ETV Bharat / state

तरोई और भिंडी की कीमतों ने फिर पकड़ी रफ्तार, मटर टमाटर कद्दू समेत कई सब्जियों के दाम आधे

सर्दी का असर उत्तर प्रदेश के जनजीवन के साथ अब सब्जियों की पैदावार पर भी दिखने लगा है. बीते कई महीनों के बाद कम हुए हरी सब्जियों के दाम में अब फिर से बढ़ने लगे हैं. ऐसा स्थानीय बाड़ियों (सब्जी के खेतों) से आवक कम होने के चलते हुआ है. ठंड और पाले से सब्जियों की पैदावार प्रभावित हो रहा है.

c
c
author img

By

Published : Jan 3, 2023, 6:56 AM IST

लखनऊ : प्रदेश में पिछले एक महीने की महंगाई के बाद हरी सब्जियों (green vegetables) से रसोई सजने लगी थी. स्थानीय बाड़ियों से थोक मंडी में भरपूर आवक होने से सब्जियों के दाम में कमी आई थी. इसका असर आम आदमी के रसोई घरों में दिखने लगा था, मगर स्थानीय आवक में तरोई और भिंडी की आवक कम होने से एक बार फिर दाम बढ़ गए हैं. हालांकि तरोई और भिंडी को छोड़कर बाकी हरी सब्जियों के दाम अभी राहत देने वाले हैं. गर्मी से लेकर अब तक महंगे दाम पर बिकने वाले टमाटर की कीमत आधी हो गई है. नीबू के साथ ही आलू, हरी मटर, कद्दू, पालक व अन्य सब्जियों के दाम (prices of green vegetables) कम हुए हैं.

लखनऊ की दुबग्गा स्थित थोक सब्जी मंडी (Lucknow's Dubagga wholesale vegetable market) में गर्मी के सीजन में 50 से 60 रुपये किलोग्राम पर बिकने वाला टमाटर अब काफी सस्ता (tomatoes are now very cheap) है. इस वक्त टमाटर 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाजारों में बिक रहा है. हालांकि मंडी से खुदरा बाजार में पहुंचते ही सब्जियों के दाम दोगुने (double the price of vegetables) से भी ज्यादा हो जाते हैं. आइए जानते हैं (3 जनवरी) को किन दामों पर बिकीं हरी सब्जियां. मंगवार को नया आलू 25 रुपये किलो, प्याज-20 रुपये किलो, टमाटर-20 रुपये किलो, आलू-15 रुपये किलो, नीबू-30 रुपये किलो, तरोई- 45 रुपये किलो, लहसुन-30 रुपये किलो, करेला-40 रुपये किलो, परवल-40 रुपये किलो, मटर-20 रुपये किलो, सेम-60 रुपये किलो, शिमला मिर्च-20 रुपये किलो, कद्दू-15 रुपये किलो, लौकी- 20 रुपये किलो, पालक-30 रुपये किलो, भिंडी-60 रुपये किलो, मिर्च-50 रुपये किलो, गोभी-10 रुपये पर पीस, गाजर-10 रुपये प्रति किलोग्राम बिका,

दुबग्गा स्थित नवीन सब्जी मंडी के महामंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain, General Secretary, New Vegetable Market, Dubagga) ने बताया कि तरोई और भिंडी की पैदावार (Okra yield less) स्थानीय बाड़ियों में कम होने से दाम बढ़े हुए हैं. यह सब्जियां बाहर से आ रही हैं, इस कारण इनके दाम बढ़ गए है. फिलहाल अन्य सब्जियां जिनकी आवक स्थानीय बाड़ियों से हो रही है, उनके दाम स्थिर बने हुए हैं. आने वाले दिनों में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी के आसार (Expectation of increase in prices of vegetables) दिखाई पड़ रहे हैं, क्योंकि 15 जनवरी के बाद से सहालग का सीजन शुरू हो रहा है.

लखनऊ : प्रदेश में पिछले एक महीने की महंगाई के बाद हरी सब्जियों (green vegetables) से रसोई सजने लगी थी. स्थानीय बाड़ियों से थोक मंडी में भरपूर आवक होने से सब्जियों के दाम में कमी आई थी. इसका असर आम आदमी के रसोई घरों में दिखने लगा था, मगर स्थानीय आवक में तरोई और भिंडी की आवक कम होने से एक बार फिर दाम बढ़ गए हैं. हालांकि तरोई और भिंडी को छोड़कर बाकी हरी सब्जियों के दाम अभी राहत देने वाले हैं. गर्मी से लेकर अब तक महंगे दाम पर बिकने वाले टमाटर की कीमत आधी हो गई है. नीबू के साथ ही आलू, हरी मटर, कद्दू, पालक व अन्य सब्जियों के दाम (prices of green vegetables) कम हुए हैं.

लखनऊ की दुबग्गा स्थित थोक सब्जी मंडी (Lucknow's Dubagga wholesale vegetable market) में गर्मी के सीजन में 50 से 60 रुपये किलोग्राम पर बिकने वाला टमाटर अब काफी सस्ता (tomatoes are now very cheap) है. इस वक्त टमाटर 20 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बाजारों में बिक रहा है. हालांकि मंडी से खुदरा बाजार में पहुंचते ही सब्जियों के दाम दोगुने (double the price of vegetables) से भी ज्यादा हो जाते हैं. आइए जानते हैं (3 जनवरी) को किन दामों पर बिकीं हरी सब्जियां. मंगवार को नया आलू 25 रुपये किलो, प्याज-20 रुपये किलो, टमाटर-20 रुपये किलो, आलू-15 रुपये किलो, नीबू-30 रुपये किलो, तरोई- 45 रुपये किलो, लहसुन-30 रुपये किलो, करेला-40 रुपये किलो, परवल-40 रुपये किलो, मटर-20 रुपये किलो, सेम-60 रुपये किलो, शिमला मिर्च-20 रुपये किलो, कद्दू-15 रुपये किलो, लौकी- 20 रुपये किलो, पालक-30 रुपये किलो, भिंडी-60 रुपये किलो, मिर्च-50 रुपये किलो, गोभी-10 रुपये पर पीस, गाजर-10 रुपये प्रति किलोग्राम बिका,

दुबग्गा स्थित नवीन सब्जी मंडी के महामंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain, General Secretary, New Vegetable Market, Dubagga) ने बताया कि तरोई और भिंडी की पैदावार (Okra yield less) स्थानीय बाड़ियों में कम होने से दाम बढ़े हुए हैं. यह सब्जियां बाहर से आ रही हैं, इस कारण इनके दाम बढ़ गए है. फिलहाल अन्य सब्जियां जिनकी आवक स्थानीय बाड़ियों से हो रही है, उनके दाम स्थिर बने हुए हैं. आने वाले दिनों में सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी के आसार (Expectation of increase in prices of vegetables) दिखाई पड़ रहे हैं, क्योंकि 15 जनवरी के बाद से सहालग का सीजन शुरू हो रहा है.

यह भी पढ़ें : आज यूपी में प्रवेश करेगी भारत जोड़ो यात्रा, कांग्रेस अध्यक्ष सहित प्रदेश कमेटी ने रात से ही डाल दिया डेरा

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.