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CM आवास चौराहे समेत 70 जगहों के सीसीटीवी सर्विलांस ठप, सपा सरकार में लगाए गए थे 280 हाईटेक कैमरे

राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास समेत 70 चौराहों पर लगाए गए 280 कैमरे पांच महीने से बंद पड़े हैं. इसके पीछे की वजह बजट की कमी बताई जा रही है. भुगतान न मिलने के कारण रखरखाव करने वाली कंपनी ने अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं.

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Published : Aug 12, 2023, 4:41 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में डीजीपी के निर्देश पर ऑपरेशन दृष्टि चलाया जा रहा है. जिसके तहत राज्य भर में अब तक 52 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं, लेकिन एक तस्वीर राजधानी की ऐसी भी जहां अपराधियों पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री आवास समेत 70 चौराहों पर लगाए गए 280 कैमरे बीते पांच माह से बंद पड़े हैं. इसके पीछे की वजह बजट की कमी बताई जा रही है. इसके चलते रखरखाव करने वाली कंपनी ने अपने हाथ पीछे कर लिए हैं.

लखनऊ में सीसीटीवी.
लखनऊ में सीसीटीवी.


हाल ही में उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि, राज्य में ऑपरेशन दृष्टि चलाया जा रहा है, इसके तहत अब तक 52000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके है। हालांकि राजधानी इसके प्रति कितनी गंभीर है उसका अंदाजा इस बात से लगता है कि, अपराधियों पर नजर रखने के लिए शहर में लगाए गए 280 कैमरे बजट के अभाव में बंद पड़े है। इसमें वो कैमरे भी शामिल है, जो मुख्यमंत्री चौराहे पर लगाए गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी नौबत आई ही क्यों और जब हाईटेक सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे तो बंद क्यों हुए ?

लखनऊ में सीसीटीवी.
लखनऊ में सीसीटीवी.

दरअसल, पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार में लखनऊ पुलिस के सर्विलांस सिस्टम को हाईटेक बनाने के लिए वर्ष 2015 में दृष्टि प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इस योजना के तहत शहर के 70 चौराहों पर कुल 280 सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। उस वक्त इन कैमरों को लगाने और रखरखाव करने के लिए महिंद्रा डिफेंस कंपनी हायर किया गया था। यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद वर्ष 2018 को इन कमरों को ऑपरेट करने और उनका मेंटीनेंस करने की जिम्मेदारी टेकयॉन नेटवर्क्स को दी गई। लेकिन इन कैमरों को ऑपरेट करने, उनका मेंटिंसन करने में आने वाला खर्चा कंपनी को वर्ष 2021 तक तो मिला लेकिन उसके बाद उसे रोक दिया गया। कंपनी के मुताबिक वर्ष 2021 में नवंबर से अब तक उनका भुगतान नहीं किया गया।

लखनऊ में सीसीटीवी.
लखनऊ में सीसीटीवी.


मुख्यमंत्री आवास चौराहे पर लगे कैमरे भी बंद : दृष्टि प्रोजेक्ट के तहत गोल्फ क्लब चौराहे (मुख्यमंत्री आवास चौराहा) पर हाईटेक कैमरे लगे हैं. यहां भी कैमरे बंद हो गए. इसके अलावा अकबरी गेट, आलमबाग, अहिमामऊ, बालागंज, बंगला बाजार, बाराबीरवा, बासमंडी, बुद्धेश्वर , बर्लिंगटन, चंदरनगर, चिक मंडी, चिरैया झील, कन्वेंशन सेंटर, दैनिक जागरण, दयाल पैराडाइज, डालीगंज, एल्डिको मोड़, फन रिपब्लिक, गांधी सेतु, घंटा बैग, गोल मार्केट, पोलितिकनिक चौराहा, हनुमान मंदिर, हजरतगंज, हुसड़िया, आईआईएम, जीवनप्लाजा, कैसरबाग, कपूरथला, लालबाग लाल बत्ती, मेडिकल कॉलेज, मुंशी पुलिया, नाका, नक्कास, नत्था, निशातगंज, पक्का पुल, परिवर्तन चौराहा, पार्क रोड, पीजीआई और समता मूलक समेत 70 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जो अब बंद पड़े हैं.





