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एलडीए के अवैध आवंटन में मिले मुलायम की समधन के संदिग्ध हस्ताक्षर

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Published : Oct 6, 2021, 7:56 PM IST

एलडीए की मानसरोवर योजना में भूखण्ड के फर्जी आवंटन के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन अम्बी बिष्ट के संदिग्ध हस्ताक्षर पाए गए हैं. अम्बी बिष्ट सपा सरकार में एलडीए की उप सचिव थीं.

मुलायम सिंह यादव की समधन.
मुलायम सिंह यादव की समधन.

लखनऊ: एलडीए की मानसरोवर योजना में भूखण्ड के फर्जी आवंटन के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन अम्बी बिष्ट के संदिग्ध हस्ताक्षर पाए गए हैं. अम्बी बिष्ट सपा सरकार में एलडीए की उप सचिव थीं. यह मामला बुधवार की शाम खुला है.

जिस भूखंड का फर्जी आवंटन किया गया है. उसकी आवंटी ने एक अन्य प्लॉट को अपना बताकर कब्जा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद में यह शिकायत एलडीए में की गई है. अब इस संदिग्ध आवंटन की रजिस्ट्री से जुड़े कागज रजिस्ट्री विभाग भेजे जा रहे हैं, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी किया जा सका.

प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि यह मामला मानसरोवर योजना कानपुर रोड का है. जहां की आवंटी शिल्पी द्विवेदी नाम की महिला है. जिसका आरोप है कि कुछ लोग उसके भूखंड को अपना बताकर उस पर कब्जा करना चाहते हैं. मामले की जांच का आगाज हुआ तो पता चला कि आरोपित पक्ष के पास भी प्लॉट के मिलते जुलते नम्बर की एक रजिस्ट्री है.

इसे भी पढ़ें- एलडीए में करीब 15 साल तक भटका डिप्टी सीएम का रिश्तेदार, अब जाकर हुई प्लाट की रजिस्ट्री

जिसके बाद आरोपित पक्ष के कागजों की जांच करवाई गई तो उस भूखंड के एलडीए में अस्तित्व का कोई प्रमाण ही नहीं मिला है. जिसके बाद कागजों पर कई जगह तत्कालीन उप सचिव अम्बी बिष्ट के साइन मिले हैं. अम्बी बिष्ट वर्तमान में नगर निगम लखनऊ में जोनल अधिकारी है.

अपर सचिव का कहना है कि ये दस्तखत वास्तविक हैं या फर्जी, इसकी जांच की जानी है. जिसके बाद में किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा. फिलहाल सारे कागज रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्री विभाग भेजे जा रहे हैं. ताकि यह पता चले कि पूरी रजिस्ट्री ही फर्जी है या फिर इसमें एलडीए का कोई लेना देना है.

लखनऊ: एलडीए की मानसरोवर योजना में भूखण्ड के फर्जी आवंटन के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन अम्बी बिष्ट के संदिग्ध हस्ताक्षर पाए गए हैं. अम्बी बिष्ट सपा सरकार में एलडीए की उप सचिव थीं. यह मामला बुधवार की शाम खुला है.

जिस भूखंड का फर्जी आवंटन किया गया है. उसकी आवंटी ने एक अन्य प्लॉट को अपना बताकर कब्जा करना शुरू कर दिया. जिसके बाद में यह शिकायत एलडीए में की गई है. अब इस संदिग्ध आवंटन की रजिस्ट्री से जुड़े कागज रजिस्ट्री विभाग भेजे जा रहे हैं, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी किया जा सका.

प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि यह मामला मानसरोवर योजना कानपुर रोड का है. जहां की आवंटी शिल्पी द्विवेदी नाम की महिला है. जिसका आरोप है कि कुछ लोग उसके भूखंड को अपना बताकर उस पर कब्जा करना चाहते हैं. मामले की जांच का आगाज हुआ तो पता चला कि आरोपित पक्ष के पास भी प्लॉट के मिलते जुलते नम्बर की एक रजिस्ट्री है.

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जिसके बाद आरोपित पक्ष के कागजों की जांच करवाई गई तो उस भूखंड के एलडीए में अस्तित्व का कोई प्रमाण ही नहीं मिला है. जिसके बाद कागजों पर कई जगह तत्कालीन उप सचिव अम्बी बिष्ट के साइन मिले हैं. अम्बी बिष्ट वर्तमान में नगर निगम लखनऊ में जोनल अधिकारी है.

अपर सचिव का कहना है कि ये दस्तखत वास्तविक हैं या फर्जी, इसकी जांच की जानी है. जिसके बाद में किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकेगा. फिलहाल सारे कागज रजिस्ट्री के लिए रजिस्ट्री विभाग भेजे जा रहे हैं. ताकि यह पता चले कि पूरी रजिस्ट्री ही फर्जी है या फिर इसमें एलडीए का कोई लेना देना है.

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