओर से था दबाव

पूर्व में जिलाधिकारी की ओर से स्कूलों को पूरी तरह से बंद करने के आदेश दिए गए थे. इसमें सिर्फ परीक्षाएं या प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने की छूट दी गई थी. इसको लेकर निजी स्कूल प्रबंधन की ओर से लगातार आपत्तियां जताई जा रही थीं. असल में मार्च-अप्रैल का समय स्कूलों में नेडा खेलों का समय होता है. इस दौरान स्कूल बंद होने से प्रबंधन को काफी आर्थिक नुकसान भुगतना पड़ सकता है. इसलिए उनकी ओर से लगातार स्टाफ को स्कूल में बुलाने की अनुमति देने के लिए दबाव बनाया जा रहा था.

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