लखनऊ : राजधानी सहित प्रदेश के कई जिलों के शिक्षक बेसिक शिक्षा कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. दरअसल, सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के एक महीने के बाद उनके पेंशन और एरियर का भुगतान हो जाना चाहिए था, लेकिन विभाग की ओर से शिक्षकों को न तो एरियर मिला है न ही पेंशन का भुगतान समय से हो रहा.
मिली जानकारी के अनुसार, रिटायरमेंट के करीब पांच माह बाद भी एरियर व पेंशन के लिए विभागीय प्रक्रिया शुरू करने के लिए शिक्षकों ने अपने-अपने कागज जमा किए थे. एनओसी मिलने के बाद भी शिक्षक बकाए भुगतान और पेंशन शुरू करने के लिए चक्कर काट रहे हैं. सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों का कहना है कि 'कार्यरत रहने के दौरान विद्यालय से जुड़े कुछ काम कराने की जिम्मेदारी उनके पास होती है, जब तक कार्य के संबंधी काम का सही से मूल्यांकन व सत्यापन न हो जाए, तब तक उनको एनओसी जारी नहीं हो पाती है. रिटायरमेंट के समय भी शिक्षकों पर यह सब दायित्व होते हैं, लेकिन लेटलतीफी के कारण ये प्रक्रिया विलंब होती है, जिसके चलते उन्हें रिटायरमेंट के बाद पेंशन व एरियर भुगतान के लिए महीनों इंतजार करना पड़ता है.'
राजधानी के मोहनलालगंज से सेवानिवृत्त हुए शिक्षक सुरेंद्र कुमार का कहना है कि 'मार्च 2023 में वह सेवानिवृत्त हुए हैं. रिटायरमेंट के बाद काम पूरा किया तो एक महीने में भुगतान हो गया, लेकिन अभी भी हज़ारों शिक्षक ऐसे है, जो अवशेष भुगतान मांगने पहुंचे तो बीओ ने देने से साफ इंकार कर दिया. आईजीआरएस पर शिकायत की तो गुमराह करने वाला जवाब भेज दिया गया, वहीं सरोजिनीनगर के शिक्षक तेज बहादुर सिंह का कहना है कि एक अप्रैल से 31 मार्च तक का बोनस मिलता है. ब्लाॅक अफसर (बीओ) अब ऑफलाइन प्रक्रिया बंद हो जाने की वजह से भुगतान से मना कर दिया है. बोनस तो हर साल मिलता है. ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने से पहले 31 मार्च 2023 को रिटायरमेंट हो गया, तो उसमें शिक्षक की क्या गलती?
इस साल 31 मार्च 2023 को लखनऊ से 48 शिक्षक व प्रधानाध्यापक रिटायर्ड हुए हैं. सभी के बोनस प्रकरण लंबित हैं. लखनऊ में ही 10 से 12 शिक्षक ऐसे हैं, जिनके अवशेष भुगतान के प्रकरण रुके हुए हैं, जबकि पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा हजारों में है. इसका मुख्य कारण मानव सम्पदा पोर्टल से डाटा डिलीट हो जाना है. दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग में अप्रैल से तमाम प्रक्रियाओं को ऑनलाइन कर दिया गया है. भुगतान संबंधी सभी प्रक्रियाएं भी ऑनलाइन हो गई हैं. उधर, बेसिक शिक्षा विभाग में लंबित कार्यों के चलते मार्च में सेवानिवृत्त हुए कुछ शिक्षकों का वेतन रोका गया था. काम पूरा होने के बाद उनके वेतन संबंधी सभी प्रक्रियाएं पूरी हो गईं और उनका डाटा मानव सम्पदा पोर्टल से डिलीट कर दिया जाता है. ऐसे शिक्षक अवशेष भुगतान के लिए ऑनलाइन आवेदन नहीं कर पा रहे हैं. शिक्षक अपने-अपने ब्लॉक के बीओ से लेकर विभाग के लेखाधिकारी के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन, उनको कहीं से भी राहत नहीं मिल रही है.
इस पूरे मामले पर एडी बेसिक लखनऊ मंडल श्याम किशोर तिवारी का कहना है कि 'ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हो जाने से भुगतान संबंधी कोई प्रक्रिया नहीं रुकेगी. बीओ को ऑफलाइन भुगतान तैयार कर रिपोर्ट लगाकर भेजनी होती है. एचआरएमएस से डाटा डिलीट होना सामान्य प्रक्रिया है. पहले भी ऑफलाइन भुगतान होते रहे हैं. जिन शिक्षकों का भी अवशेष भुगतान बकाया है, उसे ऑफलाइन कराया जाएगा. बीओ को ऑफलाइन डाटा बनाकर भेजने की सूचना दी जा रही है.'