लखनऊ: शिक्षक दिवस के अवसर पर डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षक एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण करता है. इस अवसर पर पुरस्कृत शिक्षकों को धन्यवाद देने के साथ ही उन्होंने अपने विभाग के कामकाज के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी.
दुखी मन से अध्यापन का कार्य नहीं हो सकता- डिप्टी सीएम
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि दुखी मन से अध्यापन का कार्य नहीं हो सकता है. इसलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षकों की सभी समस्याओं का निराकरण करने का काम किया है. उत्तर प्रदेश में जिस प्रकार से ट्रांसफर पॉलिसी आपनाई गई है. मुझे लगता है कि उत्तर प्रदेश भारत में पहला राज्य है जहां इतनी पारदर्शी पॉलिसी लागू की गयी है.
नकल विहीन परीक्षा हुई सम्पन्न-
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रमाण पत्रों के सत्यापन के लिए कई बार दौड़ना पड़ता था. कई बार छह माह और साल भर लग जाता था. आज की तारीख में ऑनलाइन अंक पत्र, ऑनलाइन सत्यापन, पंजीकरण भी ऑनलाइन किए जा रहे हैं. दो से सवा दो साल के अंतराल में उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है. किसी छात्र को जेल नहीं और कोई दंड नहीं दिया गया. फिर भी नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराई गई. हमने तकनीक का उपयोग किया, जिससे छात्रों की संख्या बढ़ने के बावजूद परीक्षा केंद्र कम नहीं हुए.
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रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया तेज-
हम सब ने शिक्षा की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नियुक्तियों को पारदर्शी किया. राज्य माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग, लोक सेवा आयोग के माध्यम से रिक्त पदों की भर्ती प्रक्रिया तेज गति से चल रही है. जब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं होती तब तक हम सेवानिवृत्त शिक्षकों को एक निश्चित मानदेय पर उनकी तैनाती की जा रही है.
मुझे इस बात की खुशी है कि हाई स्कूल का 80% और इंटरमीडिएट का 70% रिजल्ट हुआ. यह शिक्षकों की मेहनत का ही परिणाम है. समय से मूल्यांकन और समय से परिणाम आ रहा है. परीक्षा कम समय में कराने से विभाग को आर्थिक लाभ भी हुआ है. एनसीईआरटी के पैटर्न पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा विभाग कार्य कर रहा है. यह सब मुख्यमंत्री जी के त्वरित गति से निर्णय लेने की वजह से सम्पन्न हो सका है.
दिनेश शर्मा,डिप्टी सीएम