लखनऊ: कोविड-19 महामारी की दहशत में जी रहे जनमानस में सृजनात्मक एवं संगीतात्मक ऊर्जा के संचार के लिए उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी के तहत गुरुवार को 'तबला वादन में घरानों का प्रयोगात्मक सौन्दर्य' (उत्तर प्रदेश के घरानों के संदर्भ में) पर ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया.
ये तबला वादक हुए शामिल
वेबिनार में तबला विशेषज्ञ के रूप में वाराणसी से प्रो. प्रवीण उद्धव, लखनऊ से पं. रविनाथ मिश्रा, उस्ताद इलमास हुसैन और चित्रकूट से डाॅ. विवेक फड़नीस सम्मिलित हुए. वेबिनार का शुभारंभ अकादमी के सचिव डाॅ. दिनेश चन्द्र के स्वागत उद्बोधन से आरम्भ हुआ.
विभिन्न घरानों के तबला वादन के बारे में दी जानकारी
वेबिनार में प्रो. प्रवीण उद्धव ने फर्रुखाबाद घराने के प्रयोगात्मक सौन्दर्य के बारे में कायदा, रेला एवं गतों के वादन शैली के बारे में बताया. प्रसिद्ध पं. रवि नाथ मिश्र ने वाराणसी घरानों के सौन्दर्य के बारे में बताते हुए उठान, बनारसी उपज अंग, कायदों के विस्तार का नियम एवं फर्दी गतों का वादन एवं पढ़न्त के सौंदर्य पक्ष पर अपने विचार एवं मंचीय अनुभव को सांझा किया. उस्ताद इलमास हुसैन ने लखनऊ घराने के सौन्दर्य के बारे में बताते हुए लौ का बाज एवं कायदों को बताया. अन्त में चित्रकूट से शामिल हुए डाॅ. विवेक फड़नीस ने अजराड़ा घराने के आड़ लय के कायदों एवं रेले का विस्तृत वर्णन किया.
अकादमी सचिव ने दिया धन्यवाद
अकादमी सचिव डाॅ. दिनेश चन्द्र ने सभी विद्धानजनों और कलाकारों का धन्यवाद ज्ञापन किया. वेबिनार का संचालन रेनू श्रीवास्तव ने किया. तकनीकी कार्य पवन कुमार ने किया. वेबिनार को 6,000 लोगों ने देखा.