लखनऊ: बांदा के प्राथमिक स्कूल की शिक्षिका अंजू गुप्ता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से नवाजा. लोगों का ध्यान उनकी शिक्षा में संस्कार अवधारणा की ओर भी गया. महापुरुषों की जीवनी के प्रेरक प्रसंगों और देशभक्त के गीतों समेत विभिन्न तरीकों से वह बच्चों को स्कूली पाठ्यक्रम से हटकर संस्कार की बहुमूल्य संपत्ति से संपन्न कर रही हैं.
शिक्षक सम्मान से नवाजा
अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद भारत रत्न नानाजी देशमुख के सानिध्य में आकर समाजोन्मुखी जीवन की शुरुआत की. 13 साल तक आदिवासी समाज के लिए काम करने के बाद उन्होंने प्राथमिक शिक्षक के तौर पर जीवन शुरू किया. इस दौरान उन्होंने प्राथमिक शिक्षा में संस्कार को महत्वपूर्ण स्थान देने पर जोर दिया.
प्रार्थना सभा के साथ देशभक्ति के गीत
अपनी अवधारणा के तहत उन्होंने स्कूल में प्रार्थना सभा के साथ ही देश भक्ति के गीत, पीटी, योग शिक्षा और हर रोज एक महापुरुष की जीवनी का वाचन अनिवार्य तौर पर शुरू किया. महापुरुषों की जीवनी बच्चों को सुनाने के साथ उन्हें महापुरुषों के जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंग का मर्म अभी बताना शुरू किया. इससे बच्चों को अपने जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास संभव हो सकेगा. उनके इस नवाचार का असर भी दिखा. जब संस्कारित और सुशिक्षित बच्चे आगे बड़े तो शिक्षक के तौर पर उनकी भी चर्चा होने लगी.
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