लखनऊ : अपने विवादित बयानों के जरिए चर्चा में आए समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को मीटिंग के लिए बुलाया. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य सपा कार्यालय पहुंचे और यहां पर अखिलेश यादव और उनके बीच काफी देर तक चर्चा हुई. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि लगातार रामचरितमानस और सनातन धर्म के साथ ही साधु संतों पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई है. अखिलेश ने कहा है कि इससे पार्टी को घाटा हो सकता है. लिहाजा, नियंत्रण रखें. हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद इस विषय पर अपना पक्ष रखने के बजाय कहा कि सभी मुद्दों पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही जवाब देंगे.
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद बाहर निकले स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से विभिन्न मुद्दों को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर मंथन हुआ. पार्टी ने तय किया है कि जातिगत जनगणना की मांग की जाएगी. पार्टी की तरफ से जाति आधारित जनगणना को लेकर जल्द ही केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा जाएगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ तौर पर कहा कि समाजवादी पार्टी पिछड़ों, अनुसूचित जाति और जनजाति की लड़ाई लड़ेगी. उनके आरक्षण के लिए मैदान में उतरेगी. भारतीय जनता पार्टी लगातार इन वर्गों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि बयानों को लेकर चर्चा हुई है. मैंने कुछ भी गलत नहीं बोला है. बाकी इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सनातन धर्म को राष्ट्रीय धर्म बताए जाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वे कहते रहें. इसका जवाब उन्हें सदन में नेता विपक्ष की तरफ से जरूर दिया जाएगा.
बता दें, पिछले कुछ दिनों से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं. आज ही उन्होंने संत महात्माओं और सनातन धर्म को लेकर भी विवादित बयान दिया है. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और जवाब मांगा जा रहा है. अखिलेश यादव ने इसी सिलसिले में स्वामी प्रसाद मौर्य को दफ्तर में बुलाकर चर्चा की है.
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Swami Prasad Maurya Met Akhilesh Yadav : मीडिया से कहा, जाति आधारित जनगणना की मांग करेगी पार्टी, विवादित बयानों से मुंह फेरा - स्वामी प्रसाद मौर्य को मिली नसीहत
समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने शनिवार दोपहर को राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Swami Prasad Maurya Met Akhilesh Yadav) से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि उन्हें विवादित बयानों को लेकर तलब किया गया था. मीडिया से बातचीत में भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कोई खास बात नहीं. हालांकि जाति आधारित जनगणना समेत कुछ मुद्दे बताकर निकल गए.
लखनऊ : अपने विवादित बयानों के जरिए चर्चा में आए समाजवादी पार्टी के नेता और विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को मीटिंग के लिए बुलाया. इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य सपा कार्यालय पहुंचे और यहां पर अखिलेश यादव और उनके बीच काफी देर तक चर्चा हुई. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि लगातार रामचरितमानस और सनातन धर्म के साथ ही साधु संतों पर स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणी पर अखिलेश यादव ने नाराजगी जताई है. अखिलेश ने कहा है कि इससे पार्टी को घाटा हो सकता है. लिहाजा, नियंत्रण रखें. हालांकि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद इस विषय पर अपना पक्ष रखने के बजाय कहा कि सभी मुद्दों पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही जवाब देंगे.
अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद बाहर निकले स्वामी प्रसाद मौर्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से विभिन्न मुद्दों को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर मंथन हुआ. पार्टी ने तय किया है कि जातिगत जनगणना की मांग की जाएगी. पार्टी की तरफ से जाति आधारित जनगणना को लेकर जल्द ही केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा जाएगा. स्वामी प्रसाद मौर्य ने साफ तौर पर कहा कि समाजवादी पार्टी पिछड़ों, अनुसूचित जाति और जनजाति की लड़ाई लड़ेगी. उनके आरक्षण के लिए मैदान में उतरेगी. भारतीय जनता पार्टी लगातार इन वर्गों के साथ अन्याय कर रही है. उन्होंने कहा कि बयानों को लेकर चर्चा हुई है. मैंने कुछ भी गलत नहीं बोला है. बाकी इस बारे में मुझे कुछ नहीं कहना है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सनातन धर्म को राष्ट्रीय धर्म बताए जाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि वे कहते रहें. इसका जवाब उन्हें सदन में नेता विपक्ष की तरफ से जरूर दिया जाएगा.
बता दें, पिछले कुछ दिनों से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार रामचरित मानस को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं. आज ही उन्होंने संत महात्माओं और सनातन धर्म को लेकर भी विवादित बयान दिया है. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी की तरफ से अखिलेश यादव से स्वामी प्रसाद मौर्य के बयानों को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और जवाब मांगा जा रहा है. अखिलेश यादव ने इसी सिलसिले में स्वामी प्रसाद मौर्य को दफ्तर में बुलाकर चर्चा की है.
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