लखनऊः प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत के दौरान अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आजादी के बाद से जितने मेडिकल कॉलेज नहीं बन सके, उससे कहीं ज्यादा योगी सरकार में बन रहे हैं. वहीं राजस्थान के कोटा में 100 बच्चों की मौत पर विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि बिना मुद्दे के धरना करने वाले लोग वहां ठीक से काम करें तो अच्छा होगा.
प्रदेश को मिलेंगे 700 डॉक्टर
सुरेश खन्ना ने कहा कि 2019 में हमने प्रदेश में 700 एमबीबीएस की सीटें बढ़ाई हैं. 7 मेडिकल कॉलेजों की शुरुआत की है. प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन थे, उनका कार्य पूरा करा कर उन कॉलेजों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है. पांच स्वशासी कॉलेज हैं. कुल मिलाकर 700 डॉक्टर अगले साढ़े चार वर्ष में पढ़ाई पूरी करके प्रदेश को मिलेंगे.
आठ मेडिकल कॉलेज हैं निर्माणाधीन
मंत्री ने कहा आजादी से लेकर 2016 तक प्रदेश में सरकारी केवल 13 मेडिकल कॉलेज थे और अब 30 मेडिकल कॉलेज बनने जा रहे हैं. यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. डॉक्टर की कमी की वजह से हमारी सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पताल में तमाम पद खाली रहते थे. मुझे लगता है कि इससे बहुत तेजी से भरे जा सकेंगे. यह बहुत ही सुखद है. आठ मेडिकल कॉलेज अभी निर्माणाधीन हैं और इसके अतिरिक्त 13 अन्य मेडिकल कॉलेजों का अप्रूवल मिल गया है. बलरामपुर और जौनपुर मेडिकल कॉलेज पहले से बन रहे हैं. कुल मिलाकर 30 मेडिकल कॉलेज प्रदेश को मिलेंगे.
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राजस्थान की घटना पर ध्यान दे विपक्ष
राजस्थान में 100 बच्चों की मृत्यु पर मंत्री ने कहा कि हमारी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं. जो बच्चे अपनी जान गवां दिये हैं, हम इसके ऊपर कोई राजनीति नहीं करना चाहते. जिस परिस्थिति में भी हुआ, वह बहुत ही दुखद है. इस घटना की जांच भी हो और हम उन बच्चों के परिवारों के प्रति संवेदना रखना चाहते हैं. यहां पर बहुत से लोग ऐसे हैं, वह चाहे कांग्रेस के हों, चाहे दूसरे दलों के, हमारी सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाते हैं, उनको देखना चाहिए कि इस प्रकार की घटनाएं न हों.
चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को ऐसे लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करनी चाहिए. राजनीति में आने का मतलब ही है कि जिंदगी में किसी न किसी रूप में जनता को राहत पहुंचाएं. उनकी जिंदगी आसान बनाने के लिए आए हैं न कि जटिल बनाने. यहां तो जरा-जरा सी बात पर आंदोलन कर लेते हैं. मुद्दा हो या न हो, यह लोग यहां तो धरना करते रहते हैं, लेकिन वहां जाकर उनको राहत का कार्य पहुंचाएं तो अच्छा होगा.