यह भी पढ़ें : दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित थी महिला, केजीएमयू में सर्जरी कर डॉक्टरों ने छह मिनट में बचाई जिंदगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में डीजीपी के निर्देश पर ऑपरेशन दृष्टि चलाया जा रहा है. जिसके तहत राज्य भर में अब तक 52 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं, लेकिन एक तस्वीर राजधानी की ऐसी भी जहां अपराधियों पर नजर रखने के लिए मुख्यमंत्री आवास समेत 70 चौराहों पर लगाए गए 280 कैमरे बीते पांच माह से बंद पड़े हैं. इसके पीछे की वजह बजट की कमी बताई जा रही है. इसके चलते रखरखाव करने वाली कंपनी ने अपने हाथ पीछे कर लिए हैं.

लखनऊ में सीसीटीवी.
लखनऊ में सीसीटीवी.


हाल ही में उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि, राज्य में ऑपरेशन दृष्टि चलाया जा रहा है, इसके तहत अब तक 52000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके है। हालांकि राजधानी इसके प्रति कितनी गंभीर है उसका अंदाजा इस बात से लगता है कि, अपराधियों पर नजर रखने के लिए शहर में लगाए गए 280 कैमरे बजट के अभाव में बंद पड़े है। इसमें वो कैमरे भी शामिल है, जो मुख्यमंत्री चौराहे पर लगाए गए थे। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऐसी नौबत आई ही क्यों और जब हाईटेक सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे तो बंद क्यों हुए ?

लखनऊ में सीसीटीवी.
लखनऊ में सीसीटीवी.

दरअसल, पूर्व की समाजवादी पार्टी की सरकार में लखनऊ पुलिस के सर्विलांस सिस्टम को हाईटेक बनाने के लिए वर्ष 2015 में दृष्टि प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। इस योजना के तहत शहर के 70 चौराहों पर कुल 280 सर्विलांस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। उस वक्त इन कैमरों को लगाने और रखरखाव करने के लिए महिंद्रा डिफेंस कंपनी हायर किया गया था। यूपी में बीजेपी सरकार बनने के बाद वर्ष 2018 को इन कमरों को ऑपरेट करने और उनका मेंटीनेंस करने की जिम्मेदारी टेकयॉन नेटवर्क्स को दी गई। लेकिन इन कैमरों को ऑपरेट करने, उनका मेंटिंसन करने में आने वाला खर्चा कंपनी को वर्ष 2021 तक तो मिला लेकिन उसके बाद उसे रोक दिया गया। कंपनी के मुताबिक वर्ष 2021 में नवंबर से अब तक उनका भुगतान नहीं किया गया।

लखनऊ में सीसीटीवी.
लखनऊ में सीसीटीवी.


मुख्यमंत्री आवास चौराहे पर लगे कैमरे भी बंद : दृष्टि प्रोजेक्ट के तहत गोल्फ क्लब चौराहे (मुख्यमंत्री आवास चौराहा) पर हाईटेक कैमरे लगे हैं. यहां भी कैमरे बंद हो गए. इसके अलावा अकबरी गेट, आलमबाग, अहिमामऊ, बालागंज, बंगला बाजार, बाराबीरवा, बासमंडी, बुद्धेश्वर , बर्लिंगटन, चंदरनगर, चिक मंडी, चिरैया झील, कन्वेंशन सेंटर, दैनिक जागरण, दयाल पैराडाइज, डालीगंज, एल्डिको मोड़, फन रिपब्लिक, गांधी सेतु, घंटा बैग, गोल मार्केट, पोलितिकनिक चौराहा, हनुमान मंदिर, हजरतगंज, हुसड़िया, आईआईएम, जीवनप्लाजा, कैसरबाग, कपूरथला, लालबाग लाल बत्ती, मेडिकल कॉलेज, मुंशी पुलिया, नाका, नक्कास, नत्था, निशातगंज, पक्का पुल, परिवर्तन चौराहा, पार्क रोड, पीजीआई और समता मूलक समेत 70 चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे जो अब बंद पड़े हैं.





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