ETV Bharat / state

यूपी में निजीकरण के खिलाफ शिक्षक कर्मचारी संगठन एकजुट, जानिए क्या बना रहे मांगें मनवाने की रणनीति

उत्तर प्रदेश में कर्मचारी संगठन और शिक्षक सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. सबसे बड़ा मुद्दा निजीकरण रोकना और पुरानी पेंशन बहाली है. चुनाव से पहले शिक्षक कर्मचारी के संयुक्त संगठन ऑल टीचर्स इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा आंदोलन करने जा रहा है.

उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश
author img

By

Published : Oct 21, 2021, 2:49 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कर्मचारी संगठन और शिक्षक अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो गए हैं. ये संगठन निजीकरण रोकने और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं. चुनाव से पहले शिक्षक-कर्मचारी के संयुक्त संगठन ऑल टीचर्स इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा आंदोलन करने की बात कह रहा है. इसकी शुरुआत शुक्रवार को पदयात्रा से की जाएगी.

लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 3 बजे लखनऊ के शहीद स्मारक से केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक पदयात्रा की जाएगी. बताया कि 21 नवंबर को शंखनाद रैली कर विपक्षी दलों का भी ध्यान आकर्षित किया जाएगा.

अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि यह पदयात्रा पूरे प्रदेश में एक रिकॉर्ड दर्ज कराएगी. इसका आयोजन प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किया जा रहा है. संगठन की ओर से निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई गई है.

इस पदयात्रा में लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस, प्रोविंशियल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन यूपी, यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन एरिगेशन डिपार्टमेंट उप्र, यूपी को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर्स एसोसिएशन, यूपी लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के साथ डार्करूम असिस्टेन्ट एसोसिएशन उप्र, राजकीय ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन उप्र, डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन, फॉर्मासिस्ट एसोसिएशन समेत अन्य संगठन शामिल है.

लुआक्टा की ओर से उप मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए यूजीसी 2018 के सनादेश लागू किए जाने की तिथि से एवं शासनादेश की तिथि तक प्रोन्नत एसोसिएट प्रोफेसर को तीन वर्ष की सेवा पूरी हो जाने के बाद स्वतः प्रोफेसर पद दिए जाने की मांग की गयी है.

यह भी पढ़ेः किसान न्याय रैली में गरजीं प्रियंका- खुद को गंगा पुत्र कहने वाले पीएम ने किसानों का किया अपमान

लखनऊः उत्तर प्रदेश में कर्मचारी संगठन और शिक्षक अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो गए हैं. ये संगठन निजीकरण रोकने और पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं. चुनाव से पहले शिक्षक-कर्मचारी के संयुक्त संगठन ऑल टीचर्स इम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन अटेवा आंदोलन करने की बात कह रहा है. इसकी शुरुआत शुक्रवार को पदयात्रा से की जाएगी.

लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि शुक्रवार दोपहर 3 बजे लखनऊ के शहीद स्मारक से केडी सिंह बाबू स्टेडियम तक पदयात्रा की जाएगी. बताया कि 21 नवंबर को शंखनाद रैली कर विपक्षी दलों का भी ध्यान आकर्षित किया जाएगा.

अटेवा प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने बताया कि यह पदयात्रा पूरे प्रदेश में एक रिकॉर्ड दर्ज कराएगी. इसका आयोजन प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर किया जा रहा है. संगठन की ओर से निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली की मांग उठाई गई है.

इस पदयात्रा में लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, लखनऊ विश्वविद्यालय सहयुक्त महाविद्यालय शिक्षक संघ, एनई रेलवे मेंस कांग्रेस, प्रोविंशियल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन यूपी, यूपी एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट मिनिस्ट्रियल सर्विसेज एसोसिएशन, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन एरिगेशन डिपार्टमेंट उप्र, यूपी को-ऑपरेटिव इंस्पेक्टर्स एसोसिएशन, यूपी लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के साथ डार्करूम असिस्टेन्ट एसोसिएशन उप्र, राजकीय ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन उप्र, डिप्लोमा फॉर्मासिस्ट राजपत्रित अधिकारी एसोसिएशन, फॉर्मासिस्ट एसोसिएशन समेत अन्य संगठन शामिल है.

लुआक्टा की ओर से उप मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर महाविद्यालयों में प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए यूजीसी 2018 के सनादेश लागू किए जाने की तिथि से एवं शासनादेश की तिथि तक प्रोन्नत एसोसिएट प्रोफेसर को तीन वर्ष की सेवा पूरी हो जाने के बाद स्वतः प्रोफेसर पद दिए जाने की मांग की गयी है.

यह भी पढ़ेः किसान न्याय रैली में गरजीं प्रियंका- खुद को गंगा पुत्र कहने वाले पीएम ने किसानों का किया अपमान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.