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Basic Education Council : प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को रिजल्ट की बजाय दी गई टीसी

बेसिक शिक्षा परिषद की लापरवाही जगजाहिर है. काम का दबाव आदि का बहाना बनाकर शिक्षक-कर्मचारी हमेशा ही कार्य में शिथिलता बरतते हैं. पिछले साल की तरह इस साल भी छात्रों को रिपोर्ट कार्ड देने में फिसड्डी साबित रहे. नतीजतन छात्रों को रिपोर्ट कार्ड देने के स्थान पर टीसी दी गई.

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Published : Mar 31, 2023, 10:55 PM IST

Basic Education Council : प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को रिजल्ट की बजाय दी गई टीसी.

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शुक्रवार को वार्षिक परीक्षा परिणाम वितरित करने का कार्यक्रम आयोजित हुआ. हालांकि इस बार राजधानी के आधे से ज्यादा विद्यालयों में बच्चों को वार्षिक परीक्षा परिणाम (रिपोर्ट कार्ड) वितरित नहीं किया जा सका. इसकी जगह पर बच्चों को केवल ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) देकर अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया गया. जानकारी के अनुसार राजधानी के करीब 60% विद्यालयों (कक्षा सातवीं और आठवीं) के छात्रों को ही रिपोर्ट कार्ड दिया गया है.

राजधानी में बेसिक शिक्षा परिषद के 1617 विद्यालय हैं. जहां पर करीब एक लाख 70 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं. विभाग के सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को करीब 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को केवल उनका परीक्षा परिणाम मौखिक ही बताया गया. बेसिक शिक्षा परिषद ने 24 मार्च को परिषदीय विद्यालय के वार्षिक परीक्षाएं समाप्त हुआ था. जिसके बाद कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य शुरू हो गया था. मूल्यांकन का 30 मार्च को समाप्त करना था और 31 मार्च को ही परिणाम जारी कर देना था. ऐसे में विभाग के शिक्षकों का कहना है कि जब 30 मार्च तक मूल्यांकन कराया गया तो स्कूलों में टेबुलेशन शीट तैयार हो पाया और नहीं समय से रिजल्ट बन सका. ऐसे में ज्यादातर स्कूलों ने कक्षा 1 से लेकर 6 तक के बच्चों को मौखिक तौर पर ही उनका परिणाम बताकर उन्हें प्रमोट कर दिया. बेसिक शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए हर बीआरसी से टेबुलेशन शीट व रिपोर्ट कार्ड मुहैया कराया जाना था, पर ज्यादातर बीआरसी से दोनों चीजें नहीं मुहैया कराए गए. इसके उलट विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया क्या कि शिक्षक अपने पास से यह दोनों चीज तैयार कर छात्रों को रिपोर्ट कार्ड वितरित कर दें.


प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की बहुत कम बच्चों को रिपोर्ट कार्ड वितरित किए गए थे. इसके कारण दूसरे विद्यालयों में प्रवेश के समय छात्रों को काफी दिक्कत हुई थी. इस बार भी रिपोर्ट कार्ड को लेकर काफी शिथिलता बरती गई है. विभाग की ओर से केवल आदेश जारी कर दिया गया कि रिपोर्ट कार्ड हर बच्चे को दिया जाए. शिक्षक इसके लिए कंपोजिट ग्रांट से धनराशि निकालकर व्यवस्था करें, पर विभाग की ओर से इसका कोई लिखित आदेश नहीं जारी किया गया. इसके बाद भी कई विद्यालयों के शिक्षकों ने बाजार से खुद ही रिपोर्ट कार्ड खरीद कर बच्चों को वितरित किया तो कई शिक्षकों ने रिपोर्ट कार्ड का एक फॉर्मेट तैयार करा कर उसकी फोटो कॉपी करा कर रिजल्ट वितरित किया है. बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग सभी विद्यालयों ने अपने एक से पांच तक के विद्यार्थियों को केवल मौखिक रिजल्ट बता कर खानापूर्ति कर दी. इस पूरे मामले पर लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि विद्यालयों को रिजल्ट वितरण करने के लिए निर्देश समय पर दिए गए थे. जिन विद्यालयों में छात्रों को रिपोर्ट कार्ड नहीं दिया गया है उनकी सूचना प्राप्त होने पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कारवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ें : अटाला बवाल के मास्टर माइंड जावेद पंप की जमानत हाईकोर्ट ने की मंजूर

Basic Education Council : प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को रिजल्ट की बजाय दी गई टीसी.

लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शुक्रवार को वार्षिक परीक्षा परिणाम वितरित करने का कार्यक्रम आयोजित हुआ. हालांकि इस बार राजधानी के आधे से ज्यादा विद्यालयों में बच्चों को वार्षिक परीक्षा परिणाम (रिपोर्ट कार्ड) वितरित नहीं किया जा सका. इसकी जगह पर बच्चों को केवल ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) देकर अगली कक्षाओं में प्रमोट कर दिया गया. जानकारी के अनुसार राजधानी के करीब 60% विद्यालयों (कक्षा सातवीं और आठवीं) के छात्रों को ही रिपोर्ट कार्ड दिया गया है.

राजधानी में बेसिक शिक्षा परिषद के 1617 विद्यालय हैं. जहां पर करीब एक लाख 70 हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं. विभाग के सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को करीब 35 हजार से अधिक विद्यार्थियों को केवल उनका परीक्षा परिणाम मौखिक ही बताया गया. बेसिक शिक्षा परिषद ने 24 मार्च को परिषदीय विद्यालय के वार्षिक परीक्षाएं समाप्त हुआ था. जिसके बाद कॉपियों के मूल्यांकन का कार्य शुरू हो गया था. मूल्यांकन का 30 मार्च को समाप्त करना था और 31 मार्च को ही परिणाम जारी कर देना था. ऐसे में विभाग के शिक्षकों का कहना है कि जब 30 मार्च तक मूल्यांकन कराया गया तो स्कूलों में टेबुलेशन शीट तैयार हो पाया और नहीं समय से रिजल्ट बन सका. ऐसे में ज्यादातर स्कूलों ने कक्षा 1 से लेकर 6 तक के बच्चों को मौखिक तौर पर ही उनका परिणाम बताकर उन्हें प्रमोट कर दिया. बेसिक शिक्षकों का कहना है कि परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए हर बीआरसी से टेबुलेशन शीट व रिपोर्ट कार्ड मुहैया कराया जाना था, पर ज्यादातर बीआरसी से दोनों चीजें नहीं मुहैया कराए गए. इसके उलट विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया क्या कि शिक्षक अपने पास से यह दोनों चीज तैयार कर छात्रों को रिपोर्ट कार्ड वितरित कर दें.


प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष की बहुत कम बच्चों को रिपोर्ट कार्ड वितरित किए गए थे. इसके कारण दूसरे विद्यालयों में प्रवेश के समय छात्रों को काफी दिक्कत हुई थी. इस बार भी रिपोर्ट कार्ड को लेकर काफी शिथिलता बरती गई है. विभाग की ओर से केवल आदेश जारी कर दिया गया कि रिपोर्ट कार्ड हर बच्चे को दिया जाए. शिक्षक इसके लिए कंपोजिट ग्रांट से धनराशि निकालकर व्यवस्था करें, पर विभाग की ओर से इसका कोई लिखित आदेश नहीं जारी किया गया. इसके बाद भी कई विद्यालयों के शिक्षकों ने बाजार से खुद ही रिपोर्ट कार्ड खरीद कर बच्चों को वितरित किया तो कई शिक्षकों ने रिपोर्ट कार्ड का एक फॉर्मेट तैयार करा कर उसकी फोटो कॉपी करा कर रिजल्ट वितरित किया है. बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग सभी विद्यालयों ने अपने एक से पांच तक के विद्यार्थियों को केवल मौखिक रिजल्ट बता कर खानापूर्ति कर दी. इस पूरे मामले पर लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी अरुण कुमार का कहना है कि विद्यालयों को रिजल्ट वितरण करने के लिए निर्देश समय पर दिए गए थे. जिन विद्यालयों में छात्रों को रिपोर्ट कार्ड नहीं दिया गया है उनकी सूचना प्राप्त होने पर ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कारवाई की जाएगी.

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